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पाकिस्तान: स्थानीय चुनावों में हार ने बढ़ाई इमरान की चिंता, पीएमएल-नवाज ने मांगा इस्तीफा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Wed, 22 Dec 2021 08:00 PM IST

सार

पर्यवेक्षकों के मुताबिक इन चुनाव नतीजों से साफ हुआ है कि पीटीआई की हार देश के लिए खराब खबर है, क्योंकि पीएमएल-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अब जनता में कोई जड़ नहीं है। इसलिए पीटीआई के कमजोर होने का फायदा कट्टरपंथी पार्टियों को मिला है।

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खैबर पख्तूनवा प्रांत के स्थानीय चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की हार ने पहले से कई मोर्चों पर संकट से घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबत बढ़ा दी है। विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है। जानकारों के मुताबिक पीटीआई के लिए खास चिंता की बात यह है कि जो अब तक जो कट्टरपंथी ताकतें उसकी समर्थक थीं, इस बार उन्होंने उसका साथ छोड़ दिया है।  

इन चुनाव नतीजों के सामने आने के बाद विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज ने सलाह दी है कि इमरान खान को अपना पद छोड़ देना चाहिए। पार्टी ने कहा है कि पूरे देश की यही इच्छा है। पार्टी की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा- अगर इमरान खान में थोड़ा भी आत्म-सम्मान बचा है, तो उन्हें गरीबों को अकेला छोड़ कर अपने घर लौट जाना चाहिए। चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में इमरान खान ने स्वीकार किया था कि पीटीआई ने गलतियां कीं, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा है। खान ने स्थानीय चुनावों के दूसरे चरण में पार्टी के अभियन की पूरी देखरेख अब अपने हाथ में ले लेने का एलान किया है।

पीटीआई ने कहा है कि खैबर पख्तूनवा में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) की जीत देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। जेयूआई-एफ के नेता मौलाना फजलुर रहमान हैं, जिन्हें एक कट्टरपंथी नेता समझा जाता है। जेयूआई-एफ कट्टरपंथी इस्लामी व्यवस्था लागू करने की समर्थक है। पीटीआई के नेता और सूचना मंत्री फव्वाद चौधरी ने एक बयान में कहा- ‘मौलाना फजलुर रहमान की जीत से मैं बेहद मायूस हूं। ये हमारी गलती है कि हमने उनकी जीत की राह तैयार की।’ फव्वाद चौधरी ने चेतावनी दी- ‘अगर तहरीक-ए-लबाइक पाकिस्तान और जेयूआई-एफ जैसी पार्टियां सत्ता में आईं, तो पाकिस्तान और भी अधिक उथल-पुथल का शिकार हो जाएगा।’

पर्यवेक्षकों के मुताबिक इन चुनाव नतीजों से साफ हुआ है कि पीटीआई की हार देश के लिए खराब खबर है, क्योंकि पीएमएल-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अब जनता में कोई जड़ नहीं है। इसलिए पीटीआई के कमजोर होने का फायदा कट्टरपंथी पार्टियों को मिला है। एक समय पीटीआई कट्टरपंथी ताकतों की नुमाइंदगी करती थी। लेकिन अब लगता है कि कट्टरपंथी समूहों ने सीधे इस्लामी पार्टियों की पनाह ले ली है।

लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इन चुनाव नतीजों से पीएमएल-नवाज का मनोबल बढ़ा है। उसे कैंटोनमेंट चुनावों में अच्छी सफलता मिली है। पार्टी की उपाध्यक्ष मरियम नवाज अपने बेटे की शादी के सिलसिले में दो हफ्तों से छुट्टी पर थीं। मंगलवार को उन्होंने इमरान खान के प्रति आक्रामक रुख अपनाते हुए औपचारिक रूप से अपनी राजनीतिक गतिविधियां फिर शुरू कर दीं।

पीटीआई ने दावा किया है कि उसकी हार गलत उम्मीदवारों के चयन की वजह से हुई है। इस गलती को सुधार लिया जाएगा। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री इमरान खान के हाथ मजबूत करने की अपील की है। पार्टी नेतृत्व ने कहा है कि ये वक्त पार्टी में एकजुटता बनाए रखने का है।

विस्तार

खैबर पख्तूनवा प्रांत के स्थानीय चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की हार ने पहले से कई मोर्चों पर संकट से घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबत बढ़ा दी है। विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है। जानकारों के मुताबिक पीटीआई के लिए खास चिंता की बात यह है कि जो अब तक जो कट्टरपंथी ताकतें उसकी समर्थक थीं, इस बार उन्होंने उसका साथ छोड़ दिया है।  

इन चुनाव नतीजों के सामने आने के बाद विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज ने सलाह दी है कि इमरान खान को अपना पद छोड़ देना चाहिए। पार्टी ने कहा है कि पूरे देश की यही इच्छा है। पार्टी की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा- अगर इमरान खान में थोड़ा भी आत्म-सम्मान बचा है, तो उन्हें गरीबों को अकेला छोड़ कर अपने घर लौट जाना चाहिए। चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में इमरान खान ने स्वीकार किया था कि पीटीआई ने गलतियां कीं, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा है। खान ने स्थानीय चुनावों के दूसरे चरण में पार्टी के अभियन की पूरी देखरेख अब अपने हाथ में ले लेने का एलान किया है।

पीटीआई ने कहा है कि खैबर पख्तूनवा में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) की जीत देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। जेयूआई-एफ के नेता मौलाना फजलुर रहमान हैं, जिन्हें एक कट्टरपंथी नेता समझा जाता है। जेयूआई-एफ कट्टरपंथी इस्लामी व्यवस्था लागू करने की समर्थक है। पीटीआई के नेता और सूचना मंत्री फव्वाद चौधरी ने एक बयान में कहा- ‘मौलाना फजलुर रहमान की जीत से मैं बेहद मायूस हूं। ये हमारी गलती है कि हमने उनकी जीत की राह तैयार की।’ फव्वाद चौधरी ने चेतावनी दी- ‘अगर तहरीक-ए-लबाइक पाकिस्तान और जेयूआई-एफ जैसी पार्टियां सत्ता में आईं, तो पाकिस्तान और भी अधिक उथल-पुथल का शिकार हो जाएगा।’

पर्यवेक्षकों के मुताबिक इन चुनाव नतीजों से साफ हुआ है कि पीटीआई की हार देश के लिए खराब खबर है, क्योंकि पीएमएल-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अब जनता में कोई जड़ नहीं है। इसलिए पीटीआई के कमजोर होने का फायदा कट्टरपंथी पार्टियों को मिला है। एक समय पीटीआई कट्टरपंथी ताकतों की नुमाइंदगी करती थी। लेकिन अब लगता है कि कट्टरपंथी समूहों ने सीधे इस्लामी पार्टियों की पनाह ले ली है।

लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इन चुनाव नतीजों से पीएमएल-नवाज का मनोबल बढ़ा है। उसे कैंटोनमेंट चुनावों में अच्छी सफलता मिली है। पार्टी की उपाध्यक्ष मरियम नवाज अपने बेटे की शादी के सिलसिले में दो हफ्तों से छुट्टी पर थीं। मंगलवार को उन्होंने इमरान खान के प्रति आक्रामक रुख अपनाते हुए औपचारिक रूप से अपनी राजनीतिक गतिविधियां फिर शुरू कर दीं।

पीटीआई ने दावा किया है कि उसकी हार गलत उम्मीदवारों के चयन की वजह से हुई है। इस गलती को सुधार लिया जाएगा। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री इमरान खान के हाथ मजबूत करने की अपील की है। पार्टी नेतृत्व ने कहा है कि ये वक्त पार्टी में एकजुटता बनाए रखने का है।

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