Desh

सृजन : अमर उजाला शब्द सम्मान-2021 के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित, 15 जनवरी तक भेज सकते हैं अनुशंसाएं

सार

कोई भी भारतीय नागरिक, लेखक, प्रकाशक या पाठक प्रस्ताव या अनुशंसाएं भेज सकता है। अंतिम निर्णय अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा गठित सर्वोच्च निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा।

अमर उजाला शब्द सम्मान-2021
– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स

ख़बर सुनें

सृजन के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रतिष्ठित अमर उजाला शब्द सम्मान-2021 के लिए प्रस्ताव आमंत्रण की घोषणा कर दी गई है। कोरोना त्रासदी के चलते आए व्यवधानों को देखते हुए इस बार श्रेष्ठ कृति सम्मानों के लिए 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2021 की अवधि में प्रकाशित रचनाओं को विचारार्थ लिया जाएगा।

आकाशदीप, छाप, थाप और भाषा-बंधु सम्मानों के सफर का यह चौथा क्रम होगा। सर्वोच्च अलंकरण आकाशदीप समग्र अवदान, अनवरत रचनाधर्मिता और मानवीय मूल्यों के संवर्धन में श्रेष्ठतम भूमिका के सम्मान में अर्पित किया जाता है। वहीं, छाप, थाप व भाषा-बंधु सम्मानों के लिए श्रेष्ठ कृतियों को लिया जाता है।

साहित्य में सर्वोच्च सम्मान- आकाशदीप, हिंदी भाषा और एक अन्य भारतीय भाषा के सर्जक को समग्र अवदान के लिए पांच-पांच लाख रुपये की सम्मान राशि के साथ प्रदान किया जाता है। डॉ. नामवर सिंह (हिंदी) और गिरीश कारनाड (कन्नड़) को प्रथम आकाशदीप अर्पित किया गया था। अगली कड़ी में ज्ञानरंजन (हिंदी) और भालचंद्र नेमाड़े (मराठी) सम्मानित हुए। तीसरे शब्द सम्मान में वरिष्ठ आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी (हिंदी) और मशहूर कवि शंख घोष (बांग्ला) को आकाशदीप दिया गया था।

15 जनवरी तक भेज सकते हैं प्रस्ताव और अनुशंसाएं
कोई भी भारतीय नागरिक, लेखक, प्रकाशक या पाठक प्रस्ताव या अनुशंसाएं भेज सकता है। अंतिम निर्णय अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा गठित सर्वोच्च निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा। श्रेष्ठ कृतियों के लिए प्रकाशन अवधि 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2021 के बीच प्रस्तावित है।

प्रस्ताव निर्धारित प्रपत्र के साथ संयोजक, अमर उजाला शब्द सम्मान, अमर उजाला फाउंडेशन, सी-21/22, सेक्टर-59, नोएडा 201301 के पते पर, 15 जनवरी 2022 तक पहुंच जाने चाहिए। कवर पर स्पष्ट रूप से अंकित करें कि प्रस्ताव किस श्रेणी के लिए है। प्रपत्र shabdsamman.amarujala.com से डाउनलोड किए जा सकते हैं।

वर्ष की श्रेष्ठ कृतियों के लिए एक-एक लाख रुपये की राशि के साथ पांच अन्य सम्मान

  • सम्मान में नकद राशि के साथ प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिह्न गंगा प्रतिमा भेंट की जाती है।
  • एक अलंकरण (थाप) हिंदी में पहली कृति के लिए, तीन अलंकरण (छाप) कथा, कविता व गैर-कथा श्रेणियों में आलोच्य अवधि की श्रेष्ठ कृतियों को समर्पित हैं।
  • विशेष अलंकरण (भाषा बंधु) : एक भारतीय भाषा से किसी अन्य भारतीय भाषा में अनुवाद के लिए है।

विस्तार

सृजन के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रतिष्ठित अमर उजाला शब्द सम्मान-2021 के लिए प्रस्ताव आमंत्रण की घोषणा कर दी गई है। कोरोना त्रासदी के चलते आए व्यवधानों को देखते हुए इस बार श्रेष्ठ कृति सम्मानों के लिए 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2021 की अवधि में प्रकाशित रचनाओं को विचारार्थ लिया जाएगा।

आकाशदीप, छाप, थाप और भाषा-बंधु सम्मानों के सफर का यह चौथा क्रम होगा। सर्वोच्च अलंकरण आकाशदीप समग्र अवदान, अनवरत रचनाधर्मिता और मानवीय मूल्यों के संवर्धन में श्रेष्ठतम भूमिका के सम्मान में अर्पित किया जाता है। वहीं, छाप, थाप व भाषा-बंधु सम्मानों के लिए श्रेष्ठ कृतियों को लिया जाता है।

साहित्य में सर्वोच्च सम्मान- आकाशदीप, हिंदी भाषा और एक अन्य भारतीय भाषा के सर्जक को समग्र अवदान के लिए पांच-पांच लाख रुपये की सम्मान राशि के साथ प्रदान किया जाता है। डॉ. नामवर सिंह (हिंदी) और गिरीश कारनाड (कन्नड़) को प्रथम आकाशदीप अर्पित किया गया था। अगली कड़ी में ज्ञानरंजन (हिंदी) और भालचंद्र नेमाड़े (मराठी) सम्मानित हुए। तीसरे शब्द सम्मान में वरिष्ठ आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी (हिंदी) और मशहूर कवि शंख घोष (बांग्ला) को आकाशदीप दिया गया था।

15 जनवरी तक भेज सकते हैं प्रस्ताव और अनुशंसाएं

कोई भी भारतीय नागरिक, लेखक, प्रकाशक या पाठक प्रस्ताव या अनुशंसाएं भेज सकता है। अंतिम निर्णय अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा गठित सर्वोच्च निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा। श्रेष्ठ कृतियों के लिए प्रकाशन अवधि 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2021 के बीच प्रस्तावित है।

प्रस्ताव निर्धारित प्रपत्र के साथ संयोजक, अमर उजाला शब्द सम्मान, अमर उजाला फाउंडेशन, सी-21/22, सेक्टर-59, नोएडा 201301 के पते पर, 15 जनवरी 2022 तक पहुंच जाने चाहिए। कवर पर स्पष्ट रूप से अंकित करें कि प्रस्ताव किस श्रेणी के लिए है। प्रपत्र shabdsamman.amarujala.com से डाउनलोड किए जा सकते हैं।

वर्ष की श्रेष्ठ कृतियों के लिए एक-एक लाख रुपये की राशि के साथ पांच अन्य सम्मान

  • सम्मान में नकद राशि के साथ प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिह्न गंगा प्रतिमा भेंट की जाती है।
  • एक अलंकरण (थाप) हिंदी में पहली कृति के लिए, तीन अलंकरण (छाप) कथा, कविता व गैर-कथा श्रेणियों में आलोच्य अवधि की श्रेष्ठ कृतियों को समर्पित हैं।
  • विशेष अलंकरण (भाषा बंधु) : एक भारतीय भाषा से किसी अन्य भारतीय भाषा में अनुवाद के लिए है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: