वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 19 Apr 2022 10:27 PM IST
सार
कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी के बीच चीन ने शंघाई में एक ओर बेहद सख्त लॉकडाउन लागू कर रखा है तो दूसरी ओर उसने निर्ममता की हद पार कर दी है। शंघाई में सरकारी अधिकारी उन लोगों को पालतू जानवरों को जान से मार रहे हैं, जो कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पीटीआई (फाइल)
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विस्तार
चीन इस समय कोरोना वायरस संक्रमण की सबसे तेज लहर का सामना कर रहा है। इसी बीच कुछ ऐसे भयावह वीडियो सामने आए हैं जिनमें कुत्ते और बिल्लियों को थैलों में भरा देखा जा सकता है। चीन में दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन जारी है।
डरा देने वाली एक क्लिप में एक बैग रखा देखा जा सकता है जिसमें भरी हुईं कई जीवित बिल्लियां हिलने-डुलने की कोशिश कर रही हैं। ट्विटर पर शेयर किए गए इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है, ‘शंघाई में 2.6 करोड़ लोग लॉकडाउन में हैं। लोग घरों की बालकनी से कूद कर आत्महत्या कर रहे हैं। शंघाई में कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों के पालतू जानवरों को एकत्र किया जा रहा है और उनकी हत्या कर दी जा रही है। इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता है।’
पिछले सप्ताह भी एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक स्वास्थ्य कर्मी को एक पालतू कुत्ते को तब तक पीटते हुए देखा गया था, जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। इस कुत्ते का मालिक कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया था।
2.6 करोड़ की आबादी वाले चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई के नागरिक एक महीने से अधिक समय से तानाशाही लॉकडाउन में रह रहे हैं।
नागरिकों को चेतावनी- स्वतंत्रता की इच्छा को नियंत्रण में रखें
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार भूखे नागरिक ग्रोसरी स्टोर्स लूट रहे हैं और ऊंची इमारतों के ऊपर ड्रोन मंडराते देखे गए हैं जिनके जरिए नागरिकों से कहा जा रहा है कि आजादी के लिए अपनी आत्मा की इच्छा को नियंत्रण में रखें।
जबरन क्वारंटीन में भेजे जा रहे संक्रमित, अजीब नियम हैं लागू
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यहां जो भी व्यक्ति कोरोना वायरस पाया जा रहा है उसे अनिश्चितकाल के लिए सामूहिक क्वारंटीन केंद्रों में भेज दिया जा रहा है। इन केंद्रों में अजीब नियम लागू हैं जैसे कि सातों दिन चौबीसों घंटे बिजली चालू रहना और नहाने पर प्रतिबंध।
वॉल स्ट्रीट जरनल की रिपोर्ट के अनुसार एक यूक्रेनी प्रवासी ने बताया उसने लगभग तीन सप्ताह तक अंधेरा नहीं देखा। उन्हें शंघाई में एक केंद्र में हजारों और लोगों के साथ जबरन रखा गया और उन्होंने इसे ‘कोविड जेल’ करार दिया।
वहीं, चीनी अधिकारियों ने इन सख्त मानकों को लेकर अपने बचाव में कहा है कि यह शहर में बढ़ रहे ओमिक्रॉन के मामलों को नियंत्रित करने का एक तरीका है।