तस्वीरों को देख साफ जाहिर हो रहा है कि रूस के हमले के बाद यूक्रेन में कितनी खतरनाक तबाही मची है। इसलिए अब यूक्रेन के ज्यादातर इलाके एकदम वीरान नजर आ रहे हैं। दोनेस्क इलाके में रूस समर्थक अलगाववादियों द्वारा बनाए गए अस्थायी शरणार्थी कैंपों में भी मैरियूपोल निवासी पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि करीब पांच हजार लोग अपने बच्चों के साथ इन कैंपों का रुख कर चुके हैं। यूलिया ने बताया कि छह भवन बमबारी का निशाना बने। उनका परिवार सिर्फ 15 मिनट में भाग निकला और बेजिमेन में शरण ली।
सामने आईं नई उपग्रह तस्वीरों से इरपिन और मरकीव समेत तमाम शहरों में रूसी हमलों से हुई जबरदस्त तबाही के निशान स्पष्ट दिख रहे हैं। घरों, स्कूलों, दफ्तरों और शॉपिंग मॉल को भारी नुकसान अंतरिक्ष से भी साफ नजर आ रहा है। सरकारी परिसर और अपार्टमेंट के बीच मध्य इरपिन में दो जगह आग दिखाई दे रही है।
सीएनएन ने बताया कि तस्वीरें सैन्य हमलों और इरपिन नदी से बढ़ती बाढ़ दिखाती हैं। एक उपग्रह तस्वीर इरपिन नदी से बढ़ते बाढ़ के पानी को दिखाती है। यह स्पष्ट नहीं है कि इरपिन नदी बेसिन में बांध से बाढ़ कैसे आई। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में बाढ़ के लिए जानबूझकर बांध के द्वार खोले गए थे। सीएनएन के अनुसार, नीपर नदी के किनारे एक बांध इरपिन नदी बेसिन और उसकी सहायक नदियों में पानी भर रहा है।
कीव में प्रवेश करने के लिए रूसी सैन्य काफिलों को इरपिन नदी पार करना जरूरी है और यूक्रेन इसी तरह रूसी सैनिकों को रोके हुए है। एक अन्य उपग्रह तस्वीर में मरकीव के एक स्कूल के पास इमारतों तथा एक झील के पास एक आवासीय क्षेत्र के बीच दो जगह आग की भीषण लपटें भी देखी जा सकती हैं।
रूस के हमले में जलते अपार्टमेंट
तस्वीरों को देख साफ जाहिर हो रहा है कि रूस के हमले के बाद यूक्रेन में कितनी खतरनाक तबाही मची है। इसलिए अब यूक्रेन के ज्यादातर इलाके एकदम वीरान नजर आ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि रूसी हमले के बाद अब लगभग 35 लाख यूक्रेनी लोग देश छोड़ चुके हैं।
हमलों से बचकर अलगाववादी कैंपों में भी पहुंच रहे लोग
दोनेस्क इलाके में रूस समर्थक अलगाववादियों द्वारा बनाए गए अस्थायी शरणार्थी कैंपों में भी मैरियूपोल निवासी पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि करीब पांच हजार लोग अपने बच्चों के साथ इन कैंपों का रुख कर चुके हैं। यूलिया ने बताया कि छह भवन बमबारी का निशाना बने। उनका परिवार सिर्फ 15 मिनट में भाग निकला और बेजिमेन में शरण ली।
- ओल्हा निकितिन ने बताया कि गोलीबारी से उनके घर की खिड़कियों के कांच टूट गए थे। बिना बिजली के अपार्टमेंट का तापमान जमाव बिंदु से भी नीचे पहुंच गया था।
मैरियूपोल में आमने सामने की जंग
मैरियूपोल में भीषण लड़ाई के बीच लोग जान खतरे में डालकर बचकर भाग रहे हैं। लोगों ने बताया है कि गलियों में आमने-सामने लड़ाई चल रही है। शवों के बीच से रास्ता बनाकर निकलना पड़ रहा है।
- अधिकारियों का कहना है बेतहाशा बमबारी में हजारों लोग फंसे रह गए हैं।
- यूक्रेन ने रूस से अपील की है कि मैरियूपोल में मानवीय आधार पर नागरिकों के लिए सहायता पहुंचाने दे। शहर में खाना, दवाएं, बिजली, पानी समाप्त हो चुके हैं।
महासभा में फिर यूक्रेन पर मतदान होगा
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को यूक्रेन मुद्दे पर लाए जा रहे एक प्रस्ताव पर मतदान होगा। यूक्रेन पर हमले के मुद्दे पर यह दूसरा प्रस्ताव है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहीद को महासभा की 11वीं आपात विशेष बैठक फिर बुलाने का अनुरोध मिला है। एजेंसी
मैरियूपोल तक मानवीय मदद पहुंचने दे रूस : यूक्रेन
यूक्रेन ने रूस से अपील की है कि मैरियूपोल शहर में मानवीय आधार पर नागरिकों के लिए सहायता पहुंचाने दे। इस शहर में खाना, दवाएं, बिजली, पानी सब समाप्त हो चुका है। स्थानीय अधिकारियों ने मैरियूपोल की तुलना ‘मृत शहर की राख’ से की है। करीब 4 लाख की आबादी का एक हिस्सा शहर से बाहर निकाला जा चुका है लेकिन अब भी बड़ी संख्या में नागरिक यहां फंसे हैं। रूस हमले के पहले दिन से इस बंदरगाह शहर पर कब्जे की कोशिश में लगा है क्योंकि इसके जरिये वह डोनबास इलाके से होते हुए क्रीमिया तक जमीनी रूप से पहुंच सकता है।
टैंक उड़ा रहीं तेत्याना
रूस से मुकाबले को तत्पर बुलंद हौसले वाली तेत्याना चोर्नोवोल कीव में चल रही लड़ाई में रूसी सेना से लड़ रही हैं। लेफ्टिनेंट तेत्याना यूक्रेनी संसद की पूर्व सदस्य (सांसद) हैं, जो फिलहाल अजोव बटालियन के लड़ाकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एंटी-टैंक मिसाइल यूनिट संभाल रही हैं। वे अपनी मिसाइलों से कई रूसी टैंक बर्बाद कर चुकी हैं।
खोजी पत्रकार भी रह चुकी हैं तेत्याना
तेत्याना ने खोजी पत्रकार रहते हुए 2013 में रूस समर्थक यूक्रेनी राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के घोटाले भी खोले थे। उस वक्त तेत्याना के ऊपर जानलेवा हमला भी हुआ था।
- मरणासन्न हालात में आ चुकी तेत्याना की जान भाग्ववश ही बची थी। बाद में तत्याना के हमलावरों को रूस ने अपने यहां राजनीतिक शरण दे दी।
- तेत्याना के पति माएकोला बेरेजोवई भी अजोव बटालियन के सक्रिय कार्यकर्ता थे, जो 8 अगस्त 2014 को पूर्वी यूक्रेन में चलाए जा रहे आतंक रोधी ऑपरेशन में मारे गए।
मिसाइल से बेटी को बचाया : सिर और शरीर पर हुए कई जख्म बच्ची को खरोंच तक नहीं आने दी
रूसी हमलों के निशाने पर रहे मैरियूपोल शहर से ममता की भावुक करने वाली तस्वीर सामने आई है। 27 वर्षीय ओल्गा ने अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर रूसी हमलों से अपनी नवजात बच्ची की जान बचाई है। हमले में मां बुरी तरह घायल हो गई। घर पर गिरी मिसाइल से बचाने के लिए ओल्गा ने बच्ची विक्टोरिया को गोद में छिपाया और जमीन पर लेट गई। ओल्गा ने बताया, ‘मिसाइल हमले के बाद पूरे कमरे में कांच टूट गया था। मैंने पहले ही बच्ची पर कंबल डाल दिया था। हमला होते ही उसे गोद में लेकर लेट गई। मेरे सिर से निकला खून बच्ची के शरीर पर दिखा। मैं डर गई कि यह उसका खून है।’
35 लाख से ज्यादा यूक्रेनियों ने छोड़ा मुल्क
जंग शुरू होने के बाद से 35 लाख यूक्रेनी सीमा पार जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने बताया कि 35,28,346 लोगों को अपना मुल्क छोड़ना पड़ा है।
रूस में फेसबुक-इंस्टाग्राम पर अदालत ने लगाया प्रतिबंध
रूस में मॉस्को की एक अदालत ने फेसबुक और इंस्टाग्राम को प्रतिबंधित कर उनकी मालिकाना कंपनी मेटा को कट्टरपंथी करार दिया। आदेश में त्वर्सकी की अदालत ने कहा कि मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म से रूस और रूसी सेना के खिलाफ हिंसा भड़काने की अनुमति दी। यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई के बारे में अफवाहें फैला रही 4,500 सामग्री भी आदेश के बावजूद अपने प्लेटफॉर्म से हटाने से इनकार कर दिया। इस आदेश के पहले रूस में 4 मार्च से फेसबुक ब्लॉक है।
निर्णय में कहा गया कि वह कट्टरपंथी गतिविधियां चला रहा है। रूसी मीडिया मेटा का उल्लेख करे तो उसे कट्टरपंथी घोषित करे। रूस के महाभियोजन कार्यालय व केंद्रीय सुरक्षा सेवा ने भी मेटा को रूस के खिलाफ काम करने वाला करार दिया था। फेसबुक ने यूक्रेन में अपने यूजर्स से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व रूसी सेना के खिलाफ हिंसा भड़काने व सैनिकों की हत्या का आह्वान करने वाले पोस्ट करने की अनुमति दी थी।
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सामने आईं नई उपग्रह तस्वीरों से इरपिन और मरकीव समेत तमाम शहरों में रूसी हमलों से हुई जबरदस्त तबाही के निशान स्पष्ट दिख रहे हैं। घरों, स्कूलों, दफ्तरों और शॉपिंग मॉल को भारी नुकसान अंतरिक्ष से भी साफ नजर आ रहा है। सरकारी परिसर और अपार्टमेंट के बीच मध्य इरपिन में दो जगह आग दिखाई दे रही है।
सीएनएन ने बताया कि तस्वीरें सैन्य हमलों और इरपिन नदी से बढ़ती बाढ़ दिखाती हैं। एक उपग्रह तस्वीर इरपिन नदी से बढ़ते बाढ़ के पानी को दिखाती है। यह स्पष्ट नहीं है कि इरपिन नदी बेसिन में बांध से बाढ़ कैसे आई। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में बाढ़ के लिए जानबूझकर बांध के द्वार खोले गए थे। सीएनएन के अनुसार, नीपर नदी के किनारे एक बांध इरपिन नदी बेसिन और उसकी सहायक नदियों में पानी भर रहा है।
कीव में प्रवेश करने के लिए रूसी सैन्य काफिलों को इरपिन नदी पार करना जरूरी है और यूक्रेन इसी तरह रूसी सैनिकों को रोके हुए है। एक अन्य उपग्रह तस्वीर में मरकीव के एक स्कूल के पास इमारतों तथा एक झील के पास एक आवासीय क्षेत्र के बीच दो जगह आग की भीषण लपटें भी देखी जा सकती हैं।
रूस के हमले में जलते अपार्टमेंट
तस्वीरों को देख साफ जाहिर हो रहा है कि रूस के हमले के बाद यूक्रेन में कितनी खतरनाक तबाही मची है। इसलिए अब यूक्रेन के ज्यादातर इलाके एकदम वीरान नजर आ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि रूसी हमले के बाद अब लगभग 35 लाख यूक्रेनी लोग देश छोड़ चुके हैं।