वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Tue, 19 Apr 2022 07:53 PM IST
सार
राजनीतिक विश्लेषक अब खुलेआम आशंका जता रहे हैं कि देश अस्थिरता की तरफ बढ़ रहा है। उनके मुताबिक इमरान खान जैसा ध्रुवीकरण कर रहे हैं, उसका इसी तरह का नतीजा हो सकता है। इमरान खान अपनी रैलियों में अपने विरोधी राजनीतिक दलों, मीडिया और बुद्धिजीवियों को गद्दार और अमेरिकी एजेंट बता रहे हैं…
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके समर्थकों ने देश में जो जज्बाती माहौल बनाया है, उससे सामाजिक अशांति पैदा होने का अंदेशा बढ़ रहा है। इसकी एक झलक इस्लामाबाद के एक रेस्तरां में देखने को मिली, जहां नेशनल असेंबली के सदस्य नूर अहमद खान भोजन कर रहे थे। नूर अहमद पहले इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सदस्य थे। लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उन्होंने पाला बदल लिया था। रेस्तरां में खाते वक्त अचानक उनके सामने एक व्यक्ति आकर तेज आवाज में उन्हें गद्दार और अमेरिकी एजेंट कहने लगा।
नूर अहमद ने ब्रिटिश अखबार द गार्जियन से बातचीत में कहा- ‘जब से मैंने यह कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मैं इमरान खान के खिलाफ वोट डालूंगा, मुझे परेशान किया गया, मुझे हत्या की धमकियां मिली हैं।’ भावावेश का ऐसा ही नजारा पिछले शनिवार को पंजाब प्रांत की असेंबली में देखने को मिला था। वहां सदन के अंदर पीटीआई और विपक्षी सदस्यों के बीच झड़पें हुईं और डिप्टी स्पीकर सरदार दोस्त मोहम्मद पर हमला हुआ।
इस घटना के बाद एक ट्विट में इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री रहे फव्वाद चौधरी ने कहा- देश सामाजिक अशांति की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा- ‘इमरान खान ने पूरा संयम बरता है। लेकिन जल्द ही ऐसा हाल होगा, जब वे क्रोधित भीड़ को रोक नहीं पाएंगे और देश में सामाजिक उथल-पुथल देखने को मिलेगी।’
अस्थिरता की तरफ बढ़ रहा है पाकिस्तान
राजनीतिक विश्लेषक अब खुलेआम आशंका जता रहे हैं कि देश अस्थिरता की तरफ बढ़ रहा है। उनके मुताबिक इमरान खान जैसा ध्रुवीकरण कर रहे हैं, उसका इसी तरह का नतीजा हो सकता है। इमरान खान अपनी रैलियों में अपने विरोधी राजनीतिक दलों, मीडिया और बुद्धिजीवियों को गद्दार और अमेरिकी एजेंट बता रहे हैं। उन्होंने न्यायपालिका को भी नहीं बख्शा है। टीकाकार परवेज हुडभोय ने द गार्जियन से कहा- ‘इमरान खान ने पाकिस्तान को इस तरह दो खेमों में बांट दिया है कि आने वाले दिन उथल-पुथल भरे होंगे। इमरान ऐसा सत्ता के लालच में कर रहे हैं और इस रूप में वे देश के लिए खतरा बन गए हैं।’
इस दौरान ये बात साफ हुआ है कि इमरान खान देश के अंदर अपने लिए बहुत बड़ा कट्टर समर्थक तबका तैयार करने में कामयाब रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उनके समर्थकों में उनकी मसीहाई छवि बनी हुई है। इस्लामाबाद के 35 वर्षीय निवासी मोहम्मद बनारस ने द गार्जियन से कहा कि इमरान ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने गरीबों के बारे में सोचा और भ्रष्टाचार को चुनौती दी। उन्होंने कहा- ‘इमरान इस्लाम और कश्मीरियों के अधिकार की बात करते थे। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते थे। इसलिए अमेरिका और पश्चिमी देश उनके खिलाफ हो गए। वे नहीं चाहते है कि पाकिस्तान एक मजबूत देश बने। हम इस लड़ाई में इमरान खान के साथ हैं।’
लेकिन वकील रीमा उमर ने कहा- ‘ऐसी धारणा तथ्य पर आधारित नहीं है। इमरान खान (हिटलर के सूचना मंत्री) गोयेबेल्स के सिद्धांत पर चल रहे हैं। वे ऐसे झूठ बोल रहे हैं, जिनसे भावनाएं भड़कती हैं। इससे नफरत का भाव फैल रहा है। इमरान इसकी चिंता नहीं कर रहे हैं कि इसका समाज के लिए कितना हानिकारक असर होगा।’
विस्तार
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके समर्थकों ने देश में जो जज्बाती माहौल बनाया है, उससे सामाजिक अशांति पैदा होने का अंदेशा बढ़ रहा है। इसकी एक झलक इस्लामाबाद के एक रेस्तरां में देखने को मिली, जहां नेशनल असेंबली के सदस्य नूर अहमद खान भोजन कर रहे थे। नूर अहमद पहले इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सदस्य थे। लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उन्होंने पाला बदल लिया था। रेस्तरां में खाते वक्त अचानक उनके सामने एक व्यक्ति आकर तेज आवाज में उन्हें गद्दार और अमेरिकी एजेंट कहने लगा।
नूर अहमद ने ब्रिटिश अखबार द गार्जियन से बातचीत में कहा- ‘जब से मैंने यह कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मैं इमरान खान के खिलाफ वोट डालूंगा, मुझे परेशान किया गया, मुझे हत्या की धमकियां मिली हैं।’ भावावेश का ऐसा ही नजारा पिछले शनिवार को पंजाब प्रांत की असेंबली में देखने को मिला था। वहां सदन के अंदर पीटीआई और विपक्षी सदस्यों के बीच झड़पें हुईं और डिप्टी स्पीकर सरदार दोस्त मोहम्मद पर हमला हुआ।
इस घटना के बाद एक ट्विट में इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री रहे फव्वाद चौधरी ने कहा- देश सामाजिक अशांति की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा- ‘इमरान खान ने पूरा संयम बरता है। लेकिन जल्द ही ऐसा हाल होगा, जब वे क्रोधित भीड़ को रोक नहीं पाएंगे और देश में सामाजिक उथल-पुथल देखने को मिलेगी।’
अस्थिरता की तरफ बढ़ रहा है पाकिस्तान
राजनीतिक विश्लेषक अब खुलेआम आशंका जता रहे हैं कि देश अस्थिरता की तरफ बढ़ रहा है। उनके मुताबिक इमरान खान जैसा ध्रुवीकरण कर रहे हैं, उसका इसी तरह का नतीजा हो सकता है। इमरान खान अपनी रैलियों में अपने विरोधी राजनीतिक दलों, मीडिया और बुद्धिजीवियों को गद्दार और अमेरिकी एजेंट बता रहे हैं। उन्होंने न्यायपालिका को भी नहीं बख्शा है। टीकाकार परवेज हुडभोय ने द गार्जियन से कहा- ‘इमरान खान ने पाकिस्तान को इस तरह दो खेमों में बांट दिया है कि आने वाले दिन उथल-पुथल भरे होंगे। इमरान ऐसा सत्ता के लालच में कर रहे हैं और इस रूप में वे देश के लिए खतरा बन गए हैं।’
इस दौरान ये बात साफ हुआ है कि इमरान खान देश के अंदर अपने लिए बहुत बड़ा कट्टर समर्थक तबका तैयार करने में कामयाब रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उनके समर्थकों में उनकी मसीहाई छवि बनी हुई है। इस्लामाबाद के 35 वर्षीय निवासी मोहम्मद बनारस ने द गार्जियन से कहा कि इमरान ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने गरीबों के बारे में सोचा और भ्रष्टाचार को चुनौती दी। उन्होंने कहा- ‘इमरान इस्लाम और कश्मीरियों के अधिकार की बात करते थे। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते थे। इसलिए अमेरिका और पश्चिमी देश उनके खिलाफ हो गए। वे नहीं चाहते है कि पाकिस्तान एक मजबूत देश बने। हम इस लड़ाई में इमरान खान के साथ हैं।’
लेकिन वकील रीमा उमर ने कहा- ‘ऐसी धारणा तथ्य पर आधारित नहीं है। इमरान खान (हिटलर के सूचना मंत्री) गोयेबेल्स के सिद्धांत पर चल रहे हैं। वे ऐसे झूठ बोल रहे हैं, जिनसे भावनाएं भड़कती हैं। इससे नफरत का भाव फैल रहा है। इमरान इसकी चिंता नहीं कर रहे हैं कि इसका समाज के लिए कितना हानिकारक असर होगा।’
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