सार
पाकिस्तान की सियासत में अफरा-तफरी मची हुई है। इमरान सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को रविवार को संसद में बिना वोटिंग के खारिज कर दिया गया। नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला दिया। उधर, इमरान की मांग पर राष्ट्रपति ने संसद भंग कर दी।
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के बयानों ने हलचल मचा दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर जल्द पाकिस्तान का सियासी विवाद शांत नहीं हुआ तो एक बार फिर से सेना सत्ता अपने हाथ में ले सकती है। इसके पीछे बाजवा के चार बड़े बयान है। जो इमरान की मौजूदा नीतियों के बिलकुल उलट हैं।
1. रूस-यूक्रेन युद्ध पर बाजवा अमेरिका के साथ : बाजवा ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर ‘इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता’ में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस बर्बरता कर रहा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को तुरंत रोका जाना चाहिए। बाजवा ने इसे एक बड़ी त्रासदी करार दिया। कहा कि रूस की वैध सुरक्षा चिंताओं के बावजूद एक छोटे देश के खिलाफ उसकी आक्रामकता को माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने लगातार युद्धविराम और शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया है। हम संघर्ष का स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी पक्षों के बीच तत्काल बातचीत का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि हजारों लोग मारे गए, लाखों शरणार्थी बन गए और यूक्रेन का आधा हिस्सा नष्ट हो गया है।
बाजवा का ये बयान इमरान सरकार के रुख के बिलकुल उलट है। इमरान युद्ध के बीच रूस जा चुके हैं। पूरे मामले में उनकी सरकार रूस के पक्ष में खड़ी रही है।
2. कूटनीतिक तौर पर सुलझा सकते हैं भारत-पाक विवाद : बाजवा ने कश्मीर के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। कहा, अगर भारत इच्छा जताए तो उनका देश कश्मीर समेत विवाद के सभी मुद्दों का बातचीत व कूटनीति के जरिए समाधान निकालने के लिए तैयार है। बाजवा ने कहा, ‘खाड़ी क्षेत्र समेत दुनिया का एक-तिहाई हिस्सा किसी न किसी रूप में संघर्ष और युद्ध में शामिल है। ऐसे में यह अहम है कि हम अपने क्षेत्र से युद्ध की लपटों को दूर रखें।’ ये बयान भी इमरान खान के रुख के उलट है। इमरान लगातार कह रहे हैं कि जब तक कश्मीर में अनुच्छेद 370 को दोबारा बहाल नहीं होता तब तक भारत को कई बातचीत नहीं होगी।
3. भारत-चीन सीमा विवाद पर भी रखी बात : आर्मी चीफ ने भारत और चीन विवाद पर भी अपनी बात रखी। कहा कि दोनों देशों को जल्द से जल्द विवाद समाप्त करना चाहिए। इसके लिए बातचीत व कूटनीति का सहारा लेना चाहिए।
4. अमेरिका से संबंधों पर भी खुलकर रखी बात : जनरल बाजवा ने अमेरिका से पाकिस्तान के रिश्तों पर भी खुलकर अपनी बात रखी। कहा कि पाकिस्तान के अमेरिका के साथ दीर्घ व उत्कृष्ट रणनीतिक संबंध हैं, लेकिन उनका देश गुटबाजी की राजनीति में विश्वास नहीं करता। पाकिस्तान के अपने भागीदारों के साथ द्विपक्षीय संबंध अन्य देशों के साथ संबंधों पर निर्भर नहीं हैं। आर्मी चीफ ने कहा, ‘पाकिस्तान के चीन से करीबी रणनीतिक संबंध हैं और यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के प्रति देश की प्रतिबद्धता से जाहिर होता है। दूसरी तरफ, अमेरिका हमारा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है।’
पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल बाजवा के चारों बयान कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान से बिल्कुल अलग हैं।
- मसलन रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होते ही इमरान खान रूस के दौरे पर चले गए थे। मॉस्को पहुंचते ही इमरान खान ने हंसते हुए कहा, ‘मैं कितने सही समय आया हूं। मैं बहुत उत्सुक हूं।’ इमरान का ये बयान रूस-यूक्रेन युद्ध से जोड़कर देखा गया, क्योंकि उसी रात रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इस दौरे पर भी इमरान ने खुलकर रूस के पक्ष में बात रखी थी।
- कश्मीर के मामले में भी इमरान खान हमेशा से यूनाइटेड नेशंस व अन्य देशों से हस्तक्षेप की बात करते रहे हैं। वहीं, बाजवा ने आपसी बातचीत के जरिए दोनों देशों के विवाद खत्म करने की तरफदारी की।
- इसी तरह अमेरिका के साथ रिश्तों को लेकर बात करें तो बाजवा कहते हैं कि दोनों देशों के बीच ‘दीर्घ व उत्कृष्ट रणनीतिक संबंध हैं।’ वहीं, पिछले काफी समय से इमरान खान खुलकर अमेरिका को चुनौती देते आए हैं। मौजूदा राजनीतिक संकट को लेकर भी इमरान ने अमेरिका पर आरोप लगाया है। कहा कि अमेरिका ही उनकी सरकार गिराना चाहता है। इसके लिए विपक्ष के साथ मिलकर वह काम कर रहे हैं।
इसी वजह से कहा जा रहा है कि सेना प्रमुख जनरल बाजवा और इमरान खान में बिल्कुल नहीं बन रही है। पाकिस्तान के सियासी गलियारे में सेना राज लगाए जाने की चर्चा भी शुरू हो गई है।
पाकिस्तान में मौजूदा राजनीतिक हालत क्या है?
पाकिस्तान की संसद में रविवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी, लेकिन डिप्टी स्पीकर ने इसे खारिज कर दिया। पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला दिया। कहा कि देश को अस्थिर करने के लिए विदेशी ताकतों के इशारे पर यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसके बाद इमरान खान की मांग पर राष्ट्रपति ने संसद भंग कर दिया है। वहीं, विपक्ष ने संसद को अपने कब्जे में ले लिया। अपना नया स्पीकर घोषित कर दिया। अब पूरा मामला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। आज इस मसले पर सुनवाई हो रही है।
विस्तार
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के बयानों ने हलचल मचा दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर जल्द पाकिस्तान का सियासी विवाद शांत नहीं हुआ तो एक बार फिर से सेना सत्ता अपने हाथ में ले सकती है। इसके पीछे बाजवा के चार बड़े बयान है। जो इमरान की मौजूदा नीतियों के बिलकुल उलट हैं।
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