न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 06 Dec 2021 08:35 AM IST
सार
महाराष्ट्र में सिर्फ मुंबई व पुणे में एस-जीन जांच उपलब्ध है। इस बीच राज्य सरकार ने सभी जिलों को एस-जीन परीक्षण के लिए लिखा है। दरअसल, महाराष्ट्र में पहला केस की रिपोर्ट आने में चार दिन का समय लग गया था।
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विस्तार
इस बीच पता चला है कि महाराष्ट्र में कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि के लिए एस-जीन जांच की बहुत कमी है। पूरे राज्य में सिर्फ दो जिलों पुणे व मुंबई में ही यह जांच किट उपलब्ध है। ऐसे में राज्य सरकार ने सभी जिलों को एस-जीन किट की खरीद के लिए लिखा है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदीप व्यास ने 30 नवंबर को इसको लेकर सभी जिलों को एक पत्र लिखा है। इसके तहत ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए एस-जीन टेस्ट के लिए कहा गया है। जिससे वायरस का आसानी से पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन जांच रिपोर्ट में एस-जीन की पुष्टि हो रही है, उनकी प्राथमिकता के आधार पर आगे की जांच की जानी चाहिए।
एक मीडिया समूह के मुताबिक, महाराष्ट्र के 36 जिलों में सिर्फ दो जिलों-पुणे और मुंबई में एस-जीन की जांच के लिए किट उपलब्ध है। बृहन्मुंबई नगर निगम ने एसजीएफटी परीक्षण के लिए लगभग 1200 किट की खरीदी की है।
रिपोर्ट आने में लग गए चार दिन
महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन का पहला केस सामने आ चुका है। यह मामला कल्याण डोंबिवली नगर निगम क्षेत्र में सामने आया। इस नगर निगम के पास एक भी जांच किट नहीं है। ऐसे में 33 वर्षीय व्यक्ति की जांच के लिए नमूना भेजा गया था। उसकी रिपोर्ट को आने में चार दिन का समय लग गया।
22 से ज्यादा लोग कर रहे रिर्पोट का इंतजार
राज्य के एक स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, जांच किट की इतनी कमी है कि इसकी तुरंत रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। महाराष्ट्र में अभी 22 लोग जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर एस-जीन टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं।