न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 31 Jan 2022 06:51 AM IST
सार
स्वास्थ्य को प्राथमिक क्षेत्र का दर्जा मिल सकता है। इससे कर्ज के मोर्च पर राहत मिलेगी।
सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
महामारी से लड़ने के लिए जिस तरह सरकार दो डोज के बाद एहतियाती खुराक देकर लोगों को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रही है, उससे उम्मीद है कि स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट बढ़ाकर जीडीपी का 3 फीसदी कर सकती है। इससे बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों में भी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
- स्वास्थ्य को प्राथमिक क्षेत्र का दर्जा मिल सकता है। इससे कर्ज के मोर्च पर राहत मिलेगी।
- क्षेत्र में निवेश लाने, डिजिटल प्रौद्योगिकी अपनाने, दवा-टीकों का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए शोध-विकास पर प्रोत्साहन।
ये घोषणाएं भी संभव
क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी बाजार के आकार, निवेश रकम और जोखिम को देखते हुए क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े प्रावधानों में बड़े बदलाव संभव। इसकी खरीद-बिक्री पर टीडीएस और टीसीएस लग सकता है। इससे निवेशकों की पहचान करने में आसानी होगी।
पीएम किसान सम्मान निधि
12 किसानों को राहत देने के लिए योजना की राशि 6,000 रुपये से बढ़ा सकती है।
सामाजिक सुरक्षा
गरीबों, प्रवासी मजदूरों और असंगठित कामगारों के लिए नई सामाजिक सुरक्षा योजना की घोषणा हो सकती है। इसमें लाभार्थियों के खाते में सीधे रकम भेजी जा सकती है।