एजेंसी, गिलगित/बाल्टिस्तान
Published by: Kuldeep Singh
Updated Thu, 12 Aug 2021 01:07 AM IST
पाकिस्तान कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में एक राजमार्ग पर सैकड़ों लोगों और छात्रों ने प्रशासनिक उदासीनता के विरोध में प्रदर्शन किए। विरोध जता रहे एक छात्र ने कहा कि फीस चुकाने के बावजूद स्कूलों में शिक्षक उन्हें पढ़ाने नहीं आते हैं।
छात्रों ने कहा, फीस देने पर भी शिक्षक नहीं जबकि लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं
दूसरी तरफ स्थानीय नागरिकों ने कहा कि बुनियादी सुविधाओं पर अनसुनी हो रही है। यहां तक कि पेयजल में सीवेज का पानी हर रोज आ रहा है। बता दें कि पाक कब्जे वाले इस इलाके में लोगों के साथ लगातार प्रशासन के खिलाफ आवाजें उठती रही हैं। हाल ही में नागरिक समाज निकायों के सदस्यों और नागरिकों ने स्कार्दू शहर में बिजली गुल होने पर विरोध प्रदर्शन किया था।
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने भी माना है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में लोगों और खासकर छात्रों का जीवन कोविड-19 महामारी के कारण खराब हो गया है। बुधवार को हुए प्रदर्शन में लोगों ने शिकायत रखी कि बुनियादी सुविधाओं के लिए भी उनकी अपील को अनसुना किया जाता है। यहां नलों में सीवेज का पानी पिछले लंबे समय से आ रहा है लेकिन कहीं कोई सुनवाई तक नहीं है।
विस्तार
पाकिस्तान कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में एक राजमार्ग पर सैकड़ों लोगों और छात्रों ने प्रशासनिक उदासीनता के विरोध में प्रदर्शन किए। विरोध जता रहे एक छात्र ने कहा कि फीस चुकाने के बावजूद स्कूलों में शिक्षक उन्हें पढ़ाने नहीं आते हैं।
छात्रों ने कहा, फीस देने पर भी शिक्षक नहीं जबकि लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं
दूसरी तरफ स्थानीय नागरिकों ने कहा कि बुनियादी सुविधाओं पर अनसुनी हो रही है। यहां तक कि पेयजल में सीवेज का पानी हर रोज आ रहा है। बता दें कि पाक कब्जे वाले इस इलाके में लोगों के साथ लगातार प्रशासन के खिलाफ आवाजें उठती रही हैं। हाल ही में नागरिक समाज निकायों के सदस्यों और नागरिकों ने स्कार्दू शहर में बिजली गुल होने पर विरोध प्रदर्शन किया था।
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने भी माना है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में लोगों और खासकर छात्रों का जीवन कोविड-19 महामारी के कारण खराब हो गया है। बुधवार को हुए प्रदर्शन में लोगों ने शिकायत रखी कि बुनियादी सुविधाओं के लिए भी उनकी अपील को अनसुना किया जाता है। यहां नलों में सीवेज का पानी पिछले लंबे समय से आ रहा है लेकिन कहीं कोई सुनवाई तक नहीं है।
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