बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Wed, 06 Oct 2021 09:50 PM IST
सार
टेलीकॉम उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए स्वत: मार्ग से आने वाले एफडीआई को 100 फीसदी करने के फैसले के लिए प्रेस नोट जारी कर दिया गया है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के विभाग (डीपीआईआईटी) ने बुधवार को टेलीकॉम उद्योग क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) को लेकर प्रेस नोट जारी किया। केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले ही 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत देने की घोषणा की थी। इस प्रेस नोट में पड़ोसी देशों के लिए कुछ शर्तों का भी उल्लेख किया गया है।
डीपीआईआईटी ने एक प्रेस नोट में कहा है कि टेलीकॉम सेवाओं में विदेसी निवेश 2020 के प्रेस नोट 3 की शर्त के अधीन होगा। ऐसे में प्रेस नोट 3 के प्रावधानों के तहत जिन मामलों में सरकार की पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होती है, वे बने रहेंगे।
प्रेस नोट 3 कहता है कि एक देश का निकाय, जो भारत के साथ एक भूमि सीमा साझा करता है अथवा जहां भारत में निवेश का लाभकारी स्वामी मौजूद है या ऐसे किसी देश का नागरिक है, केवल सरकारी मार्ग के तहत निवेश कर सकता है। इसका अर्थ है कि चीन और श्रीलंका जैसे पड़ोशी देशों के निवेशकों को निवेश से पहले भारत सरकार की मंजूरी लेना जरूरी है।
केंद्र सरकार ने टेलीकॉम उद्योग को कुछ राहत प्रदान करने के लिए और स्थिति में सुधार लाने के लिए नौ बुनियादी सुधारों की घोषणा की थी। वहीं, सितंबर मध्य में केंद्र सरकार ने एलान किया था कि टेलीकॉम उद्योग क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट (स्वत: मार्ग) के तहत आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 49 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का फैसला किया गया है।
विस्तार
उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के विभाग (डीपीआईआईटी) ने बुधवार को टेलीकॉम उद्योग क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) को लेकर प्रेस नोट जारी किया। केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले ही 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत देने की घोषणा की थी। इस प्रेस नोट में पड़ोसी देशों के लिए कुछ शर्तों का भी उल्लेख किया गया है।
डीपीआईआईटी ने एक प्रेस नोट में कहा है कि टेलीकॉम सेवाओं में विदेसी निवेश 2020 के प्रेस नोट 3 की शर्त के अधीन होगा। ऐसे में प्रेस नोट 3 के प्रावधानों के तहत जिन मामलों में सरकार की पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होती है, वे बने रहेंगे।
प्रेस नोट 3 कहता है कि एक देश का निकाय, जो भारत के साथ एक भूमि सीमा साझा करता है अथवा जहां भारत में निवेश का लाभकारी स्वामी मौजूद है या ऐसे किसी देश का नागरिक है, केवल सरकारी मार्ग के तहत निवेश कर सकता है। इसका अर्थ है कि चीन और श्रीलंका जैसे पड़ोशी देशों के निवेशकों को निवेश से पहले भारत सरकार की मंजूरी लेना जरूरी है।
केंद्र सरकार ने टेलीकॉम उद्योग को कुछ राहत प्रदान करने के लिए और स्थिति में सुधार लाने के लिए नौ बुनियादी सुधारों की घोषणा की थी। वहीं, सितंबर मध्य में केंद्र सरकार ने एलान किया था कि टेलीकॉम उद्योग क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट (स्वत: मार्ग) के तहत आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 49 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का फैसला किया गया है।
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...
100 percent fdi, Business Diary Hindi News, Business Diary News in Hindi, Business News in Hindi, central government, dpiit, fdi, fdi in telecom sector, fdi india, foreign direct investment, telecom industry, telecom operators, telecom operators in india, एफडीआई, टेलीकॉम उद्योग, डीपीआईआईटी
-
Amazon: बस एक क्लिक से अमेजन पर मिलेगा घर का सारा सामान, ग्राहकों के लिए खास ऑफर्स और पेमेंट ऑप्शंस
-
LPG Gas Cylinder Price: आम आदमी को झटका, बढ़े रसोई गैस सिलिंडर के दाम, जानिए कितनी हुई कीमत
-
Gold Silver Price: लगातार दूसरे दिन सोने की वायदा कीमत में गिरावट, 46600 रुपये प्रति 10 ग्राम हुआ दाम