न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 02 Feb 2022 12:38 PM IST
सार
उधर, चीन ने बीजिंग के शीतकालीन ओलंपिक्स की मशाल गलवान घाटी में घायल अपने सैनिक क्यूई फैबाओ को सौंपी। यह भारत के खिलाफ उसके दुष्प्रचार का हिस्सा हो सकता है।
भाजपा सांसद तापिर गावो ने लगाया दो श्रमिकों को बंधक बनाने का आरोप
– फोटो : ANI
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विस्तार
उधर, चीन ने बीजिंग के शीतकालीन ओलंपिक्स की मशाल गलवान घाटी में घायल अपने सैनिक क्यूई फैबाओ को सौंपी। यह भारत के खिलाफ उसके दुष्प्रचार का हिस्सा हो सकता है। श्रमिकों को बंधक बनाने की घटना को लेकर सांसद गावो ने कहा कि वह केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे कि संघर्ष विराम के दौरान ऐसी घटनाएं फिर न हों, इसके इंतजाम करे। गावो ने बताया कि अरुणाचल के लोंगडिंग जिले से एक भूमिगत संगठन ने श्रमिकों का अपहरण किया है।
हाल ही में पीएलए द्वारा भारत को वापस सौंपे गए अरुणाचल के युवक मिराम तेरोन का जिक्र कर गावो ने कहा कि यह मामला सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। हमारे पास सीमावर्ती क्षेत्रों में घना जंगल है। वहां चीनी शिकार व जड़ी बुटियों के लिए घुसपैठ करते हैं और हमारे लोगों का अपहरण कर के ले जाते हैं। ऐसी घटनाएं तब तक होती रहेंगी, जब तक हम सीमा विवाद हल नहीं करेंगे।
पीएलए ने मिराम तेरोन को पीटा, करंट लगाया
भाजपा सांसद ने कहा कि मिराम तेरोन को पीएलए ने लापता होने के 27 दिन बाद सौंपा गया। उसे पीएलए द्वारा पीटा गया और करंट लगाया गया। यह गंभीर मामला है। सरकार को यह मामला चीन के संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाना चाहिए।
विंटर ओलंपिक के जरिए दुष्प्रचार
उधर, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी के रेजिमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ, जिसे भारत के साथ गलवान घाटी बॉर्डर की झड़प में बहादुरी से लड़ते हुए सिर में चोट लगी थी वह ओलंपिक मशाल रिले के दौरान मशालची के तौर पर नजर आया। विदेश नीति के जानकारों का कहना है कि ऐसा कर के चीन भारत के खिलाफ दुष्प्रचार व चीनी सैनिकों की बहादुरी का प्रचार करना चाहता है। उधर ओलंपिक को लेकर अमेरिका व योरपीय देशों के साथ चीन की तनातनी जारी है। अमेरिका ने तो चीन में उइगर मुस्लिमों के दमन को लेकर इन खेलों के राजनयिक बहिष्कार की चेतावनी दी है।