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फ्यूचर-अमेजन विवाद: NCLT में कार्रवाई फिर से शुरू करने के लिए दिल्ली हाई कोट में अपील करे फ्यूचर ग्रुप, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Tue, 15 Feb 2022 12:00 PM IST

सार

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ विलय सौदे को लेकर कानूनी विवाद चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि NCLT में कार्रवाई शुरू करने के लिए फ्यूचर ग्रुप दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकता है।

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फ्यूचर रिटेल लिमिटेड व रिलायंस ग्रुप के बीच चल रहे विवाद को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में ले जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप से कहा है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में फिर से कार्रवाई शुरू करने के लिए फ्यूचर ग्रुप दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकता है।

दरअसल, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ विलय सौदे को लेकर कानूनी विवाद चल रहा है। उच्च न्यायालय इस मामले में याचिका की सुनवाई 24 फरवरी को करेगा। 

इन आदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने किया था खारिज 
सीजेआई जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने हाईकोर्ट का पिछले साल दो फरवरी का आदेश खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने इस आदेश में फ्यूचर रिटेल लि. (FRL) को विलय के करार को लेकर यथास्थिति का आदेश दिया था। इसके अलावा हाईकोर्ट ने गत वर्ष 18 मार्च के आदेश में मध्यस्था कोर्ट के आपात आदेश (EA) को कायम रखते हुए फ्यूचर समूह व उसके निदेशकों पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने 29 अक्तूबर 2021 का वह आदेश भी खारिज कर दिया, जिसमें सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट (SIAC) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया गया था। 

अमेजन-फ्यूचर के बीच क्या है विवाद
अमेजन ने 2019 में 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन (फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के अंदर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिल गया था, लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल को 24,713 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा कर दी। अमेजन की ओर से इस डील पर आपत्ति जताई गई, जिसके बाद से यह विवाद खड़ा हो गया।

विस्तार

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड व रिलायंस ग्रुप के बीच चल रहे विवाद को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में ले जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप से कहा है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में फिर से कार्रवाई शुरू करने के लिए फ्यूचर ग्रुप दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकता है।

दरअसल, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ विलय सौदे को लेकर कानूनी विवाद चल रहा है। उच्च न्यायालय इस मामले में याचिका की सुनवाई 24 फरवरी को करेगा। 

इन आदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने किया था खारिज 

सीजेआई जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने हाईकोर्ट का पिछले साल दो फरवरी का आदेश खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने इस आदेश में फ्यूचर रिटेल लि. (FRL) को विलय के करार को लेकर यथास्थिति का आदेश दिया था। इसके अलावा हाईकोर्ट ने गत वर्ष 18 मार्च के आदेश में मध्यस्था कोर्ट के आपात आदेश (EA) को कायम रखते हुए फ्यूचर समूह व उसके निदेशकों पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने 29 अक्तूबर 2021 का वह आदेश भी खारिज कर दिया, जिसमें सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट (SIAC) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया गया था। 

अमेजन-फ्यूचर के बीच क्या है विवाद

अमेजन ने 2019 में 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन (फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के अंदर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिल गया था, लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल को 24,713 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा कर दी। अमेजन की ओर से इस डील पर आपत्ति जताई गई, जिसके बाद से यह विवाद खड़ा हो गया।

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