सार
तिरुमूर्ति ने कहा, सुरक्षा परिषद में दो साल के अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में भारत ने अफगानिस्तान और म्यांमार समेत कई मामलों पर ‘दृढ़ लेकिन रचनात्मक रुख’ अपनाया। हम जब परिषद में दूसरे साल के लिए भारत की योजनाओं की बात करते हैं, तो मेरा मानना है कि यह समेकन और हमारी प्राथमिकताओं के सुदृढ़ीकरण का समय होगा।
यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति
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तिरुमूर्ति ने कहा, सुरक्षा परिषद में दो साल के अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में भारत ने अफगानिस्तान और म्यांमार समेत कई मामलों पर ‘दृढ़ लेकिन रचनात्मक रुख’ अपनाया। उन्होंने कहा, हम जब परिषद में दूसरे साल के लिए भारत की योजनाओं की बात करते हैं, तो मेरा मानना है कि यह समेकन और हमारी प्राथमिकताओं के सुदृढ़ीकरण का समय होगा।
उन्होंने कहा, हम परिषद के भीतर विविध हितों के बीच पुल की एक भूमिका निभाना जारी रखेंगे। भारत 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और इसका दो साल का कार्यकाल 13 दिसंबर, 2022 को समाप्त होगा। उन्होंने कहा, हम अफगानिस्तान के लोगों और संकट में उनके साथ खड़े रहने को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उनकी अपेक्षा पर भी ध्यान केंद्रित रखेंगे।
भारत ने सात भारतीय चालक दल के सदस्यों की तत्काल रिहाई का आह्वान किया
भारत ने बुधवार को यमन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में हाउती विद्रोहियों द्वारा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के ध्वजांकित पोत रवाबी को जब्त किए जाने पर गंभीर चिंता जताई और सात भारतीय चालक दल के सदस्यों की तत्काल रिहाई का आह्वान किया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने भारतीय चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि इन सभी को रिहा किए जाने तक हाउतियों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘मैं संघर्ष के सभी पक्षों से आह्वान करता हूं कि वे तुरंत लड़ाई बंद करें, बिगड़ती स्थिति को ठीक करें और विशेष दूत हैंस ग्रंडबर्ग के साथ बिना शर्त बातचीत करें।’
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा “यमन में सैन्य अभियानों की निरंतर गहनता से बेहद चिंतित हैं। हाउतियों से चालक दल के सदस्यों और पोत को तुरंत रिहा करने का आग्रह करते हैं।”
हाउती विद्रोहियों ने यूएई के जहाज पर किया था कब्जा, कैद किए गए 11 लोगों में 7 भारतीय
यमन के हाउती विद्रोहियों ने यूएई के रवाबी नाम के जहाज पर दो जनवरी को लाल सागर में कब्जा कर लिया था। जिसपर कुल 11 लोग सवार थे। चालक दल के इन लोगों में सात भारत के हैं। यह जगह यमन में होदेइदाह बंदरगाह के पास है।