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कोरोना से तो जीत ही रहे हैं.. : जानिए ये 6 बीमारियां और स्वास्थ्य समस्याएं, जिनसे मर रहे लाखों लोग और जीत अभी बाकी

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कोविड महामारी ने हमें न केवल कोरोना वायरस, बल्कि कई बीमारियों से लड़ना सिखाया है। हम अपनी सेहत और फिटनेस पर ज्यादा ध्यान देने लगे, भोजन में पौष्टिकता बढ़ाई और जीवन शैली को भी सुधार रहे हैं। लेकिन अब भी ऐसी बीमारियां और स्वास्थ्य समस्याएं मौजूद हैं, जो लाखों की संख्या में नागरिकों को मार रही हैं। बीते 20 वर्षों में उनके शिकार होने वाले नागरिकों की संख्या प्रतिशत नहीं गुणत में बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर इनके बारे जानिए, ताकि महामारी में मिली सीख से हम इनका भी मुकाबला कर सकें।

1. हृदय व रक्त धमनियों की बीमारियां : हर 3 में से 1 मौत की वजह दो दशक में इतनी बढ़ीं
साल    कुल मौतों में इनका हिस्सा
2000      24.3 %
2005     27.5 %
2010      29.8 %
2015     31.6 %
2019     32.7 %

  • क्यों बढ़ी : खराब जीवन शैली को इसकी सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है।
  • क्या होती हैं : हृदय और रक्त धमनियां रक्त के प्रवाह से अंगाें में ऑक्सीजन पहुंचातीं व अनुपयोगी तत्व शरीर से बाहर निकालती हैं। इनमें खराबी, धमनियों का जाम या क्षतिग्रस्त होना देश में हर तीसरी मौत का कारण है। हार्ट अटैक, एथियोस्क्लोरोसिस, रुमेटिक हार्ट डिसीस, स्ट्रोक ऐसी प्रमुख बीमारियां हैं।
  • बचाव ऐसे : तंबाकू, धूम्रपान आदि का सेवन रोकें, रोज कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें, हृदय के लिए फायदेमंद भोजन, फल व सब्जियां खाएं।

2. श्वास की बीमारियां : कोरोना ने और बढ़ाई आफत दो दशक में इतनी बढ़ीं
साल         कुल मौतों में इनका हिस्सा
2000      7 %
2005     8.7 %
2010      9.5 %
2015     9 %
2019     9.7 %

  • क्या होती हैं : अस्थमा, निमोनिया, टीबी, सांस की नली व फेफड़े की बीमारियां व संक्रमण।
  • क्यों होती हैं : हर दसवें भारतीय की मौत का कारण इन बीमारियों की प्रमुख वजहें धूम्रपान, संक्रमण, पर्यावरण प्रदूषण हैं। अनुवांशिक वजहें भी हो सकती हैं। बीते दो वर्षों में कोरोना वायरस संक्रमण ने भी इस सूची में जगह बनाई।
  • बचाव ऐसे करें : यहां भी धूम्रपान से दूर रहना, प्रदूषण से बचना, फेफड़ों को क्षतिग्रस्त करने की क्षमता रखने वाले संक्रमणों व रसायनों से बचना और नियमित व्यायाम काम आ सकते हैं।

3. कैंसर व ट्यूमर : 2 दशक में करीब दोगुने हो रहे शिकार
साल     कुल मौतों में इनका हिस्सा
2000      3.6 %
2005     4.3 %
2010      4.6 %
2015     5.3 %
2019     5.6 %

  • क्यों होती हैं : अनुवांशिक, खाने की गलत आदतें, प्रदूषण व जहर, रेडिएशन के संपर्क में आना।
  • क्या होती हैं : नियोप्लाज्म नामक यह ट्यूमर असामान्य कोशिकाएं हैं, जो तेजी से बढ़ती हैं। एक जगह जमा होकर बाकी अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं। इससे हुईं गांठें बिनाइन यानी गैर-कैंसर और मैलिग्नेंट यानी कैंसर हो सकती हैं।
  • बचाव के उपाय : अब तक ज्ञात बचाव के तरीकों में तंबाकू व धूम्रपान, गलत खान-पान, सूर्य किरणों या मशीनी उपकरणों से निकले रेडिएशन के ज्यादा संपर्क में आने से बचना प्रमुख हैं। व्यायाम करते हुए खुद को फिट भी रखें।

4. पेट व पाचन संबंधी बीमारियां : यह भी दोगुनी होने जा रहीं
साल    कुल मौतों में इनका हिस्सा
2000      3.3 %
2005     3.8 %
2010      3.9 %
2015     4 %
2019     5.7 %

  • क्यों होती हैं : पाचन प्रक्रिया के विपरीत भोजन लेना और आरामपरस्त जीवन शैली।
  • क्या होती हैं : थायराइड का कम या ज्यादा काम करना और बढ़ना, हाई बीपी, डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस, हाइपरलिपिडिमिया, प्रमुख हैं। किडनी, लिवर व अन्य अंग क्षतिग्रस्त होने से लेकर नेत्र ज्योति तक खो सकते हैं।
  • बचाव के लिए यह करें : शरीर की पाचन प्रक्रिया व पोषण की जरूरतों, पैटर्न को पहचानें व इनके अनुसार ही भोजन लें। व्यायाम करें और आरामपरस्त जीवन शैली को गुड बाय कहें। अच्छी नींद लें और तनाव से दूर रहें।
5. बढ़ता वजन : एक साथ कई बीमारियों को दावत

बीएमआई 2015-16 2019-21
मोटे व ओवरवेट पुरुष (बीएमआई 25 से अधिक) 18.9% 22.9%
पुरुष जिनका बीएमआई 18.5 से कम 20.2% 16.2%
मोटी व ओवरवेट महिलाएं (बीएमआई 25 से अधिक) 20.6% 24%
महिलाएं जिनका बीएमआई 18.5 से कम 22.9% 18.7%
  • क्यों बढ़ रहा वजन : विशेषज्ञों के अनुसार प्रमुख वजह जीवन शैली से जुड़ी खराब आदतें व व्यायाम की कमी है।
  • बचाव के लिए : फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, अगर बॉडी मास इंडेक्स 25 से अधिक है तो व्यक्ति का वजन ज्यादा है। वजन कम करते हुए इसे घटाना चाहिए, वरना वह कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ सकता है।

6 बच्चों की मौत : जन्म के एक साल में 3.30 लाख से ज्यादा
2019 में 1 साल से छोटे 1.65 लाख बच्चे मारे गए तो 1.66 लाख शिशु मृत जन्मे। 2015-16 में प्रति 1,000 जीवित जन्मे बच्चों में औसतन 29.5 की मौत हो रही थी, 1 साल की उम्र पूरी करने तक 40.7 और 5 साल के होने तक 49.7 बच्चे मारे जा रहे थे। साल 2021 तक यह औसत क्रमश: 24.9, 35.2 और 41.9 तक लाया गया। हालांकि अब भी काफी सुधार हो सकता है। अधिकतर विकसित देशों में यही आंकड़े 10 से कम पर हैं।

  • क्यों हो रहीं ये मौतें, कैसे हो बचाव : छोटे बच्चों का जीवन बचाने के लिए मांओं का सेहतमंद होना जरूरी है। बच्चों के टीकाकरण और बीमारियों से बचाव को प्राथमिकता देनी होगी।

कोविड महामारी ने हमें न केवल कोरोना वायरस, बल्कि कई बीमारियों से लड़ना सिखाया है। हम अपनी सेहत और फिटनेस पर ज्यादा ध्यान देने लगे, भोजन में पौष्टिकता बढ़ाई और जीवन शैली को भी सुधार रहे हैं। लेकिन अब भी ऐसी बीमारियां और स्वास्थ्य समस्याएं मौजूद हैं, जो लाखों की संख्या में नागरिकों को मार रही हैं। बीते 20 वर्षों में उनके शिकार होने वाले नागरिकों की संख्या प्रतिशत नहीं गुणत में बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर इनके बारे जानिए, ताकि महामारी में मिली सीख से हम इनका भी मुकाबला कर सकें।

1. हृदय व रक्त धमनियों की बीमारियां : हर 3 में से 1 मौत की वजह दो दशक में इतनी बढ़ीं

साल    कुल मौतों में इनका हिस्सा

2000      24.3 %

2005     27.5 %

2010      29.8 %

2015     31.6 %

2019     32.7 %

  • क्यों बढ़ी : खराब जीवन शैली को इसकी सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है।
  • क्या होती हैं : हृदय और रक्त धमनियां रक्त के प्रवाह से अंगाें में ऑक्सीजन पहुंचातीं व अनुपयोगी तत्व शरीर से बाहर निकालती हैं। इनमें खराबी, धमनियों का जाम या क्षतिग्रस्त होना देश में हर तीसरी मौत का कारण है। हार्ट अटैक, एथियोस्क्लोरोसिस, रुमेटिक हार्ट डिसीस, स्ट्रोक ऐसी प्रमुख बीमारियां हैं।
  • बचाव ऐसे : तंबाकू, धूम्रपान आदि का सेवन रोकें, रोज कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें, हृदय के लिए फायदेमंद भोजन, फल व सब्जियां खाएं।

2. श्वास की बीमारियां : कोरोना ने और बढ़ाई आफत दो दशक में इतनी बढ़ीं

साल         कुल मौतों में इनका हिस्सा

2000      7 %

2005     8.7 %

2010      9.5 %

2015     9 %

2019     9.7 %

  • क्या होती हैं : अस्थमा, निमोनिया, टीबी, सांस की नली व फेफड़े की बीमारियां व संक्रमण।
  • क्यों होती हैं : हर दसवें भारतीय की मौत का कारण इन बीमारियों की प्रमुख वजहें धूम्रपान, संक्रमण, पर्यावरण प्रदूषण हैं। अनुवांशिक वजहें भी हो सकती हैं। बीते दो वर्षों में कोरोना वायरस संक्रमण ने भी इस सूची में जगह बनाई।
  • बचाव ऐसे करें : यहां भी धूम्रपान से दूर रहना, प्रदूषण से बचना, फेफड़ों को क्षतिग्रस्त करने की क्षमता रखने वाले संक्रमणों व रसायनों से बचना और नियमित व्यायाम काम आ सकते हैं।

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