वीडियो डेस्क,अमर उजाला.कॉम Published by: प्रतीक्षा पांडे Updated Tue, 08 Feb 2022 08:49 PM IST
सीमा से लेकर सियासत तक का मोर्चा संभालने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब का प्रमुख चेहरा है। पटियाला राजघराने से संबंध रखने वाले कैप्टन राज शाही अंदाज में पले बढ़े हैं और अपने जीवन काल में उन्होंने सीमा पर सेवाएं देने के साथ-साथ सियासत का मोर्चा भी बखूबी संभाला है। साल 2017 में विधानसभा चुनाव में अगर पंजाब सत्ता में आई थी तो उसकी वजह सिर्फ और सिर्फ कैप्टन अमरिंदर थे।
1977 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और कांग्रेस से लोकसभा का चुनाव लड़े हालांकि वह उस वक्त हार गए थे लेकिन 1980 में जब वह दोबारा लड़े तो उन्होंने भारी मतों के साथ जीत हासिल की।
1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान कैप्टन ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद वह खासा लोकप्रिय और बड़े नेता बन गए।
पंजाब के हालात और सियासत को जितना बेहतर तरीके से कैप्टन समझते हैं शायद ही कोई दूसरा समझेगा। किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी खासा पैठ भी है लेकिन इन सबके बीच यह भी मानना होगा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में इनकी स्थिति पूरी तरह से अलग है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बना ली है और वह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। देखना यह है सीमा से सियासत का मोर्चा संभालने वाले कैप्टन अमरिंदर पंजाब की सियासत में इस विधानसभा चुनाव में कहां फिट बैठते हैं।