एजेंसी, बैंकॉक।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 18 Dec 2021 01:57 AM IST
सार
अब तक करीब 2,500 ग्रामीणों ने दोनों देशों की सीमा निर्धारित करने वाली मोई नदी पार की और शरण के लिए थाईलैंड के माई सोत जिला आए हैं।
म्यांमार की सेना और जातीय समूह के छापामार लड़ाकों के बीच जारी लड़ाई की वजह से करीब 2,500 ग्रामीण म्यांमार से पलायन कर थाईलैंड की सीमा में दाखिल हो गए हैं। यह जानकारी थाई सेना के एक सैन्य अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल के बाद लोगों का म्यांमार से थाईलैंड के लिए यह सबसे बड़ा पलायन है।
थाईलैंड की सेना ने बताया कि इससे पहले अप्रैल में म्यांमार की सेना द्वारा अल्पसंख्यक कारेन जातीय समूह के इलाके में हवाई हमले करने के दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण थाईलैंड की सीमा में चले आए थे।
हालांकि, कुछ दिन थाईलैंड में रहने के बाद वे लौट गए थे। पश्चिमी सीमा में तक सूबे में तैनात थाई सेना के अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार से अब तक करीब 2,500 ग्रामीणों ने दोनों देशों की सीमा निर्धारित करने वाली मोई नदी पार की और शरण के लिए थाईलैंड के माई सोत जिला आए हैं। पहचान गुप्त रखते हुए अधिकारी ने बताया कि आने वालों में से अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं।
विस्तार
म्यांमार की सेना और जातीय समूह के छापामार लड़ाकों के बीच जारी लड़ाई की वजह से करीब 2,500 ग्रामीण म्यांमार से पलायन कर थाईलैंड की सीमा में दाखिल हो गए हैं। यह जानकारी थाई सेना के एक सैन्य अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल के बाद लोगों का म्यांमार से थाईलैंड के लिए यह सबसे बड़ा पलायन है।
थाईलैंड की सेना ने बताया कि इससे पहले अप्रैल में म्यांमार की सेना द्वारा अल्पसंख्यक कारेन जातीय समूह के इलाके में हवाई हमले करने के दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण थाईलैंड की सीमा में चले आए थे।
हालांकि, कुछ दिन थाईलैंड में रहने के बाद वे लौट गए थे। पश्चिमी सीमा में तक सूबे में तैनात थाई सेना के अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार से अब तक करीब 2,500 ग्रामीणों ने दोनों देशों की सीमा निर्धारित करने वाली मोई नदी पार की और शरण के लिए थाईलैंड के माई सोत जिला आए हैं। पहचान गुप्त रखते हुए अधिकारी ने बताया कि आने वालों में से अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं।
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