ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि रूस के पास ऐसी वायु रक्षा प्रणाली है कि अमेरिकी विमान टिक नहीं पाएंगे। इसी तरह सोहू वेब पोर्टल ने चेताया कि यदि पेंटागन ने एफ-36 जेट काला सागर में भेजे तो रूस उसे बख्शेगा नहीं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात करने के बाद वोलोदिमिर जेलेंस्की से वादा किया कि यदि रूस उनके देश पर हमला करता है तो अमेरिका निर्णायक कार्रवाई करेगा।
इसके जवाब में चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स, पीपुल्स डेली, सीजीटीएन और सोहू वेब पोर्टलों ने अपने-अपने संपादकीय में लगातार अमेरिका को धमकाया और उकसावे वाली बातें लिखीं। चीनी मीडिया ने रूस के एस-400, एस-500, एस-550, अपग्रेडेड एस-300 का जिक्र भी किया है। उसने कहा, रूस के पास कई ऐसे शॉर्ट रेंज और मीडियम रेंज के एयर डिफेंस सिस्टम हैं, जो अमेरिका को पटखनी दे सकते हैं।
चीन ने अपने एटमी शस्त्रागार के तेज विस्तार की अमेरिकी रिपोर्ट को नकारा
चीनी विदेश मंत्रालय के हथियार नियंत्रण विभाग के महानिदेशक फू कोंग ने मंगलवार को इस बात का खंडन किया कि उनकी सरकार अपने परमाणु शस्त्रागार का तेजी से विस्तार कर रही है। हालांकि चीन ने कहा कि बीजिंग अपने परमाणु हथियारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठा रहा है।
कोंग ने कहा, अमेरिकी अफसरों का दावा है कि चीन अपनी परमाणु क्षमताओं को तेजी से बढ़ा रहा है, मैं यह कहूंगा कि ये दावे झूठे हैं। बता दें, एक दिन पहले ही चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस ने परमाणु युद्ध या हथियारों की होड़ को रोकने के संबंध में एक साझा बयान जारी किया था।
चीन बोला, वैश्विक एटमी शासन में योगदान देंगे
चीन के उप विदेश मंत्री मा झाक्सू ने देश में मौजूद एटमी हथियारों और उनके इस्तेमाल को लेकर कहा है कि हम वैश्विक परमाणु शासन के लिए अपनी जानकारी और प्रस्तावों का योगदान जारी रखेंगे।
यह बयान उन्होंने परमाणु ताकत वाले पांच देशों द्वारा जारी साझा बयान के बाद एक इंटरव्यू में दिया। उन्होंने कहा, युद्ध कभी नहीं जीते जा सकते और न ही एटमी इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ होना चाहिए।