न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 18 Aug 2021 12:12 PM IST
सार
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पेगासस से संबंधित आरोपों की जांच के लिए राज्य द्वारा जांच आयोग के गठन की अधिसूचना को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है।
सर्वोच्च न्यायालय
– फोटो : पीटीआई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पेगासस जासूसी आरोपों की जांच के लिए बंगाल सरकार द्वारा जांच आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया और कहा कि अगली सुनवाई अब 25 अगस्त को होगी।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता सौरभ मिश्रा ने पीठ से कहा कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जांच आयोग गठित करने की अधिसूचना को अधिकार क्षेत्र के आधार पर चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की सुनवाई कर रहा है तो ममता सरकार द्वारा आयोग का गठन क्यों किया गया?
जानिए क्या है मामला
दरअसल ममता सरकार ने 27 जुलाई को अधिसूचना जारी कर पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। राज्य सरकार की इस जांच कमेटी में हाईकोर्ट के दो रिटायर्ड जज भी शामिल हैं। ये कमेटी प. बंगाल में फोन हैकिंग, ट्रैकिंग और फोन रिकॉर्डिंग के आरोपों की जांच करेगी।
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पेगासस जासूसी आरोपों की जांच के लिए बंगाल सरकार द्वारा जांच आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया और कहा कि अगली सुनवाई अब 25 अगस्त को होगी।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता सौरभ मिश्रा ने पीठ से कहा कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जांच आयोग गठित करने की अधिसूचना को अधिकार क्षेत्र के आधार पर चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की सुनवाई कर रहा है तो ममता सरकार द्वारा आयोग का गठन क्यों किया गया?
जानिए क्या है मामला
दरअसल ममता सरकार ने 27 जुलाई को अधिसूचना जारी कर पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। राज्य सरकार की इस जांच कमेटी में हाईकोर्ट के दो रिटायर्ड जज भी शामिल हैं। ये कमेटी प. बंगाल में फोन हैकिंग, ट्रैकिंग और फोन रिकॉर्डिंग के आरोपों की जांच करेगी।
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