एजेंसी, कोलंबो
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 17 Feb 2022 12:25 AM IST
सार
थिंक टैंक ने कहा, श्रीलंकाई विदेशी मुद्र भंडार के लिए भारत दो चरणों में मदद करने वाला है। ऐसे में भारत से मुकाबला करने के लिए चीन अब श्रीलंका पर नियंत्रण करने की नई रणनीति तलाश सकता है।
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विस्तार
उसने कहा, श्रीलंका में जारी आर्थिक मंदी के बीच, कोलंबो-नई दिल्ली में इन दिनों कूटनीतिक गतिविधियों की झड़ी लग गई है। ऐसे में भारत से मुकाबले को चीन एक नई रणनीति तलाश सकता है।
श्रीलंकाई वित्तमंत्री बेसिल राजपक्षे के आगामी दिनों में नई दिल्ली आने की संभावना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी व आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) सम्मेलन के लिए श्रीलंका जा सकते हैं। पीएम के श्रीलंका दौरे की घोषणा होनी बाकी है।
इससे पहले 18 मार्च को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर श्रीलंका दौरा करेंगे। इस कूटनीतिक पहल के बीच श्रीलंका छह दशकों के सबसे खराब वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।
थिंक टैंक ने कहा, श्रीलंकाई विदेशी मुद्र भंडार के लिए भारत दो चरणों में मदद करने वाला है। ऐसे में भारत से मुकाबला करने के लिए चीन अब श्रीलंका पर नियंत्रण करने की नई रणनीति तलाश सकता है।
पीओआरईजी ने बताया कि चीन के लिए भारत-श्रीलंका के बीच बढ़ता साथ उसके हितों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए वह नई रणनीति पर काम कर रहा है।