डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 14 Apr 2022 11:26 PM IST
सार
इमरान खान ने देश में सरकार विरोधी जो आंदोलन छेड़ा है, उसे भारी जन समर्थन मिल रहा है। बुधवार रात पेशावर में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की तरफ से रिकॉर्डतोड़ रैली आयोजित की गई।
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विस्तार
इमरान ने सरकार विरोधी आंदोलन छेड़ा
इमरान खान ने देश में सरकार विरोधी जो आंदोलन छेड़ा है, उसे भारी जन समर्थन मिल रहा है। बुधवार रात पेशावर में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की तरफ से रिकॉर्डतोड़ रैली आयोजित की गई। इस जन समर्थन से इमरान खान और उनके समर्थकों का मनोबल बढ़ा हुआ है। पेशावर की रैली में इमरान खान ने न्यायपालिका से यह सफाई देने की मांग कि बीते शनिवार को आधी रात आखिर न्यायालय के दरवाजे क्यों खोले गए।
सुप्रीम कोर्ट और इस्लामाबाद हाई कोर्ट के दरवाजे आधी रात को खुले
शनिवार को ही नेशनल असेंबली में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। इस पर मतदान में हो रही देरी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट और इस्लामाबाद हाई कोर्ट के दरवाजे आधी रात को खोल दिए गए थे। तब ये चर्चा तेजी से फैली थी कि अगर बिना मतदान कराए नेशनल असेंबली की बैठक स्थगित हुई, तो न्यायालय स्पीकर की तुरंत गिरफ्तारी का आदेश जारी करेगा। कुछ खबरों में यह भी कहा गया था कि इमरान खान को गिरफ्तार किया जा सकता है। बाद में इस्लामाबाद हाई कोर्ट की तरफ से कहा गया था कि संवैधानिक अदालत होने के नाते वह यह सुनिश्चित करता है कि आपातकालीन स्थितियों में वह किसी भी समय सुनवाई के लिए उपलब्ध रहे।
प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद इमरान पहली बार रैली में सामने आए
प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद इमरान खान पहली बार किसी रैली में बुधवार रात को सामने आए। यहां उन्होंने कहा- ‘मेरे प्यारे जजों, मेरी न्यायपालिका, मैं आपकी आजादी के लिए जेल तक गया हूं। मैं यह सपना देखता था कि एक दिन न्यायपालिका समाज के कमजोर लोगों के पक्ष में खड़ी होगी, ना कि ताकतवर लोगों के। मैं न्यायपालिका से पूछता हूं कि आधी रात में कोर्ट के दरवाजे क्यों खोले गए। यह देश मुझे 45 साल से जानता है। क्या मैंने कभी कानून तोड़ा है? जब मैं क्रिकेट खेलता था, तब क्या कभी मुझ पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगे?’
पीटीआई के सहयोगी दलों में बेचैनी
देश के प्रमुख संस्थानों के खिलाफ इमरान खान के आक्रामक नजरिए से पीटीआई के सहयोगी दलों में बेचैनी पैदा हो रही है। इसके संकेत बुधवार को मिले, जब अवामी मुस्लिम लीग के नेता शेख रशीद अहमद ने सोशल मीडिया पर और आम बातचीत में पाकिस्तानी सेना की हो रही आलोचना की खुल कर निंदा की। उन्होंने कहा कि सेना और पीटीआई समर्थकों के बीच गलतफहमी पैदा हो गई है, जिसे तुरंत दूर किया जाना चाहिए।
पीटीआई समर्थकों का आरोप है कि इमरान खान को सत्ता से हटाने की रची गई साजिश में सेना की भी भूमिका रही। बीते रविवार को पाकिस्तान में ट्विटर पर सेना विरोधी हैशटैग सबसे ऊपर ट्रेंड करता रहा। उधर इमरान खान के समर्थन में हो रही रैलियों में लगातार सेना विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं। ऐसा नजारा पाकिस्तान में पहली बार देखने को मिल रहा है।