बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, पुणे
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sun, 12 Dec 2021 09:10 PM IST
सार
भारत में स्टार्टअप की सफलताओं के पीछे के कारणों पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि इस क्षेत्र में सरकार के कम दखल से बेहतर संभावनाएं बनेंगी।
सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
– फोटो : twitter/PiyushGoyal
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को पुणे में कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम में सरकार का दखल जितना कम होगा, इनके सफल होने की संभावनाएं उतनी ही बढ़ेंगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार इसमें सूत्रधार की भूमिका निभा सकती है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल ने यहां सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (एसपीपीयू) में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पार्क में अपनी यात्रा के दौरान वहां लोगों को संबोधित करते वक्त यह बात कही।
गोयल ने कहा, ‘आईटी सेक्टर की ओर देखिए। भारत में यह सफल है, क्योंकि सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। उद्यमियों को कम सरकारी दखल के साथ काम करने की आजादी देने से उन्हें लागत प्रभावी और किफायती समाधान ढूंढने में मदद मिलेगी। इससे गुणवत्ता व डिजाइन का क्षेत्र भी बेहतर होगा। बैसाखी से उन्हें थोड़े समय के लिए ही मदद मिल सकती है। इसकी सफलता के लिए हमें इसे खुद काम करने देना होगा।’
किसी यूनिकॉर्न कंपनी ने नहीं ली सरकार की मदद
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर यूनिकॉर्न कंपनियों की सूची देखें तो इनमें से किसी ने भी यह दर्जा हासिल करने के लिए सरकार का समर्थन नहीं लिया… सरकार कर घटाने में भूमिका निभा सकती है। हमने पेटेंट के लिए आवेदन में स्टार्सअप और महिला उद्यमियों के लिए शुल्क में कमी की है। उन्होंने कहा कि युवा लड़के-लड़कियों और उद्यमियों में जो उद्यमशीलता की भावना होती है वही असल में सफलता को परिभाषित करती है।
डीपीआईआईटी में 46 फीसदी स्टार्टअप महिलाओं के
बता दें कि एक यूनिकॉर्न कंपनी वह स्टार्टअप कंपनी होती है जिसकी कीमत एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होती है। पीयूष गोयल के अनुसार उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग (डीपीआईआईटी) में पंजीकृत हुए लगभग 46 फीसदी स्टार्टअप महिला उद्यमियों के हैं। उन्होंने आगे कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), उद्योग-धंधों और शिक्षण संस्थानों के क्षेत्र में पुणे शहर की स्थिति बहुत बेहतर और अनोखी है।
विस्तार
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को पुणे में कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम में सरकार का दखल जितना कम होगा, इनके सफल होने की संभावनाएं उतनी ही बढ़ेंगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार इसमें सूत्रधार की भूमिका निभा सकती है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल ने यहां सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (एसपीपीयू) में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पार्क में अपनी यात्रा के दौरान वहां लोगों को संबोधित करते वक्त यह बात कही।
गोयल ने कहा, ‘आईटी सेक्टर की ओर देखिए। भारत में यह सफल है, क्योंकि सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। उद्यमियों को कम सरकारी दखल के साथ काम करने की आजादी देने से उन्हें लागत प्रभावी और किफायती समाधान ढूंढने में मदद मिलेगी। इससे गुणवत्ता व डिजाइन का क्षेत्र भी बेहतर होगा। बैसाखी से उन्हें थोड़े समय के लिए ही मदद मिल सकती है। इसकी सफलता के लिए हमें इसे खुद काम करने देना होगा।’
किसी यूनिकॉर्न कंपनी ने नहीं ली सरकार की मदद
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर यूनिकॉर्न कंपनियों की सूची देखें तो इनमें से किसी ने भी यह दर्जा हासिल करने के लिए सरकार का समर्थन नहीं लिया… सरकार कर घटाने में भूमिका निभा सकती है। हमने पेटेंट के लिए आवेदन में स्टार्सअप और महिला उद्यमियों के लिए शुल्क में कमी की है। उन्होंने कहा कि युवा लड़के-लड़कियों और उद्यमियों में जो उद्यमशीलता की भावना होती है वही असल में सफलता को परिभाषित करती है।
डीपीआईआईटी में 46 फीसदी स्टार्टअप महिलाओं के
बता दें कि एक यूनिकॉर्न कंपनी वह स्टार्टअप कंपनी होती है जिसकी कीमत एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होती है। पीयूष गोयल के अनुसार उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग (डीपीआईआईटी) में पंजीकृत हुए लगभग 46 फीसदी स्टार्टअप महिला उद्यमियों के हैं। उन्होंने आगे कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), उद्योग-धंधों और शिक्षण संस्थानों के क्षेत्र में पुणे शहर की स्थिति बहुत बेहतर और अनोखी है।
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