एजेंसी, इस्लामाबाद
Published by: ओम. प्रकाश
Updated Fri, 31 Dec 2021 12:59 AM IST
सार
पिछले साल दिसंबर में जमीयत उलेमा-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के कुछ स्थानीय मौलवियों के नेतृत्व में 1,000 से ज्यादा लोगों ने ग्रामीणों को मंदिर ध्वस्त करने के लिए उकसाया था। इस दौरान हजारों की तादाद में कट्टरपंथियों ने मदरसा छात्रों के नेतृत्व में मंदिर पर हमला किया था।
हिंदू तीर्थ यात्री
– फोटो : सोशल मीडिया
भारत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), और अमेरिका के 250 हिंदू तीर्थयात्रियों का एक समूह इस सप्ताह पाकिस्तान के एक सदी पुराने मंदिर का दौरा करने वाला है। डॉन अखबार ने यह जानकारी देते हुए बृहस्पतिवार को बताया कि यह मंदिर खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है और इसे पिछले साल एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी ने तोड़ दिया था। हिंदू तीर्थयात्री इस दौरान खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले के टेरी गांव में हिंदू संत स्वामी परमहंस जी महाराज के पवित्र स्थल पर भी जाएंगे।
स्वामी जी ने 1919 में देह त्याग किया था जिनकी याद में मंदिर की स्थापना 1920 में की गई थी। डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक भारत, यूएई और अमेरिका से बड़ी संख्या में हिंदू तीर्थयात्री 1 जनवरी को पेशावर पहुंचेंगे और पाकिस्तान हिंदू परिषद (पीएचसी) के निमंत्रण पर टेरी समाधि का दर्शन करेंगे।
पीएचसी से संरक्षक डॉ. रमेश कुमार वंकवानी के हवाले से अखबार ने बताया कि यह दूसरी बार है जब परिषद ने अन्य देशों के हिंदू तीर्थयात्रियों को आमंत्रित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि परिषद ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के सहयोग से कार्यक्रम की व्यवस्था की है। इससे पहले गत माह भारत, कनाडा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और स्पेन से 54 हिंदुओं ने देश का दौरा किया था।
जीर्णोद्धार के बाद मंदिर पर दिवाली मना चुके हैं पाक मुख्य न्यायाधीश
पिछले साल दिसंबर में जमीयत उलेमा-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के कुछ स्थानीय मौलवियों के नेतृत्व में 1,000 से ज्यादा लोगों ने ग्रामीणों को मंदिर ध्वस्त करने के लिए उकसाया था। इस दौरान हजारों की तादाद में कट्टरपंथियों ने मदरसा छात्रों के नेतृत्व में मंदिर पर हमला किया था।
बाद में पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश के आदेश पर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया और तोड़फोड़ करने वालों से 3.3 करोड़ रुपये वसूलने के लिए भी कहा गया। पाक मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने इस साल इसी मंदिर पर हिंदू समुदाय के साथ दिवाली भी मनाई थी।
विस्तार
भारत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), और अमेरिका के 250 हिंदू तीर्थयात्रियों का एक समूह इस सप्ताह पाकिस्तान के एक सदी पुराने मंदिर का दौरा करने वाला है। डॉन अखबार ने यह जानकारी देते हुए बृहस्पतिवार को बताया कि यह मंदिर खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है और इसे पिछले साल एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी ने तोड़ दिया था। हिंदू तीर्थयात्री इस दौरान खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले के टेरी गांव में हिंदू संत स्वामी परमहंस जी महाराज के पवित्र स्थल पर भी जाएंगे।
स्वामी जी ने 1919 में देह त्याग किया था जिनकी याद में मंदिर की स्थापना 1920 में की गई थी। डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक भारत, यूएई और अमेरिका से बड़ी संख्या में हिंदू तीर्थयात्री 1 जनवरी को पेशावर पहुंचेंगे और पाकिस्तान हिंदू परिषद (पीएचसी) के निमंत्रण पर टेरी समाधि का दर्शन करेंगे।
पीएचसी से संरक्षक डॉ. रमेश कुमार वंकवानी के हवाले से अखबार ने बताया कि यह दूसरी बार है जब परिषद ने अन्य देशों के हिंदू तीर्थयात्रियों को आमंत्रित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि परिषद ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के सहयोग से कार्यक्रम की व्यवस्था की है। इससे पहले गत माह भारत, कनाडा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और स्पेन से 54 हिंदुओं ने देश का दौरा किया था।
जीर्णोद्धार के बाद मंदिर पर दिवाली मना चुके हैं पाक मुख्य न्यायाधीश
पिछले साल दिसंबर में जमीयत उलेमा-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के कुछ स्थानीय मौलवियों के नेतृत्व में 1,000 से ज्यादा लोगों ने ग्रामीणों को मंदिर ध्वस्त करने के लिए उकसाया था। इस दौरान हजारों की तादाद में कट्टरपंथियों ने मदरसा छात्रों के नेतृत्व में मंदिर पर हमला किया था।
बाद में पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश के आदेश पर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया और तोड़फोड़ करने वालों से 3.3 करोड़ रुपये वसूलने के लिए भी कहा गया। पाक मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने इस साल इसी मंदिर पर हिंदू समुदाय के साथ दिवाली भी मनाई थी।
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