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उद्धव सरकार ने नहीं दी इजाजत
मुख्यमंत्री ठाकरे ने गोविंदा पथकों के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर नियंत्रण में है। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। ऐसे में पर्व और त्योहारों में होने वाली भीड़ के देखते हुए राज्य सरकार हर चीज में पूरी तरह से छूट नहीं दे सकती। उसके बाद उन्होंने कहा कि फिलहाल, लोगों की जान बचाना जरूरी है।
ठाकरे ने दहीहांडी उत्सव की बजाय स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की। विपक्ष की लगातार यह मांग रही है कि पर्व-त्योहारों में प्रतिबंध शिथिल किए जाएं।
वहीं, गोविंदा पथकों की भी यह मांग थी कि अधिक भीड़ ना बढ़ाते हुए और कोरोना नियमों का पालन करते हुए दही हांडी मनाने की छूट दी जाए। यह भी कहा गया था कि उन्हीं गोविंदाओं को दही हांडी फोड़ने में शामिल किया जाएगा, जिन्होंने कोरोनारोधी टीके की दोनों खुराक ली है।
लेकिन मुख्यमंत्री ने गोविंदा पथकों की मांग पर गौर नहीं किया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई गोविंदा पथकों (दही हांडी फोड़ने वाले कृष्णभक्त) के प्रतिनिधियों की बैठक में उप मुख्यमंत्री अजित पवार, राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील भी मौजूद रहे। लेकिन सभी ने गोविंदा पथकों से संयम रखने का आग्रह किया।
उत्सव पर न लगे प्रतिबंध: भाजपा
महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के त्योहार पर दहीहांडी उत्सव का आयोजन होता है। माखन-मिश्री से भरी हांडी को ऊंचाई पर टांगा जाता है और युवा मानव पिरामिड बनाकर उसे तोड़ते हैं।
महाराष्ट्र में इस उत्सव को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है और विभिन्न राजनीतिक दल दहीहांडी उत्सव का आयोजन करते हैं और गोविंदा (हांडी तोड़ने वाले) के लिए इनाम की घोषणा करते हैं।
भाजपा विधायक आशिष शेलार ने कुछ शर्तों के साथ पारंपरिक तरीके से दहीहांडी उत्सव के आयोजन को अनुमति देने की मांग की है। उनका कहना है कि उत्सव पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए।