एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 04 Apr 2022 07:12 AM IST
सार
कोवाक्सिन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने दावा किया कि जिन करोड़ों लोगों ने उनका टीका लगा, वे सुरक्षित हैं, टीकाकरण प्रमाणपत्र भी मान्य हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में विकसित कोरोना वायरस के टीके कोवाक्सिन को अपने कोवाक्स प्लेटफॉर्म से निकाल दिया। इस प्लेटफॉर्म में शामिल कोविड टीकों को उत्पादन, अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति, विकास, शोध आदि में वैश्विक मदद दी जाती है।
संगठन ने शनिवार को बताया कि उसे कोवाक्सिन की उत्पादन प्रक्रिया में कमियां मिलीं थीं, लेकिन टीके के प्रभाव व सुरक्षा को लेकर कोई समस्या नहीं है। कोवाक्सिन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने दावा किया कि जिन करोड़ों लोगों ने उनका टीका लगा, वे सुरक्षित हैं, टीकाकरण प्रमाणपत्र भी मान्य हैं।
संगठन ने साफ किया कि उसने कोवाक्सिन के असर की जांच कराई, इसमें कोई बदलाव नहीं मिला है। टीका प्रभावशाली है और सुरक्षा पर चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि उसने कोवाक्सिन को संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की खरीद प्रक्रिया से अलग कर दिया।
कंपनी बोली : टीके की गुणवत्ता से समझौता नहीं
आपात उपयोग प्राधिकार (ईयूएल) मिलने के बाद 14 से 22 मार्च को संगठन ने भारत बायोटेक की जांच करवाई थी। कंपनी ने संगठन के बयान के हवाले से टीके को सुरक्षित बताया। हालांकि अब वह टीका उत्पादन धीमा करके, उत्पादन केंद्रों पर जरूरी सुधार करेगी। लंबित रखरखाव, उत्पादन प्रक्रिया और सुधारों पर भी ध्यान देगी। कंपनी ने दावा किया कि उसने टीके की गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया गया। अब वैश्विक मानकों व जरूरतों के अनुसार सुधार करेगी।
विस्तार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में विकसित कोरोना वायरस के टीके कोवाक्सिन को अपने कोवाक्स प्लेटफॉर्म से निकाल दिया। इस प्लेटफॉर्म में शामिल कोविड टीकों को उत्पादन, अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति, विकास, शोध आदि में वैश्विक मदद दी जाती है।
संगठन ने शनिवार को बताया कि उसे कोवाक्सिन की उत्पादन प्रक्रिया में कमियां मिलीं थीं, लेकिन टीके के प्रभाव व सुरक्षा को लेकर कोई समस्या नहीं है। कोवाक्सिन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने दावा किया कि जिन करोड़ों लोगों ने उनका टीका लगा, वे सुरक्षित हैं, टीकाकरण प्रमाणपत्र भी मान्य हैं।
संगठन ने साफ किया कि उसने कोवाक्सिन के असर की जांच कराई, इसमें कोई बदलाव नहीं मिला है। टीका प्रभावशाली है और सुरक्षा पर चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि उसने कोवाक्सिन को संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की खरीद प्रक्रिया से अलग कर दिया।
कंपनी बोली : टीके की गुणवत्ता से समझौता नहीं
आपात उपयोग प्राधिकार (ईयूएल) मिलने के बाद 14 से 22 मार्च को संगठन ने भारत बायोटेक की जांच करवाई थी। कंपनी ने संगठन के बयान के हवाले से टीके को सुरक्षित बताया। हालांकि अब वह टीका उत्पादन धीमा करके, उत्पादन केंद्रों पर जरूरी सुधार करेगी। लंबित रखरखाव, उत्पादन प्रक्रिया और सुधारों पर भी ध्यान देगी। कंपनी ने दावा किया कि उसने टीके की गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया गया। अब वैश्विक मानकों व जरूरतों के अनुसार सुधार करेगी।
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