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भारतीय उच्चायोग : द्विपक्षीय रक्षा रिश्तों की मजबूती के लिए छह भारतीय जहाज पहुंचे श्रीलंका 

एजेंसी, कोलंबो
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 26 Oct 2021 12:47 AM IST

सार

भारतीय उच्चायोग ने कहा, यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्तों के इतिहास में मील का पत्थर है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भारतीय नौसेना के जहाज श्रीलंका आए हैं। यह प्रशिक्षण भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सबसे मजबूत और स्थायी स्तंभों में से एक रहा है और यह यात्रा इसे प्रदान करेगी।

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भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के छह जहाज पहली बार चार दिनी यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे। इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करना और दोनों बलों के एक साथ मिलकर काम करने की क्षमता बढ़ाना है। श्रीलंकाई जहाजों के साथ मिलकर प्रशिक्षण के लिए ये जहाज कोलंबो और त्रिंकोमाली बंदरगाह पर पहुंचे हैं।

भारतीय उच्चायोग ने बताया यह यात्रा दोनों देशों के बीच मील का पत्थर 
भारतीय उच्चायोग के मुताबिक, यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्तों के इतिहास में मील का पत्थर है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भारतीय नौसेना के जहाज श्रीलंका आए हैं। यह प्रशिक्षण भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सबसे मजबूत और स्थायी स्तंभों में से एक रहा है और यह यात्रा इसे प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे की दूरदृष्टि के अनुसार दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए यह यात्रा दोनों देशों के रक्षा कर्मियों के बीच सौहार्र्दता और मित्रता के मौजूदा संबंधों को मजबूत करने की ओर सकारात्मक योगदान देगी। ये जहाज दक्षिण नौसैन्य कमान (एसएनसी) का हिस्सा हैं जो भारतीय नौसेना की प्रशिक्षण कमान है। इसका नेतत्व एसएनसी के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल एके चावला कर रहे हैं। 

चीन बढ़ा रहा श्रीलंका में दखल
भारतीय नौसेना के ये छह जहाज ऐसे वक्त में श्रीलंका पहुंचे हैं जब द्वीपीय देश में चीनी दखल बढ़ गया है और बीजिंग श्रीलंका से रक्षा रिश्ते बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। चीन की बीआरआई पहल योजना में श्रीलंका एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

विस्तार

भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के छह जहाज पहली बार चार दिनी यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे। इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करना और दोनों बलों के एक साथ मिलकर काम करने की क्षमता बढ़ाना है। श्रीलंकाई जहाजों के साथ मिलकर प्रशिक्षण के लिए ये जहाज कोलंबो और त्रिंकोमाली बंदरगाह पर पहुंचे हैं।

भारतीय उच्चायोग ने बताया यह यात्रा दोनों देशों के बीच मील का पत्थर 

भारतीय उच्चायोग के मुताबिक, यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्तों के इतिहास में मील का पत्थर है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भारतीय नौसेना के जहाज श्रीलंका आए हैं। यह प्रशिक्षण भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सबसे मजबूत और स्थायी स्तंभों में से एक रहा है और यह यात्रा इसे प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे की दूरदृष्टि के अनुसार दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए यह यात्रा दोनों देशों के रक्षा कर्मियों के बीच सौहार्र्दता और मित्रता के मौजूदा संबंधों को मजबूत करने की ओर सकारात्मक योगदान देगी। ये जहाज दक्षिण नौसैन्य कमान (एसएनसी) का हिस्सा हैं जो भारतीय नौसेना की प्रशिक्षण कमान है। इसका नेतत्व एसएनसी के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल एके चावला कर रहे हैं। 

चीन बढ़ा रहा श्रीलंका में दखल

भारतीय नौसेना के ये छह जहाज ऐसे वक्त में श्रीलंका पहुंचे हैं जब द्वीपीय देश में चीनी दखल बढ़ गया है और बीजिंग श्रीलंका से रक्षा रिश्ते बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। चीन की बीआरआई पहल योजना में श्रीलंका एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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