न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Fri, 06 Aug 2021 12:51 PM IST
सार
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों के काम करने के तौर तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन दिनों न्यायपालिका को बदनाम करने का एक नया चलन शुरू हो गया। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि आईबी और सीबीआई न्यायपालिका की बिल्कुल भी मदद नहीं कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : सोशल मीडिया
सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की हत्या की जांच कर रही सीबीआई से जजों की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर कहा कि न्यायाधीशों को धमकाने और उनके साथ अभद्रता की कई घटनाएं सामने आई हैं, लिहाजा कोर्ट ने सभी राज्यों से जजों की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों के काम करने के तौर तरीकों पर भी सवाल खड़े किए हैं। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि आईबी और सीबीआई न्यायपालिका की बिल्कुल भी मदद नहीं कर रहे हैं, जब जज शिकायत करते हैं तो जवाब तक देना उचित नहीं समझते हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि पिछले कुछ समय से हाई-प्रोफाइल लोगों के पक्ष में अनुकूल आदेश पारित नहीं होने पर न्यायपालिका को बदनाम करने का एक नया चलन शुरू हो गया।
झारखंड की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि 28 जुलाई की घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। पीठ ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें गैंगस्टर और हाई-प्रोफाइल व्यक्ति शामिल हैं और न्यायाधीशों को धमकी या अपशब्दों वाले संदेश मिलने के उदाहरण हैं।
पीठ ने कहा, ‘न्यायाधीशों को शिकायत दर्ज कराने की भी आजादी नहीं है।’ पीठ ने कहा कि यदि ऐसी शिकायतें दर्ज की जाती हैं तो पुलिस या सीबीआई न्यायपालिका की मदद नहीं करती है। पीठ ने कहा कि हम झारखंड मामले की सुनवाई सोमवार (9 अगस्त) को करेंगे। हम सीबीआई को नोटिस जारी कर रहे हैं।
बता दें कि धनबाद की घटना के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों और न्यायाधीशों की सुरक्षा के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है। धनबाद अदालत के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद 28 जुलाई को सुबह की सैर पर निकले थे, तभी सदर थानाक्षेत्र में जिला अदालत के पास रणधीर वर्मा चौक पर एक ऑटो-रिक्शा ने उन्हें टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई।
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की हत्या की जांच कर रही सीबीआई से जजों की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर कहा कि न्यायाधीशों को धमकाने और उनके साथ अभद्रता की कई घटनाएं सामने आई हैं, लिहाजा कोर्ट ने सभी राज्यों से जजों की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों के काम करने के तौर तरीकों पर भी सवाल खड़े किए हैं। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि आईबी और सीबीआई न्यायपालिका की बिल्कुल भी मदद नहीं कर रहे हैं, जब जज शिकायत करते हैं तो जवाब तक देना उचित नहीं समझते हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि पिछले कुछ समय से हाई-प्रोफाइल लोगों के पक्ष में अनुकूल आदेश पारित नहीं होने पर न्यायपालिका को बदनाम करने का एक नया चलन शुरू हो गया।
झारखंड की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि 28 जुलाई की घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। पीठ ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें गैंगस्टर और हाई-प्रोफाइल व्यक्ति शामिल हैं और न्यायाधीशों को धमकी या अपशब्दों वाले संदेश मिलने के उदाहरण हैं।
पीठ ने कहा, ‘न्यायाधीशों को शिकायत दर्ज कराने की भी आजादी नहीं है।’ पीठ ने कहा कि यदि ऐसी शिकायतें दर्ज की जाती हैं तो पुलिस या सीबीआई न्यायपालिका की मदद नहीं करती है। पीठ ने कहा कि हम झारखंड मामले की सुनवाई सोमवार (9 अगस्त) को करेंगे। हम सीबीआई को नोटिस जारी कर रहे हैं।
बता दें कि धनबाद की घटना के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों और न्यायाधीशों की सुरक्षा के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है। धनबाद अदालत के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद 28 जुलाई को सुबह की सैर पर निकले थे, तभी सदर थानाक्षेत्र में जिला अदालत के पास रणधीर वर्मा चौक पर एक ऑटो-रिक्शा ने उन्हें टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई।
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