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निवेश का गणित: मजबूत वित्तीय भविष्य के लिए निवेश करें महिलाएं, फ्लेक्सी एफडी शॉर्ट टर्म के लिए पैसे लगाने का अच्छा साधन

निवेश का गणित: मजबूत वित्तीय भविष्य के लिए निवेश करें महिलाएं, फ्लेक्सी एफडी शॉर्ट टर्म के लिए पैसे लगाने का अच्छा साधन

सार

महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त हो रही हैं। बात चाहे कमाने की हो या स्मार्ट निवेश की, वे हर पहलुओं के आकलन के बाद ही पैसे खर्च करती हैं। कल यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। ऐसे में मजबूत वित्तीय भविष्य के लिए महिलाओं को तीन उत्पादों में जरूर निवेश करना चाहिए। निवेश का पूरा गणित बताती कालीचरण की रिपोर्ट-

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निवेश सलाहकार स्वीटी मनोज जैन का कहना है कि फ्लेक्सी फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) एक खास तरह की जमा योजना होती है। इसमें जमाकर्ता को अपने डिपॉजिट खाते में मैन्युअल रूप से पैसे जोड़ने की आवश्यकता होती है। इसके जमाकर्ताओं को बचत खातों की तरलता और एफडी के उच्च रिटर्न दोनों का लाभ मिलता है। परिवार की जरूरतों को देखते हुए महिलाओं का अपना आपात फंड होना जरूरी है। आपात स्थिति के लिए उन्हें छह महीने के खर्च के बराबर रकम फ्लेक्सी एफडी में रखनी चाहिए। बैंक फ्लेक्सी एफडी में जमा कुल राशि का 90% अल्पावधि कर्ज देते हैं, जो ऑनलाइन तरीके से आसानी से और जल्द मिल जाता है। यह शॉर्ट टर्म के लिए निवेश का अच्छा साधन है। हालांकि, तीन साल से अधिक समय तक के वित्तीय लक्ष्यों के लिए उतनी कारगर नहीं है।

सुपर टॉप-अप स्वास्थ्य बीमा
सुपर टॉप-अप स्वास्थ्य बीमा उनके लिए अतिरिक्त कवर होता है, जिनके पास पहले से कोई पॉलिसी है। इससे बड़ी बीमारियों के इलाज में काफी राहत मिलती है, जिन पर खर्च 15-20 लाख रुपये आता है।

  • इसमें किसी बीमारी के इलाज का खर्च जब आपके सामान्य स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की लिमिट को पार कर जाता है, तब सुपर-टॉप अप काम आता है।
  • आपके पास 10 लाख की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है, जो आपको पर्याप्त नहीं लगती है। ऐसे में 15 लाख का टॉप-अप लेकर कवर 25 लाख रुपये कर सकते हैं।
  • मान लीजिए, आप एक साल में तीन बार बीमार हुए। पहली बार में इलाज खर्च 8 लाख रुपये, दूसरी बार में 6 लाख और तीसरी बार में 5 लाख का खर्च आया।
  • पहली बार इलाज का खर्च स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से कवर होगा। फिर भी आपके पास दो लाख बचेंगे।
  • 6 लाख खर्च होने पर दो लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से और 4 लाख सुपर टॉप-अप से कटेगा।
  • तीसरी बार 5 लाख के इलाज खर्च का पूरा भुगतान आप सुपर टॉप-अप प्लान से कर सकेंगे। इसके बाद भी 6 लाख रुपये का कवर आपके पास बचा रहेगा।
90 फीसदी तक कर्ज मिल जाता है फ्लेक्सी एफडी में जमा राशि पर
पिछले कुछ वर्षों में सेवानिवृत्ति को लेकर महिलाओं की सोच में काफी बदलाव आया है। अब वे सेवानिवृत्ति के बाद घर बैठने के बारे में नहीं सोचती हैं बल्कि अपनी अधूरी ख्वाहिशें पूरी करने की कोशिश करती हैं। इसके लिए पर्याप्त फंड होना जरूरी है, जो सिर्फ इंप्लाई प्रोविडेंट फंड या पब्लिक प्रोविडेंट फंड  जैसे पारंपरिक निवेश से संभव नहीं है।

एनपीएस में एक्टिव इक्विटी विकल्प
ऐसे में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में एक्टिव इक्विटी विकल्प का चयन कारगर साबित हो सकता है। इसमें निवेश अवधि के दौरान आपका ज्यादातर पैसा इक्विटी में लगता है, जिससे कुल मिलाकर अच्छा रिटर्न मिलता है। अगर आज आपकी उम्र 30 साल है और हर महीने 50,000 रुपये खर्च करते हैं तो 50 साल में सेवानिवृत्त होने पर आपको 3 करोड़ के फंड की जरूरत होगी। इसके लिए हर महीने 48,000 रुपये निवेश करने होंगे।

अगर आप अकेले ईपीएफ में हर माह 25,000 रुपये निवेश करते हैं तो 50 साल में आपके पास 1.58 करोड़ का फंड जमा हो जाएगा। लेकिन, इतनी ही राशि अगर एनपीएस में करते हैं तो 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब 2.50 करोड़ की पूंजी जमा हो जाएगी।

फ्लेक्सी कैप, मिडकैप, इंडेक्स फंड में भी करें निवेश
महंगाई के दौर में पारंपरिक निवेश के तरीके अब कारगर नहीं रह गए हैं। भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निवेश रकम का 30-40 फीसदी हिस्सा फ्लेक्सीकैप, मिडकैप और इंडेक्स फंड्स में जरूर लगाना चाहिए। इसमें थोड़ा जोखिम रहता है। इससे बचने के लिए फंड मैनेजर की सलाह लें और जोखिम के आकलन के बाद ही निवेश करें। -अनुज गुप्ता, उपाध्यक्ष, आईआईएफएल सिक्योरिटीज

विस्तार

निवेश सलाहकार स्वीटी मनोज जैन का कहना है कि फ्लेक्सी फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) एक खास तरह की जमा योजना होती है। इसमें जमाकर्ता को अपने डिपॉजिट खाते में मैन्युअल रूप से पैसे जोड़ने की आवश्यकता होती है। इसके जमाकर्ताओं को बचत खातों की तरलता और एफडी के उच्च रिटर्न दोनों का लाभ मिलता है। परिवार की जरूरतों को देखते हुए महिलाओं का अपना आपात फंड होना जरूरी है। आपात स्थिति के लिए उन्हें छह महीने के खर्च के बराबर रकम फ्लेक्सी एफडी में रखनी चाहिए। बैंक फ्लेक्सी एफडी में जमा कुल राशि का 90% अल्पावधि कर्ज देते हैं, जो ऑनलाइन तरीके से आसानी से और जल्द मिल जाता है। यह शॉर्ट टर्म के लिए निवेश का अच्छा साधन है। हालांकि, तीन साल से अधिक समय तक के वित्तीय लक्ष्यों के लिए उतनी कारगर नहीं है।

सुपर टॉप-अप स्वास्थ्य बीमा

सुपर टॉप-अप स्वास्थ्य बीमा उनके लिए अतिरिक्त कवर होता है, जिनके पास पहले से कोई पॉलिसी है। इससे बड़ी बीमारियों के इलाज में काफी राहत मिलती है, जिन पर खर्च 15-20 लाख रुपये आता है।

  • इसमें किसी बीमारी के इलाज का खर्च जब आपके सामान्य स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की लिमिट को पार कर जाता है, तब सुपर-टॉप अप काम आता है।
  • आपके पास 10 लाख की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है, जो आपको पर्याप्त नहीं लगती है। ऐसे में 15 लाख का टॉप-अप लेकर कवर 25 लाख रुपये कर सकते हैं।
  • मान लीजिए, आप एक साल में तीन बार बीमार हुए। पहली बार में इलाज खर्च 8 लाख रुपये, दूसरी बार में 6 लाख और तीसरी बार में 5 लाख का खर्च आया।
  • पहली बार इलाज का खर्च स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से कवर होगा। फिर भी आपके पास दो लाख बचेंगे।
  • 6 लाख खर्च होने पर दो लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से और 4 लाख सुपर टॉप-अप से कटेगा।
  • तीसरी बार 5 लाख के इलाज खर्च का पूरा भुगतान आप सुपर टॉप-अप प्लान से कर सकेंगे। इसके बाद भी 6 लाख रुपये का कवर आपके पास बचा रहेगा।

90 फीसदी तक कर्ज मिल जाता है फ्लेक्सी एफडी में जमा राशि पर

पिछले कुछ वर्षों में सेवानिवृत्ति को लेकर महिलाओं की सोच में काफी बदलाव आया है। अब वे सेवानिवृत्ति के बाद घर बैठने के बारे में नहीं सोचती हैं बल्कि अपनी अधूरी ख्वाहिशें पूरी करने की कोशिश करती हैं। इसके लिए पर्याप्त फंड होना जरूरी है, जो सिर्फ इंप्लाई प्रोविडेंट फंड या पब्लिक प्रोविडेंट फंड  जैसे पारंपरिक निवेश से संभव नहीं है।

एनपीएस में एक्टिव इक्विटी विकल्प

ऐसे में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में एक्टिव इक्विटी विकल्प का चयन कारगर साबित हो सकता है। इसमें निवेश अवधि के दौरान आपका ज्यादातर पैसा इक्विटी में लगता है, जिससे कुल मिलाकर अच्छा रिटर्न मिलता है। अगर आज आपकी उम्र 30 साल है और हर महीने 50,000 रुपये खर्च करते हैं तो 50 साल में सेवानिवृत्त होने पर आपको 3 करोड़ के फंड की जरूरत होगी। इसके लिए हर महीने 48,000 रुपये निवेश करने होंगे।

अगर आप अकेले ईपीएफ में हर माह 25,000 रुपये निवेश करते हैं तो 50 साल में आपके पास 1.58 करोड़ का फंड जमा हो जाएगा। लेकिन, इतनी ही राशि अगर एनपीएस में करते हैं तो 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब 2.50 करोड़ की पूंजी जमा हो जाएगी।

फ्लेक्सी कैप, मिडकैप, इंडेक्स फंड में भी करें निवेश

महंगाई के दौर में पारंपरिक निवेश के तरीके अब कारगर नहीं रह गए हैं। भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निवेश रकम का 30-40 फीसदी हिस्सा फ्लेक्सीकैप, मिडकैप और इंडेक्स फंड्स में जरूर लगाना चाहिए। इसमें थोड़ा जोखिम रहता है। इससे बचने के लिए फंड मैनेजर की सलाह लें और जोखिम के आकलन के बाद ही निवेश करें। -अनुज गुप्ता, उपाध्यक्ष, आईआईएफएल सिक्योरिटीज

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