न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 31 Mar 2022 10:42 PM IST
सार
कोलकाता हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर कहा है कि हाईकोर्ट की खंड पीठ मेरे हर फैसले को बदल दे रही है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है और इसमें दखल दिए जाने की जरूरत है।
कोलकाता हाईकोर्ट ने न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने गुरुवार को अपने साथी न्यायाधीशों पर फैसले पलटने का आरोप लगाया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण को एक पत्र लिख कर कहा है कि पिछले कुछ महीनों से मैं जो भी फैसले सुना रहा हूं, हाईकोर्ट की खंड पीठ उसे बदल दे रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर बहुत गंभीरता के साथ विचार किया जाना चाहिए।
एकल पीठ के न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने शिक्षण और गैर शिक्षण स्टाफ भर्ती घोटाले में जो आदेश दिए उन सभी पर खंड पीठ ने रोक लगा दी थी। गंगोपाध्याय ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि राज्य के सरकारी स्कूलों में भर्ती की कथित अनियमितताओं की जांच करे। लेकिन, न्यायाधीश हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली खंड पीठ ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
इसे लेकर न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने देश के मुख्य न्यायाधीश से दखल देने की मांग की है। उन्होंने एक प्रशासनिक आदेश भी जारी किया है जिसमें उन्होंने सवाल उठाया है कि हाईकोर्ट खंड पीठ ने पिछले चार मामलों में दिए गए सीबीआई जांच के आदेश पर रोक किस आधार पर लगाई है। उन्होंने कहा कि मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि एकल पीठ के हाथ बांध कर आखिर किसको फायदा हो रहा है।
विस्तार
कोलकाता हाईकोर्ट ने न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने गुरुवार को अपने साथी न्यायाधीशों पर फैसले पलटने का आरोप लगाया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण को एक पत्र लिख कर कहा है कि पिछले कुछ महीनों से मैं जो भी फैसले सुना रहा हूं, हाईकोर्ट की खंड पीठ उसे बदल दे रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर बहुत गंभीरता के साथ विचार किया जाना चाहिए।
एकल पीठ के न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने शिक्षण और गैर शिक्षण स्टाफ भर्ती घोटाले में जो आदेश दिए उन सभी पर खंड पीठ ने रोक लगा दी थी। गंगोपाध्याय ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि राज्य के सरकारी स्कूलों में भर्ती की कथित अनियमितताओं की जांच करे। लेकिन, न्यायाधीश हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली खंड पीठ ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
इसे लेकर न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने देश के मुख्य न्यायाधीश से दखल देने की मांग की है। उन्होंने एक प्रशासनिक आदेश भी जारी किया है जिसमें उन्होंने सवाल उठाया है कि हाईकोर्ट खंड पीठ ने पिछले चार मामलों में दिए गए सीबीआई जांच के आदेश पर रोक किस आधार पर लगाई है। उन्होंने कहा कि मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि एकल पीठ के हाथ बांध कर आखिर किसको फायदा हो रहा है।
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