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जमानत याचिका खारिज : विशेष कोर्ट की टिप्पणी- मोदी सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा थी एलगार परिषद

एजेंसी, मुंबई।
Published by: योगेश साहू
Updated Sat, 19 Feb 2022 06:01 AM IST

सार

याचिका पर सुनवाई के दौरान एनआईए कोर्ट ने यह कहते हुए तीनों की याचिका खारिज कर दी कि दस्तावेजों व पत्रों से प्रथमदृष्टया पता चलता है कि आवेदकों ने प्रतिबंधित संगठन के अन्य सदस्यों के साथ देश में अशांति पैदा करने और सरकार को राजनीतिक रूप से अस्थिर करने की गंभीर साजिश रची थी।

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पुणे के शनिवारवाड़ा में 31 दिसंबर 2017 को हुई एलगार परिषद मोदी सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा थी। प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्य देश में अशांति फैलाना चाहते थे। मुंबई की विशेष अदालत ने रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्रियों को देखते हुए कबीर कला मंच के तीन सदस्यों को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की है।

एलगार परिषद-भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार कबीर कला मंच के ज्योति जगताप, सागर गोरखे और रमेश गायचोर ने जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान एनआईए कोर्ट ने यह कहते हुए तीनों की याचिका खारिज कर दी कि दस्तावेजों व पत्रों से प्रथमदृष्टया पता चलता है कि आवेदकों ने प्रतिबंधित संगठन के अन्य सदस्यों के साथ देश में अशांति पैदा करने और सरकार को राजनीतिक रूप से अस्थिर करने की गंभीर साजिश रची थी। फैसला बीते सोमवार को सुनाया गया , लेकिन विस्तृत आदेश तीन दिन बाद उपलब्ध हो पाया। ज्योति, सागर और रमेश को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वे जेल में हैं।

राजीव की तरह निशाने पर थे मोदी
विशेष न्यायाधीश दिनेश ई कोठालिकर ने कहा कि रिकॉर्ड पर रखी सामग्री प्रथमदृष्टया दर्शाती है कि आवेदक न केवल प्रतिबंधित संगठन, सीपीआई (माओवादी) के सदस्य थे, बल्कि वे संगठन के मकसद को आगे बढ़ाने के लिए गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह रोड शो के दौरान पीएम मोदी को निशाना बनाना चाहते थे।

विस्तार

पुणे के शनिवारवाड़ा में 31 दिसंबर 2017 को हुई एलगार परिषद मोदी सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा थी। प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्य देश में अशांति फैलाना चाहते थे। मुंबई की विशेष अदालत ने रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्रियों को देखते हुए कबीर कला मंच के तीन सदस्यों को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की है।

एलगार परिषद-भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार कबीर कला मंच के ज्योति जगताप, सागर गोरखे और रमेश गायचोर ने जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान एनआईए कोर्ट ने यह कहते हुए तीनों की याचिका खारिज कर दी कि दस्तावेजों व पत्रों से प्रथमदृष्टया पता चलता है कि आवेदकों ने प्रतिबंधित संगठन के अन्य सदस्यों के साथ देश में अशांति पैदा करने और सरकार को राजनीतिक रूप से अस्थिर करने की गंभीर साजिश रची थी। फैसला बीते सोमवार को सुनाया गया , लेकिन विस्तृत आदेश तीन दिन बाद उपलब्ध हो पाया। ज्योति, सागर और रमेश को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वे जेल में हैं।

राजीव की तरह निशाने पर थे मोदी

विशेष न्यायाधीश दिनेश ई कोठालिकर ने कहा कि रिकॉर्ड पर रखी सामग्री प्रथमदृष्टया दर्शाती है कि आवेदक न केवल प्रतिबंधित संगठन, सीपीआई (माओवादी) के सदस्य थे, बल्कि वे संगठन के मकसद को आगे बढ़ाने के लिए गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह रोड शो के दौरान पीएम मोदी को निशाना बनाना चाहते थे।

NIA Special Court refuses to grant bail to 3 members of Kabir Kala Manch, said elgar parishad was part of big conspiracy against Modi government

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