एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Tue, 08 Feb 2022 08:05 AM IST
सार
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार से शुरू हो रही है। बैठक के नतीजे 10 फरवरी का आएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि नीतिगत दरों के मोर्चे पर केंद्रीय बैंक यथास्थिति कायम रख सकता है।
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विस्तार
एसबीआई ने एक रिपोर्ट में कहा कि पहली छमाही में ऋण वृद्धि में तेजी और जमाओं में गिरावट आने से सावधि दरें बढ़ने एवं कर्ज के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद आरबीआई को रिवर्स रेपो दर में 0.20% वृद्धि करना चाहिए। इससे केंद्रीय बैंक को नए सरकारी ऋणपत्रों के खरीदार मिल सकेंगे। एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि रिवर्स रेपो दर में बढोतरी करने का काम एमपीसी के दायरे से बाहर करना होगा।
एमपीसी बैठक आज से
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार से शुरू हो रही है। बैठक के नतीजे 10 फरवरी का आएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि नीतिगत दरों के मोर्चे पर केंद्रीय बैंक यथास्थिति कायम रख सकता है।
फिलहाल रेपो दर बढ़ाना संभव नहीं
घोष ने कहा कि कर्ज बढ़ने के साथ ब्याज दरों में वृद्धि के बीच यह बजट सरकारी बॉन्ड के वैश्विक बॉन्ड सूचकांक में समावेशन का जिक्र नहीं करता है। आरबीआई एमपीसी के बाहर रेपो दर में 0.20% तक की वृद्धि नहीं कर सकता है क्योंकि बढ़ती जमा दरों का मतलब है कि कर्ज दरों को भी बढ़ना होगा।