स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ओम. प्रकाश
Updated Wed, 18 Aug 2021 10:36 AM IST
सार
बीते सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलंपिक में भाग ले चुके भारतीय एथलीटों से अपने आवास पर मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा से पूछा कि वह दूसरे प्रयास में भाला फेंकने के बाद विक्ट्री मोड में क्यों आ गए थे।
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विस्तार
पीएम मोदी ने कहा, जब तुमने दूसरी बार अपना भाला फेंका तो तुम विक्ट्री के मोड में आ गए और एक दम तुम जीत सेलिब्रेट करने लगे, इसके पीछे बहुत बड़ा कॉन्फिडेंस होता है, पूरी जान लगानी पड़ती है, यह सब कैसे संभव हुआ?
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi interacts with #TokyoOlympics gold medalist Neeraj Chopra. The PM appreciates him and says, “…I have seen that success doesn’t get to your head and loss doesn’t stay in your mind…” pic.twitter.com/ajgznSSnTK
— ANI (@ANI) August 18, 2021
प्रधानमंत्री के इस सवाल के जवाब में नीरज चोपड़ा ने कहा, हम इतने साल से उसी की ट्रेनिंग कर रहे हैं, प्रयास बता देता है कि हां बेस्ट थ्रो है, सबसे बड़ी बात तो कॉन्फिडेंस है वह ट्रेनिंग से आता है। इसके बाद पीएम मोदी ने आगे कहा कि तुम्हें इतना पता है कि तुम 85 मीटर फेंकोगे 86 मीटर फेंकोगे लेकिन तुम्हें औरों का पता नहीं है कि 90 मीटर जाएगा 88 मीटर जाएगा।
प्रधानमंत्री ने नीरज की तारीफ करते हुए आगे कहा, मैंने देखा है विजय तुम्हारे सर पर नहीं चढ़ती है और दूसरी चीज जो मैंने देखी है कि पराजय तुम्हारे मन में नहीं बैठती, दोनों चीजें बहुत बड़ी हैं, जितनी बार मैं तुमसे बात की है मैंने बैलेंसिंग चीजें देखी हैं कुछ तो होगा नीरज।
पीएम के इस सवाल पर नीरज ने कहा, प्रतिद्वंदी तो होता है लेकिन हमें अपना बेस्ट देना होता है, हम फाइनल खेलते हैं जिसमें 12 लोग होते हैं, लेकिन उन एथलीटों के बीच में हमें अपने आपको फोकस करना होता है, मैं कोशिश करता हूं कि दूसरी की फरफॉर्मेंस पर ध्यान न देके अपनी परफॉर्मेंस कैसे अच्छी करनी है उस पर फोकस करता हूं, उसी के लिए पूरा जोर लगाता हूं।
हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। फाइनल मुकाबले में उनका दूसरा थ्रो 87.58 मीटर का था जिसके आधार पर उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। नीरज ट्रैंक एंड फील्ड स्पर्धा में ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट हैं।