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टोक्यो में लहराया तिरंगा: ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का दिखा दम, हासिल कीं कई उपलब्धियां

सार

टोक्यो ओलंपिक के समापन में एक दिन का समय बाकी है लेकिन भारतीय दल की चुनौती नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक के साथ समाप्त हो चुकी है। भारत के लिहाज से इस बार का ओलंपिक खास और यादगार रहा।

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टोक्यो ओलंपिक के समापन में एक दिन का समय बाकी है लेकिन भारतीय दल की चुनौती नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक के साथ समाप्त हो चुकी है। भारत के लिहाज से इस बार का ओलंपिक खास और यादगार रहा। भारत ने अपने ओलंपिक इतिहास का सबसे श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत की झोली में गोल्ड समेत कुल सात पदक आए। आखिरी दिन भारत को बजरंग पूनिया के कांस्य और नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक ने उत्साह और जश्न से भर दिया। इस बार का ओलंपिक कई मायनों में खास है, ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार के ओलंपिक में भारत के लिए क्या रहा खास। 

भारत के ओलंपिक इतिहास में पहली बार है जब भारत को पदक मिला। भारत की तरफ से महिला भारत्तोलक मीराबाई चानू ने भारत्तोलन में देश के लिए रजत पदक जीता। चानू स्नैच के बाद दूसरे नंबर पर थीं। इसके बाद क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में वह 110 किग्रा उठाने में कामयाब रहीं। मीराबाई ने 49 किग्रा वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया।

नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वह 121 साल के ओलंपिक इतिहास में फील्ड एंड ट्रैक स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने भाला फेंक की पुरुषों की स्पर्धा में 87.58 मीटर का थ्रो किया और शीर्ष पर रहे। 

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल के लंबे इंतजार के बाद ओलंपिक पदक हासिल किया। मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय टीम ने प्लेऑफ मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराया और कांस्य पदक हासिल किया। 

भारतीय महिला टीम ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। भारतीय टीम अपने ओलंपिक इतिहास में पहली बार चौथे स्थान पर रही। उसे सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी और फिर प्ले ऑफ मुकाबले में ब्रिटेन को कड़ी टक्कर देकर हारीं।

भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। इसी के साथ सिंधु ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली बैडमिंटन और दूसरी भारतीय खिलाड़ी बनीं। 

भारत की युवा गोल्फर 23 वर्षीय अदिति अशोक ने शानदार प्रदर्शन किया लेकिन आखिरी दिन पदक से चूक गईं। हालांकि हार के बावजूद अदिति ने इतिहास रचा। 200वीं रैंकिंग वाली अदिति ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाली पहली भारतीय महिला गोल्फर बन गईं हैं।  

भारत ने इस बार ओलंपिक में कुल 127 खिलाड़ियों का दल भेजा था। यह ओलंपिक इतिहास में भारत द्वारा भेजा गया सबसे बड़ा दल था।

भारतीय दल ने इस बार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत की झोली में इस बार कुल सात पदक आए, जिसमें एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं। इससे पहले भारत को लंदन ओलंपिक में बिना गोल्ड मेडल के कुल छह पदक मिले थे। 

विस्तार

टोक्यो ओलंपिक के समापन में एक दिन का समय बाकी है लेकिन भारतीय दल की चुनौती नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक के साथ समाप्त हो चुकी है। भारत के लिहाज से इस बार का ओलंपिक खास और यादगार रहा। भारत ने अपने ओलंपिक इतिहास का सबसे श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत की झोली में गोल्ड समेत कुल सात पदक आए। आखिरी दिन भारत को बजरंग पूनिया के कांस्य और नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक ने उत्साह और जश्न से भर दिया। इस बार का ओलंपिक कई मायनों में खास है, ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार के ओलंपिक में भारत के लिए क्या रहा खास। 


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पहले दिन भारत को पदक 

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