छठ पूजा का पर्व आने वाला है। इस खास मौके पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग, जो देश के अलग-अलग राज्यों में नौकरी वगैरह की वजह से रहते हैं, वो अपने-अपने घर जरूर जाते हैं। खासकर दिल्ली की अगर बात करें तो स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। कई लोग तो बहुत पहले से ही रिजर्वेशन कराकर रखते हैं, ताकि छठ के मौके पर ट्रेन में सीट के लिए भटकना न पड़े। हालांकि ऐसे भी बहुत से लोग होते हैं, जिन्हें टिकट नहीं मिल पाता। ऐसे में लोग दूसरे-दूसरे विकल्प की तलाश करते हैं, ताकि घर पहुंच सकें। तो चलिए आज हम आपको भारतीय रेलवे की एक खास सुविधा के बारे में बताते हैं, जिसकी मदद से न सिर्फ टिकट बल्कि कंफर्म सीट मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। दरअसल, रेलवे लंबे समय से यात्रियों को यह सुविधा दे रहा है, जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे।
भारतीय रेलवे की इस खास सुविधा का नाम ‘विकल्प’ है। बड़ी संख्या में यात्रियों को रेलवे की इस योजना का फायदा मिलता है। अगर आप भी ट्रेन की टिकट और कंफर्म सीट के लिए परेशान हैं तो घबराएं नहीं, आप विकल्प स्कीम का चयन कर सकते हैं। इससे टिकट कंफर्म होने की संभावना बढ़ जाती है।
मान लीजिए कि आपने किसी ट्रेन में वेटिंग टिकट लिया है, वो कंफर्म नहीं हो रही है और आपने ‘विकल्प’ का चयन किया है तो वैकल्पिक ट्रेनों में आपकी बर्थ कंफर्म हो सकती है। हालांकि विकल्प का चयन करने का मतलब यह नहीं है कि यात्री को वैकल्पिक ट्रेन में कंफर्म सीट उपलब्ध ही हो जाएगी। यह ट्रेन और सीट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
आईआरसीटीसी के मुताबिक, आपने जिस ट्रेन में बुकिंग की है, उस वास्तविक ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान समय से 72 घंटे के भीतर उपलब्ध वैकल्पिक ट्रेन में ही आपको हस्तांरित किया जाएगा। इस योजना में आपका बोर्डिंग और अंतिम स्टेशन आस-पास के क्लस्टर स्टेशनों में बदल सकता है।
खास बात ये है कि जिस यात्री को वैकल्पिक ट्रेन में सुविधा दी गई है, वह वास्तविक ट्रेन की मूल टिकट के अधिकार पर ही आराम से यात्रा कर सकता है। इसलिए विकल्प योजना का चयन करने वाले यात्रियों को चार्ट बनने के बाद पीएनआर की जांच जरूर कर लेनी चाहिए।
