न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 12 Jan 2022 11:00 PM IST
सार
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा करते समय कोविड-19 के चलते डिजिटल और वर्चुअल माध्यमों के जरिये प्रचार करने पर जोर दिया था। साथ ही ऑफलाइन रैलियों तथा रोडशो पर 15 जनवरी तक रोक लगा दी थी।
महात्मा गांधी मार्ग स्थित कोविड जांच केंद्र में कोरोना की जांच करवाने को जुटी लोगों की भीड़। इस दौरान किसी ने भी सोशल डिसटेंस का पालन नहीं किया। अमर उजाला।
– फोटो : prayagraj
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विस्तार
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के लिए अगले दो महीने काफी अहम साबित होने वाले हैं। इन पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। हालांकि, इससे पहले ही कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है, जिसकी वजह से राजनीतिक दलों के सड़क पर होने वाले चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी गई है। इस बीच चुनाव आयोग का यह फैसला काफी हद तक सही साबित होता दिखाई दे रहा है। दरअसल, पांचों राज्यों में कोरोना की रफ्तार जबरदस्त तेज है। जहां उत्तर प्रदेश में पिछले सात दिनों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 14 गुना तो वहीं, पंजाब में यह संख्या 8.5 गुना बढ़ी है।
सरकार की ओर से बुधवार को जारी किए गए डेटा के मुताबिक, गोवा में बीते एक हफ्ते में कोरोना संक्रमितों की संख्या में 4.35 गुना का उछाल देखा गया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां वोटों की गिनती 10 मार्च होगी।
बाकी राज्यों की बात की जाए तो बिहार में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 11.27 गुना, मध्य प्रदेश में 10.95 गुना, छत्तीसगढ़ में 8.02 गुना, ओडिशा में 9.4 गुना, राजस्थान में 9.61 गुना, हरियाणा में 6.61 गुना और तमिलनाडु में एक्टिव मामलों की संख्या में 6.05 गुना का उछाल आया है। आंकड़ों के मुताबिक, बीते एक हफ्ते में दिल्ली में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 5.03 गुना बढ़ोतरी हुई।
19 राज्यों में एक्टिव केस 10 हजार से ज्यादा
डेटा के मुताबिक, 19 राज्यों में उपचाराधीन रोगियों की संख्या 10 हजार से अधिक है। चार राज्यों में इनकी संख्या 5 से 10 हजार के बीच और 13 राज्यों में पांच हजार से कम है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा करते समय कोविड-19 के चलते डिजिटल और वर्चुअल माध्यमों के जरिये प्रचार करने पर जोर दिया था। साथ ही ऑफलाइन रैलियों तथा रोडशो पर 15 जनवरी तक रोक लगा दी थी।
