वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, यंगून
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Wed, 20 Apr 2022 03:59 PM IST
सार
पर्यवेक्षकों का कहना है कि सैनिक शासन में फूट के पहले संकेत पिछले महीने तब भी मिले, जब अधिकारियों ने वाणिज्य मंत्री आंग थान ऊ और यंगून के मेयर बो हतेय से पूछताछ की थी। उनसे ये पूछताछ एक भूमि विवाद के सिलसिले में की गई। म्यांमार में फरवरी 2021 में सेना ने निर्वाचित सरकार का तख्ता पलट दिया था…
म्यांमार के सैनिक शासन में फूट पड़ने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले महीने म्यांमार के धनी व्यापारी खिन श्वे को हिरासत में ले लिया गया था। श्वे को पूर्व जनरल श्वे मान का करीबी समझा जाता है। श्वे मान कभी देश की सबसे मजबूत शख्सियतों में एक थे। लेकिन समझा जाता है कि उनका वर्तमान सैनिक शासक मिन ऑंग हलायंग से तनावपूर्ण संबंध है। खिन की गिरफ्तारी को इस बात का संकेत समझा जा रहा है कि अब सैनिक शासन के दो गुटों में औपचारिक विभाजन होने वाला है।
विश्लेषकों ने कहा है कि इस गिरफ्तारी से इस बात की पुष्टि हुई है कि वर्तमान सैनिक शासकों और सेना के पूर्व अधिकारियों के बीच संबंध टूटने के कगार पर हैं। देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए आंदोलन चला रहे संगठनों का इन दोनों में से किसी गुट से संबंध नहीं है। ये संगठन सभी जनरलों को सत्ता से बाहर करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं। नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के पूर्व सांसदों की तरफ से गठित नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट का भी इन दोनों में से किसी सैनिक गुट से संबंध नहीं है। एनएलडी लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची की पार्टी है।
मंत्रियों से पूछताछ
पर्यवेक्षकों का कहना है कि सैनिक शासन में फूट के पहले संकेत पिछले महीने तब भी मिले, जब अधिकारियों ने वाणिज्य मंत्री आंग थान ऊ और यंगून के मेयर बो हतेय से पूछताछ की थी। उनसे ये पूछताछ एक भूमि विवाद के सिलसिले में की गई। म्यांमार में फरवरी 2021 में सेना ने निर्वाचित सरकार का तख्ता पलट दिया था। तब जनरल मिन आंग हलायंग सैनिक शासक बने थे। लेकिन उसके बाद से देश की अर्थव्यवस्था जर्जर होती गई है। इससे जन असंतोष और बढ़ा है। अनुमान लगाया गया है कि इसी बीच सैनिक शासकों में आपसी मतभेद भी बढ़ गए हैं।
खिन श्वे और उनके बेटे जेय थिहा को बीते 21 मार्च को 2018 के एक विवाद में गिरफ्तार किया गया। यह विवाद सेना की जमीन पर हुए एक निर्माण से संबंधित है। 1990 में खिन ने जेयकाबार नाम की एक कंपनी की स्थापना की थी। ये कंपनी म्यांमार के कंस्ट्रक्शन सेक्टर की बड़ी कंपनी बन गई। समझा जाता है कि सेना से निकटता के कारण ही इस कंपनी का कारोबार तेजी से बढ़ा। खिन को तत्कालीन सैनिक शासन का करीबी समझा जाता था। बाद में 2011 में जब म्यांमार में नागरिक सरकार बनी, तो खिन सेना समर्थक सोलिडरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी की तरफ से सांसद बनाए गए थे।
खिन की बेटी की शादी श्वे मान से हुई
म्यांमार में आम चर्चा है कि खिन की गिरफ्तारी श्वे मान से उनकी निकटता के कारण हुई है। खिन की बेटी की शादी श्वे मान से हुई है। 2011 से पहले देश में रहे सैनिक शासन के दौरान श्वे मान सबसे ताकतवर जनरलों में एक गिने जाते थे।
हालिया विवाद की शुरुआत तब हुई, जब 70 वर्षीय खिन ने श्वे मान से एक चीनी कंपनी को म्यांमार लाने के लिए मदद मांगी। श्वे मान के इस हस्तक्षेप से मौजूदा शासक नाराज हो गए। हालांकि एक आरोप यह भी है कि खिन ने एनएलडी से निकटता बना ली थी, जिससे सोलिडरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी में उन्हें अविश्वसनीय माना जाने लगा था। लेकिन ये आम राय है कि खिन जैसी ऊंची हैसियत के व्यक्ति की गिरफ्तारी आम बात नहीं है। शर्तिया तौर पर सत्ता के हलकों में चल रही खींचतान से इसका संबंध है।
विस्तार
म्यांमार के सैनिक शासन में फूट पड़ने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले महीने म्यांमार के धनी व्यापारी खिन श्वे को हिरासत में ले लिया गया था। श्वे को पूर्व जनरल श्वे मान का करीबी समझा जाता है। श्वे मान कभी देश की सबसे मजबूत शख्सियतों में एक थे। लेकिन समझा जाता है कि उनका वर्तमान सैनिक शासक मिन ऑंग हलायंग से तनावपूर्ण संबंध है। खिन की गिरफ्तारी को इस बात का संकेत समझा जा रहा है कि अब सैनिक शासन के दो गुटों में औपचारिक विभाजन होने वाला है।
विश्लेषकों ने कहा है कि इस गिरफ्तारी से इस बात की पुष्टि हुई है कि वर्तमान सैनिक शासकों और सेना के पूर्व अधिकारियों के बीच संबंध टूटने के कगार पर हैं। देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए आंदोलन चला रहे संगठनों का इन दोनों में से किसी गुट से संबंध नहीं है। ये संगठन सभी जनरलों को सत्ता से बाहर करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं। नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के पूर्व सांसदों की तरफ से गठित नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट का भी इन दोनों में से किसी सैनिक गुट से संबंध नहीं है। एनएलडी लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची की पार्टी है।
मंत्रियों से पूछताछ
पर्यवेक्षकों का कहना है कि सैनिक शासन में फूट के पहले संकेत पिछले महीने तब भी मिले, जब अधिकारियों ने वाणिज्य मंत्री आंग थान ऊ और यंगून के मेयर बो हतेय से पूछताछ की थी। उनसे ये पूछताछ एक भूमि विवाद के सिलसिले में की गई। म्यांमार में फरवरी 2021 में सेना ने निर्वाचित सरकार का तख्ता पलट दिया था। तब जनरल मिन आंग हलायंग सैनिक शासक बने थे। लेकिन उसके बाद से देश की अर्थव्यवस्था जर्जर होती गई है। इससे जन असंतोष और बढ़ा है। अनुमान लगाया गया है कि इसी बीच सैनिक शासकों में आपसी मतभेद भी बढ़ गए हैं।
खिन श्वे और उनके बेटे जेय थिहा को बीते 21 मार्च को 2018 के एक विवाद में गिरफ्तार किया गया। यह विवाद सेना की जमीन पर हुए एक निर्माण से संबंधित है। 1990 में खिन ने जेयकाबार नाम की एक कंपनी की स्थापना की थी। ये कंपनी म्यांमार के कंस्ट्रक्शन सेक्टर की बड़ी कंपनी बन गई। समझा जाता है कि सेना से निकटता के कारण ही इस कंपनी का कारोबार तेजी से बढ़ा। खिन को तत्कालीन सैनिक शासन का करीबी समझा जाता था। बाद में 2011 में जब म्यांमार में नागरिक सरकार बनी, तो खिन सेना समर्थक सोलिडरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी की तरफ से सांसद बनाए गए थे।
खिन की बेटी की शादी श्वे मान से हुई
म्यांमार में आम चर्चा है कि खिन की गिरफ्तारी श्वे मान से उनकी निकटता के कारण हुई है। खिन की बेटी की शादी श्वे मान से हुई है। 2011 से पहले देश में रहे सैनिक शासन के दौरान श्वे मान सबसे ताकतवर जनरलों में एक गिने जाते थे।
हालिया विवाद की शुरुआत तब हुई, जब 70 वर्षीय खिन ने श्वे मान से एक चीनी कंपनी को म्यांमार लाने के लिए मदद मांगी। श्वे मान के इस हस्तक्षेप से मौजूदा शासक नाराज हो गए। हालांकि एक आरोप यह भी है कि खिन ने एनएलडी से निकटता बना ली थी, जिससे सोलिडरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी में उन्हें अविश्वसनीय माना जाने लगा था। लेकिन ये आम राय है कि खिन जैसी ऊंची हैसियत के व्यक्ति की गिरफ्तारी आम बात नहीं है। शर्तिया तौर पर सत्ता के हलकों में चल रही खींचतान से इसका संबंध है।
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