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अदिति अशोक: 41वें पायदान से चौथी रैंक तक, कैसे भरी इतनी ऊंची उड़ान, जानें रियो से टोक्यो तक सफरनामा

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, टोक्यो
Published by: ओम. प्रकाश
Updated Sat, 07 Aug 2021 11:06 AM IST

सार

भारत की अदिति अशोेक टोक्यो ओलंपिक में महिला वर्ग में गोल्फ में पदक जीतने से चूक गईं। वह चौथे स्थान पर रहीं। इस बार के बाद वह पदक की रेस बाहर हो गईं। 

गोल्फर अदिति अशोक
– फोटो : सोशल मीडिया

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भारत की गोल्फर अदिति अशोक टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने से चुक गईं। वह महिला व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले में चौथे स्थान पर रहीं। इस हार के बाद वह मेडल की रेस से बाहर हो गईं। इस स्पर्धा का शुक्रवार को जब तीसरा राउंड खत्म हुआ था तो वह दूसरे स्थान पर थीं लेकिन इसके बाद आज उनके साथ काफी उतार-चढ़ाव हुआ। जिसके चलते कभी वह मेडल रेस से बाहर हुईं तो कभी उन्होंने वापसी कर पदक जीतने की उम्मीद बनाए रखी। लेकिन अंत में वह पदक की रेस से बाहर हो गईं। इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल नैली कोर्दा ने जीता जबकि रजत और कांस्य पदक के लिए जापान की मोनी इनामी और न्यूजीलैंड की लेडिया के बीच मुकाबला खेला जाएगा। 

अदिति अशोक भले ही पदक न ला पाई हों लेकिन उन्होंने हारकर भी दिल जीत लिया। वह कई वर्षों से गोल्फ में भारत प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इससे पहले रियो ओलंपिक में वह 41वें स्थान पर रही थीं लेकिन बाद में अदिति ने खूब मेहनत की और आज दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी हैं। यहां तक पहुंचने के लिए लगन और तपस्या की जरूरत होती है। यह वजह कि वह टोक्यो ओलंपिक में आखिरी समय तक पदक की रेस में बनी रहीं। गोल्फ में शानदार प्रदर्शन करने के लिए उनकी जमकर तारीफ की जा रही है। 

विस्तार

भारत की गोल्फर अदिति अशोक टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने से चुक गईं। वह महिला व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले में चौथे स्थान पर रहीं। इस हार के बाद वह मेडल की रेस से बाहर हो गईं। इस स्पर्धा का शुक्रवार को जब तीसरा राउंड खत्म हुआ था तो वह दूसरे स्थान पर थीं लेकिन इसके बाद आज उनके साथ काफी उतार-चढ़ाव हुआ। जिसके चलते कभी वह मेडल रेस से बाहर हुईं तो कभी उन्होंने वापसी कर पदक जीतने की उम्मीद बनाए रखी। लेकिन अंत में वह पदक की रेस से बाहर हो गईं। इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल नैली कोर्दा ने जीता जबकि रजत और कांस्य पदक के लिए जापान की मोनी इनामी और न्यूजीलैंड की लेडिया के बीच मुकाबला खेला जाएगा। 

अदिति अशोक भले ही पदक न ला पाई हों लेकिन उन्होंने हारकर भी दिल जीत लिया। वह कई वर्षों से गोल्फ में भारत प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इससे पहले रियो ओलंपिक में वह 41वें स्थान पर रही थीं लेकिन बाद में अदिति ने खूब मेहनत की और आज दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी हैं। यहां तक पहुंचने के लिए लगन और तपस्या की जरूरत होती है। यह वजह कि वह टोक्यो ओलंपिक में आखिरी समय तक पदक की रेस में बनी रहीं। गोल्फ में शानदार प्रदर्शन करने के लिए उनकी जमकर तारीफ की जा रही है। 

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