न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: अजय सिंह
Updated Fri, 13 Aug 2021 12:12 PM IST
सार
एक से 11 अगस्त के बीच सिर्फ बंगलूरू में ही 543 बच्चों में कोरोना की पुष्टि हुई है। ये सभी 0 से 19 वर्ष के बीच हैं। वैज्ञानिक, इसे बड़ा खतरा मान रहे हैं। तीसरी लहर की आशंका के बीच कर्नाटक सीएम बसवराज बोम्मई ने आपात बैठक बुला ली है।
तीसरी लहर कोरोना वायरस
– फोटो : self
ख़बर सुनें
विस्तार
गौरतलब है कि, विशेषज्ञों की राय के बाद ही सीएम ने कर्नाटक में स्कूलों को खोले जाने का आदेश पारित किया था। लेकिन, विकराल होते कोरोना को देखते हुए इस बैठक में कई कड़े निर्णय लिए जा सकते हैं। उधर, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका की ओर से जारी किए गए बयान में बताया कि जिन 543 बच्चों व युवाओं में कोरोना की पुष्टि हुई है। उनमें से ज्यादातर में कोरोना के या तो हल्के लक्षण हैं या फिर लक्षण ही नहीं है।
वैज्ञानिक मान रहे बड़ा खतरा
वैज्ञानिक, इसे बड़ा खतरा मान रहे हैं। क्योंकि, बिना लक्षणों के कोरोना बच्चों व युवाओं पर आक्रमण कर रहा है। इससे तीसरी लहर की आशंका भी बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि तीसरी लहर में बच्चों व युवाओं को ज्यादा सुरक्षित रहने की जरूरत है। हालांकि, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आए हैं। लेकिन, दूसरी लहर के दौरान बच्चे व युवा ही सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों के संपर्क में आए हैं।
पांच से दस अगस्त के बीच से 250 मामले
बृहद बंगलूरू महानगर पालिका की ओर से पिछले दिनों जो आंकड़े जारी किए गए थे। उसके अनुसार 0 से 19 वर्ष के बच्चों व युवाओं में 250 संक्रमित सामने आए थे। ये आंकड़े पांच से दस अगस्त के बीच के थे। लेकिन, शुक्रवार को एक अगस्त से 11 अगस्त के बीच के जो आंकड़े सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। 543 बच्चों के संक्रमित होने की खबर ने स्वास्थ्य विभाग की नींद भी खराब कर दी है।
फिर उठी स्कूल बंद करने की मांग
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच ज्यादातर राज्य सरकारें स्कूल खोलती जा रही हैं। लेकिन, जिस तरह से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं और उसमें युवा और बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से स्कूल बंद रखने की मांग उठने लगी है।