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भूकंप: आंध्र प्रदेश में महसूस किए गए झटके, रिक्टर स्केल पर 3.6 रही तीव्रता

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, तिरुपति
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 03 Apr 2022 02:20 AM IST

सार

रात करीब 1:10 बजे बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई।

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आंध्र प्रदेश के तिरुपति में देर रात के बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए। रात करीब 1:10 बजे बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई। इसकी पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने की है।
 

कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता 
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

मॉडरेट और स्ट्रांग कैटेगरी के 920 भूकंप एक साल में रिक्टर स्केल पर दर्ज होते हैं। मॉडरेट कैटेगरी के भूकंपों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.0 से 5.9 दर्ज की जाती है। ऐसे 800 भूकंप दुनियाभर में रिक्टर स्केल पर एक साल में दर्ज किए जाते हैं। इनसे घटिया बिल्डिंग मैटेरियल से बने भवनों को गंभीर नुकसान पहुंचता है।

हालांकि, इनका असर बहुत छोटे इलाके पर ही पड़ता है। स्ट्रांग कैटेगरी के भूकंप जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.0 से 6.9 होती है, भारी तबाही मचाती है। जबरदस्त तीव्रता की वजह से भूकंप के केंद्र से लेकर 160 किलोमीटर तक आबादी वाले इलाकों में तबाही फैल जाती है। एक साल ऐसे 120 भूकंप दुनियाभर के रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं।

मेजर और ग्रेट कैटेगरी के भूकंप दुनियाभर के रिक्टर स्केल पर साल में 19 बार दर्ज किए जाते हैं। मेजर कैटेगरी के भूकंपों की तीव्रता 7.0 से 7.9 होती है। ऐसे भूकंपों की संख्या साल भर में 18 होती है और इनसे काफी बड़े क्षेत्रों में गंभीर तबाही होती है।

विस्तार

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में देर रात के बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए। रात करीब 1:10 बजे बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई। इसकी पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने की है।

 

कैसे आता है भूकंप?

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता 

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

मॉडरेट और स्ट्रांग कैटेगरी के 920 भूकंप एक साल में रिक्टर स्केल पर दर्ज होते हैं। मॉडरेट कैटेगरी के भूकंपों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.0 से 5.9 दर्ज की जाती है। ऐसे 800 भूकंप दुनियाभर में रिक्टर स्केल पर एक साल में दर्ज किए जाते हैं। इनसे घटिया बिल्डिंग मैटेरियल से बने भवनों को गंभीर नुकसान पहुंचता है।

हालांकि, इनका असर बहुत छोटे इलाके पर ही पड़ता है। स्ट्रांग कैटेगरी के भूकंप जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.0 से 6.9 होती है, भारी तबाही मचाती है। जबरदस्त तीव्रता की वजह से भूकंप के केंद्र से लेकर 160 किलोमीटर तक आबादी वाले इलाकों में तबाही फैल जाती है। एक साल ऐसे 120 भूकंप दुनियाभर के रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं।

मेजर और ग्रेट कैटेगरी के भूकंप दुनियाभर के रिक्टर स्केल पर साल में 19 बार दर्ज किए जाते हैं। मेजर कैटेगरी के भूकंपों की तीव्रता 7.0 से 7.9 होती है। ऐसे भूकंपों की संख्या साल भर में 18 होती है और इनसे काफी बड़े क्षेत्रों में गंभीर तबाही होती है।

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