वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 08 Feb 2022 09:56 AM IST
सार
यह राशि पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली को अत्याधुनिक बनाने पर खर्च की जाएगी। ताईवान अपनी आत्म रक्षा के लिए इन्हीं अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल करता है।
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विस्तार
यह राशि पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली को अत्याधुनिक बनाने पर खर्च की जाएगी। ताइवानअपनी आत्म रक्षा के लिए इन्हीं अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल करता है। अमेरिकी सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने सोमवार को बयान जारी कर यह खबर दी। पैट्रियट मिसाइलों के आधुनिकीकरण के लिए वाशिंगटन स्थित ताइवान के दूतावास ने अमेरिका से आग्रह किया था।
डीएससीए ने कहा कि पैट्रियट हवाई सुरक्षा प्रणाली को उन्नत बनाए जाने से सहयोगी देश की सुरक्षा मजबूत होगी और वह राजनीतिक स्थिरता कायम रखने, सैन्य संतुलन बनाए रखने और क्षेत्र का आर्थिक विकास करने में सक्षम होगा। पैट्रियट मिसाइलों के आधुनिकीकरण के लिए उपकरणों व सेवाओं के इस प्रस्तावित विक्रय से अमेरिका के सहयोगी देश की विश्वसनीय सुरक्षा हो सकेगी। ताइवान ने नई पैट्रियट मिसाइल हासिल करने का निर्णय 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ किया था।
चीन लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान के हवाई क्षेत्र का लगातार उल्लंघन करता है। चीन उसे अपना स्वायत्त प्रांत बताता है और उसे अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा बताते हुए स्थाई रूप से उसका देश में विलय करना चाहता है। अमेरिका ताइवान का बड़ा समर्थक है। इसीलिए वह उसे अपनी सेना के आधुनिकीकरण के लिए प्रेरित कर रहा है। हालांकि अमेरिका की यह मदद चीन की खीझ को और बढ़ा सकती है।
अमेरिका ने चीन को चेताया
अमेरिका ने कुछ दिनों पहले ही चीन को चेताया था कि यूक्रेन संकट की आड़ में वह ताइवान पर कब्जे का प्रयास न करे। ताइवान को लेकर अमेरिका व उसके सहयोगी देशों व चीन के बीच तकरार कायम है।
चीन ने भी दी थी चेतावनी
उधर, अमेरिका में चीन के राजदूत ने भी पिछले महीने कहा था कि अगर वाशिंगटन ताइवान की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करता है तो दोनों महाशक्तियों के बीच सैन्य संघर्ष के हालात बन सकते हैं।