बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें।
दोस्तों बॉलीवुड एक माया नगरी है…यहां कौन, कब कहां पहुंच जाए पता ही नहीं चलता…जो सितारें आसमान में चमक रहे होते हैं उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में कई लोग होते हैं…कभी-कभी ऐसा भी होता है कि किसी दूसरे के ठुकराए किरदार से कोई और सुपरस्टार बन जाता है…कुछ ऐसा ही किस्सा है आज का…हिंदी फिल्म के सबसे हिट गानों में से एक ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ से जुड़ा एक किस्सा आज मैं आपसे शेयर करूंगा। 1942 ए लव स्टोरी फिल्म तो आपको याद ही होगी। इस फिल्म का गाना ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ आज भी काफी पॉपुलर है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस फिल्म में मनीषा कोइराला की जगह किसी दूसरी अभिनेत्री को कास्ट करने का प्लान बनाया गया था….
सभी 135 एपिसोड
दोस्तों बॉलीवुड एक माया नगरी है…यहां कौन, कब कहां पहुंच जाए पता ही नहीं चलता…जो सितारें आसमान में चमक रहे होते हैं उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में कई लोग होते हैं…कभी-कभी ऐसा भी होता है कि किसी दूसरे के ठुकराए किरदार से कोई और सुपरस्टार बन जाता है…कुछ ऐसा ही किस्सा है आज का…हिंदी फिल्म के सबसे हिट गानों में से एक ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ से जुड़ा एक किस्सा आज मैं आपसे शेयर करूंगा। 1942 ए लव स्टोरी फिल्म तो आपको याद ही होगी। इस फिल्म का गाना ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ आज भी काफी पॉपुलर है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस फिल्म में मनीषा कोइराला की जगह किसी दूसरी अभिनेत्री को कास्ट करने का प्लान बनाया गया था….
हाजिर हूं आपका पसंदीदा शो सुन सिनेमा लेकर…यहां मैं बात करता हूं सिनेमा और सिनेमा से जुड़ी हस्तियों के बारे में…कुछ किस्सों के बारे में….आज मेरे पास जो किस्सा है वो है अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री मुमताज और बिग बी अमिताभ बच्चन से जुड़ा…कैसे मुमताज ने अपनी मर्सिडीज कार अमिताभ को तोहफे में दे दी थी…बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन कार के शुरू से शौकीन रहे हैं। आज भी उनके पास लगभग 25 कार हैं। अमिताभ शुरू से ही मर्सिडिज के फैन रहे हैं। आज वे कहीं भी जाते हैं तो ज्यादातर अपनी उसी कार का इस्तेमाल करते हैं। अमिताभ के बारे में यह बात तो लगभग सभी जानते होंगे।
हिंदी सिनेमा के इतिहास में कई ऐसी फिल्में हैं जिन्हें श्रेष्ठ फिल्मों की श्रेणी में रखा जाता है…उन्हें मिसाल के तौर पर पेश किया जाता है…इन्हीं फिल्मों में से एक है पाकीजा…फिल्म को बनाया था कमाल अमरोही ने और उनकी पत्नी मीना कुमारी के अभिनय ने इसे बेमिसाल बना दिया…भले ही रुपहले परदे पर ‘पाकीजा’ को रिलीज हुए 50 बरस बीत चुके हैं, लेकिन कमाल अमरोहवी और मीना कुमारी की जिंदगी से जुड़े कई ऐसे पहलू भी हैं, जिनसे शायद कभी परदा नहीं हट सकेगा। हालांकि सच यह है कि जमाने की मशहूर अदाकारा मीना कुमारी व शौहर कमाल अमरोहवी के बीच चली मुहब्बत के दरम्यान लिखे पांच सौ से ज्यादा ऐसे खत आज भी मौजूद हैं जिनमें आज भी ‘पाकीजा’ का राज छिपा है। कमाल अमरोही की बेटी के पास ये खत उनकी सुनहरी यादों की शक्ल में महफूज हैं।
दोस्तों सर्दी बढ़ गई हैं इसलिए अपना ख्याल रखें…कुछ लोग तो सर्दी का मौसम आते ही इस फिराक में रहते हैं कि बर्फ पड़े और वो पहाड़ों में जाकर गिरती हुई बर्फ का आनंद ले….दोस्तों आज बात होगी मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा की….यश चोपड़ा फिल्मों में आए तो थे हीरो बनने लेकिन उनके बड़े भाई बीआर चोपड़ा ने उनके कंधे पर निर्देशन की जिम्मेवारी डाल दी। मगर उनमें प्रतिभा इससे भी कहीं बढ़ कर थी। वे एक संपूर्ण रचनाकार और शिल्पकार थे। इसीलिए जब फिल्म से संन्यास लेने की बात उनकी जुबान से निकली तो वे चिरकाल के लिए इस विधा से दूर चले गए।
दोस्तों आपने फिल्म पड़ोसन तो देखी ही होगी…किशोर कुमार, महमूद, सायरा बानो और सुनील दत्त जैसे सितारों से सजी ये फिल्म कॉमेडी का बेजोड़ नमूना मानी जाती है…फिल्म के गाने भी लाजवाब रहे…जो आज भी गुनगुनाए जाते हैं….अब जब गानों की बात हो रही है तो इससे जुड़ीं कुछ यादों पर भी गौर फरमा लिया जाए…आपको इस फिल्म का गाना इक चतुर नार बड़ी होशियार….इसे गाया था मन्ना डे और किशोर कुमार ने…मन्ना डे ने अपने करियर में कई कॉमिक गाने गए, जिनमें लोकप्रियता की श्रेणी में सबसे ऊपर संभवतः एक चतुरनार बड़ी होशियार..को रखा जाएगा। फिल्म पड़ोसन का यह गाना पर्दे पर किशोर कुमार, सुनील दत्त और महमूद पर फिल्माया गया है। किशोर-सुनील तथा महमूद आमने-सामने खिड़कियों में बैठे एक-दूसरे से गाने का मुकाबला करते हैं। गाते किशोर हैं, महमूद को लगता है कि सुनील दत्त गा रहे हैं। गाने के अंत में पर्दे पर महमूद की हार होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस गाने में खुद की हार को देखते हुए मन्ना डे ने इसे गाने से इनकार कर दिया था…
आज बात करेंगे मधुबाला की…क्या आप जानते हैं कि हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री मानी जाने वाली मधुबाला को भी फिल्म पाने के लिए स्क्रीन टेस्ट देना पड़ा था… यह बात सोच कर भी ताज्जुब होता है। मधुबाला ने बाल कलाकार के रूप में कैरियर शुरू किया था और जब वह हीरोइन बनने को तैयार हुईं तो हर कोई उनका मुरीद नहीं था। वह मात्र 16 साल की थीं और निर्देशक कमाल अमरोही की उन पर नजर पड़ी। कमाल उन दिनों इंडस्ट्री में लेखक के तौर पर स्थापित थे और निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म ‘महल’ (1949) बनाने की तैयारी कर रहे थे।
दोस्तों आज बात करेंगे दिलीप कुमार साहब के बारे में…अपने शानदार कैरियर में दिलीप कुमार ने एक से बढ़ कर एक रोल निभाए। चाहे वे ट्रेजडी के हों या फिर कॉमेडी के। उन्हें मुगल राजकुमार सलीम के रूप में भी उतना प्यार मिला, जितना गांव के गोपी के रूप में। शानदार हीरो के रोल निभाने वाले दिलीप ने फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं भी निभाईं। ‘फुटपाथ’, ‘अमर’, ‘विधाता’, ‘मशाल’ और ‘इज्जतदार’ ऐसी ही फिल्में हैं। लेकिन इन फिल्मों में एक ऐसा भी रोल था, जिसमें दिलीप कुमार रेपिस्ट बने थे। लेकिन दर्शकों ने उन्हें इस किरदार में स्वीकार नहीं किया और पूरी तरह से नकार दिया।
दोस्तों आज मैं बात करूंगा अपने जमाने की मशहूर गायिका बेगम अख्तर की…खालिस उर्दू बोलने वालीं बेगम अख्तर दादरा और ठुमरी की साम्राज्ञी थीं। उनके गीतों-गजलों के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है। लेकिन आज हम उनकी जिंदगी से जुड़े रोचक पहलुओं के बारे में बताएंगे… बेगम अख्तर के बचपन का नाम बिब्बी था। वो फैजाबाद के शादीशुदा वकील असगर हुसैन और तवायफ मुश्तरीबाई की बेटी थीं। मुश्तरीबाई को जुड़वां बेटियां पैदा हुई थीं। चार साल की उम्र में दोनों बहनों ने जहरीली मिठाई खा ली थी। इसमें बिब्बी तो बच गईं लेकिन उनकी बहन का देहांत हो गया था। असगर ने भी मुश्तरी और बेटी बिब्बी को छोड़ दिया था जिसके बाद दोनों को अकेले ही संघर्ष करना पड़ा।
दोस्तों एक सिनेमा वो होता है जिसे हम पर्दे पर देखते हैं और दूसरा वो जो पर्दे के पीछे चलता है…मतलब पर्दे के पीछे की कहानी…कैसे शूटिंग हुई….वगैराह वगैराह….जब एक फिल्म बनती है तो उसके साथ-साथ कई किस्से भी बन जाते हैं…ऐसा ही एक किस्सा है रजा मुराद और जीनत अमान का…रजा मुराद अपने जमाने के मशहूर विलेन रहे हैं और जीनत एक बेहतरीन अदाकारा…वाक्या कुछ ऐसा था कि रजा फिल्म के खलनायक थे लेकिन फिर भी उन्होंने जीनत अमान के साथ रेप सीन शूट करने से मना कर दिया था….यहां तक के छूने से मना कर दिया था….
एक्शन और रोमांटिक किरदारों से लेकर बॉलीवुड में अपने शानदार स्क्रीन अपीयरेंस और बुलंद अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले सनी देओल की अलग ही जगह है। सनी का दौर भले ही हिंदी फिल्मों में अब बदल चुका हो लेकिन उनकी लोकप्रियता आज भी कायम है। यही वजह है कि वो अपनी फिल्म गदर का सिक्वेल लेकर फिर धमाल मचाने वाले हैं…. तो चलिए इस मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं
© 2020-21 Amar Ujala Limited