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यूक्रेन विवाद: गंभीर मतभेदों के बावजूद बाइडन और पुतिन के बीच फिर हो सकती है वार्ता

एजेंसी, मॉस्को।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 13 Dec 2021 04:01 AM IST

सार

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से यह वार्ता यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी देने के लिए की थी।

दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत होगी।
– फोटो : ANI

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यूक्रेन पर अमेरिकी आरोपों और चेतावनी के बावजूद रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भविष्य में वार्ता पर सहमत हो गए हैं। ब्रिटेन के लिवरपूल शहर में हो रही जी 7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में मुख्य चर्चा रूस और चीन पर ही केंद्रित रही है।

क्रेमलिन ने कहा कि सात दिसंबर को वीडियो कॉल के जरिये हुई वार्ता में दोनों नेताओं ने बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई थी। दोनों नेताओं ने पूर्व और पश्चिम के बीच के संबंधों में सुधार की आवश्यकता जताई थी। बाइडन से यह वार्ता यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी देने के लिए की थी। जबकि पुतिन ने बाइडन से गारंटी मांगी है कि नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) अपनी सीमा नहीं बढ़ाएगा, यानी यूक्रेन को को उसमें शामिल नहीं करेगा।

अमेरिका ने रूस को कड़े  प्रतिबंधों की चेतावनी दी
अमेरिका ने रूस को जी 7 के मंच से भी कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की चेतावनी दी जिसका ब्रिटेन ने भी समर्थन किया। फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा ने भी इस पर सहमति जताई है। इसके तहत सभी देश मिलकर रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकते हैं। इसी के साथ जी 7 देशों के विदेश मंत्रियों ने हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों पर भी चर्चा की है। इस स्थिति से निपटने के लिए एकजुट हो कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

विस्तार

यूक्रेन पर अमेरिकी आरोपों और चेतावनी के बावजूद रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भविष्य में वार्ता पर सहमत हो गए हैं। ब्रिटेन के लिवरपूल शहर में हो रही जी 7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में मुख्य चर्चा रूस और चीन पर ही केंद्रित रही है।

क्रेमलिन ने कहा कि सात दिसंबर को वीडियो कॉल के जरिये हुई वार्ता में दोनों नेताओं ने बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई थी। दोनों नेताओं ने पूर्व और पश्चिम के बीच के संबंधों में सुधार की आवश्यकता जताई थी। बाइडन से यह वार्ता यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी देने के लिए की थी। जबकि पुतिन ने बाइडन से गारंटी मांगी है कि नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) अपनी सीमा नहीं बढ़ाएगा, यानी यूक्रेन को को उसमें शामिल नहीं करेगा।

अमेरिका ने रूस को कड़े  प्रतिबंधों की चेतावनी दी

अमेरिका ने रूस को जी 7 के मंच से भी कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की चेतावनी दी जिसका ब्रिटेन ने भी समर्थन किया। फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा ने भी इस पर सहमति जताई है। इसके तहत सभी देश मिलकर रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकते हैं। इसी के साथ जी 7 देशों के विदेश मंत्रियों ने हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों पर भी चर्चा की है। इस स्थिति से निपटने के लिए एकजुट हो कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

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