सार
बीते छह साल में संख्या के लिहाज से यूपीआई लेनदेन में 6,006.2 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल मार्च में यूपीआई से 540.56 करोड़ लेनदेन हुए, जबकि जुलाई, 2016 में यह महज 9 लाख था। पिछले साल मार्च के मुकाबले इसमें 97.89% बढ़ा है। उस दौरान यूपीआई से 452.74 करोड़ लेनदेन हुए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये पिछले छह साल में किए गए लेनदेन को दर्शाने वाले ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति की तारीफ की है। इसे इंडिया इन पिक्सल (आईआईपी) ने ट्विटर पर साझा किया है।
खास बात है कि इसमें डाटा सोनिफिकेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल कर धुन बनाया गया है, जिसके जरिये यूपीआई से लेनदेन दर्शाया गया है। इसी की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने तारीफ की है। आईआईपी ने ट्वीट में लिखा, अक्तूबर, 2016 से मार्च, 2022 तक यूपीआई के जरिये हुए पैसे के लेनदेन की ‘खनक’ सुनें।
उधर, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, मूल्य के हिसाब से पिछले छह साल में यूपीआई लेनदेन में 25.2 लाख गुना की तेजी आई है। जुलाई, 2016 में यूपीआई के जरिये 38 लाख रुपये का लेनदेन हुआ था, जो मार्च, 2022 में बढ़कर 9,60,581.66 करोड़ रुपये पहुंच गया। अक्तूबर, 2016 में यह आंकड़ा 48.57 करोड़ रुपये था।
ये महत्वपूर्ण पड़ाव (आंकड़े रुपये में)
जुलाई, 2016 |
0.38 करोड़ |
जुलाई, 2018 |
51,843 करोड़ |
दिसंबर, 2018 |
1,02,594 करोड़ |
दिसंबर, 2019 |
2,02,520 करोड़ |
सितंबर, 2020 |
3,29,027 करोड़ |
दिसंबर, 2020 |
4,16,176 करोड़ |
मार्च, 2021 |
5,04,886 करोड़ |
जुलाई, 2021 |
6,06,281 करोड़ |
अक्तूबर, 2021 |
7,71,44 करोड़ |
दिसंबर, 2021 |
8,26,848 करोड़ |
मार्च, 2022 |
9,60,581 करोड़ |
संख्या के लिहाज से 6,006 गुना इजाफा
छह साल में संख्या के लिहाज से यूपीआई लेनदेन में 6,006.2 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल मार्च में यूपीआई से 540.56 करोड़ लेनदेन हुए, जबकि जुलाई, 2016 में यह महज 9 लाख था। पिछले साल मार्च के मुकाबले इसमें 97.89% बढ़ा है। उस दौरान यूपीआई से 452.74 करोड़ लेनदेन हुए थे।
क्या है डाटा सोनिफिकेशन…
किसी सूचना को दर्शाने के लिए नॉन-स्पीच ऑडियो का इस्तेमाल करना सोनिफिकेशन है। इस प्रक्रिया का इस्तेमाल कर डाटा को ध्वनि के रूप में प्रस्तुति डाटा सोनिफिकेशन है। इसकी एक सामान्य प्रक्रिया में डाटा के समूह को सॉफ्टवेयर सिंथेसाइजर और एक डिजिटल-टू-एनालॉग कन्वर्टर पर डायरेक्ट किया जाता है।
मैंने अक्सर यूपीआई और डिजिटल भुगतान के बारे में बात करता रहता हूं, लेकिन आपने जिस तरह से डाटा सोनिफिकेशन के जरिये यूपीआई लेनदेन के लिए धुन बनाई है और अपनी बात को प्रभावी तरीके से रखा, ये मुझे काफी पसंद आया। बहुत ही रोचक, प्रभावशाली और स्पष्ट रूप से जानकारीपूर्ण! -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
सराहना करने के लिए धन्यवाद सर। यूपीआई वास्तव में एक क्रांति है, जिसे आज दुनिया देख रही है। आपकी यह सराहना मुझे वर्षों तक आगे बढ़ने के लिए प्ररित करती रहेगी। -इंडिया इन पिक्सल
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये पिछले छह साल में किए गए लेनदेन को दर्शाने वाले ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति की तारीफ की है। इसे इंडिया इन पिक्सल (आईआईपी) ने ट्विटर पर साझा किया है।
खास बात है कि इसमें डाटा सोनिफिकेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल कर धुन बनाया गया है, जिसके जरिये यूपीआई से लेनदेन दर्शाया गया है। इसी की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने तारीफ की है। आईआईपी ने ट्वीट में लिखा, अक्तूबर, 2016 से मार्च, 2022 तक यूपीआई के जरिये हुए पैसे के लेनदेन की ‘खनक’ सुनें।
उधर, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, मूल्य के हिसाब से पिछले छह साल में यूपीआई लेनदेन में 25.2 लाख गुना की तेजी आई है। जुलाई, 2016 में यूपीआई के जरिये 38 लाख रुपये का लेनदेन हुआ था, जो मार्च, 2022 में बढ़कर 9,60,581.66 करोड़ रुपये पहुंच गया। अक्तूबर, 2016 में यह आंकड़ा 48.57 करोड़ रुपये था।
ये महत्वपूर्ण पड़ाव (आंकड़े रुपये में)
जुलाई, 2016 |
0.38 करोड़ |
जुलाई, 2018 |
51,843 करोड़ |
दिसंबर, 2018 |
1,02,594 करोड़ |
दिसंबर, 2019 |
2,02,520 करोड़ |
सितंबर, 2020 |
3,29,027 करोड़ |
दिसंबर, 2020 |
4,16,176 करोड़ |
मार्च, 2021 |
5,04,886 करोड़ |
जुलाई, 2021 |
6,06,281 करोड़ |
अक्तूबर, 2021 |
7,71,44 करोड़ |
दिसंबर, 2021 |
8,26,848 करोड़ |
मार्च, 2022 |
9,60,581 करोड़ |
संख्या के लिहाज से 6,006 गुना इजाफा
छह साल में संख्या के लिहाज से यूपीआई लेनदेन में 6,006.2 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल मार्च में यूपीआई से 540.56 करोड़ लेनदेन हुए, जबकि जुलाई, 2016 में यह महज 9 लाख था। पिछले साल मार्च के मुकाबले इसमें 97.89% बढ़ा है। उस दौरान यूपीआई से 452.74 करोड़ लेनदेन हुए थे।
क्या है डाटा सोनिफिकेशन…
किसी सूचना को दर्शाने के लिए नॉन-स्पीच ऑडियो का इस्तेमाल करना सोनिफिकेशन है। इस प्रक्रिया का इस्तेमाल कर डाटा को ध्वनि के रूप में प्रस्तुति डाटा सोनिफिकेशन है। इसकी एक सामान्य प्रक्रिया में डाटा के समूह को सॉफ्टवेयर सिंथेसाइजर और एक डिजिटल-टू-एनालॉग कन्वर्टर पर डायरेक्ट किया जाता है।
मैंने अक्सर यूपीआई और डिजिटल भुगतान के बारे में बात करता रहता हूं, लेकिन आपने जिस तरह से डाटा सोनिफिकेशन के जरिये यूपीआई लेनदेन के लिए धुन बनाई है और अपनी बात को प्रभावी तरीके से रखा, ये मुझे काफी पसंद आया। बहुत ही रोचक, प्रभावशाली और स्पष्ट रूप से जानकारीपूर्ण! -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
सराहना करने के लिए धन्यवाद सर। यूपीआई वास्तव में एक क्रांति है, जिसे आज दुनिया देख रही है। आपकी यह सराहना मुझे वर्षों तक आगे बढ़ने के लिए प्ररित करती रहेगी। -इंडिया इन पिक्सल
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