बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Sat, 04 Sep 2021 10:38 AM IST
सार
मिलावटी पदार्थों में असली, नकली का फर्क करना देखने में कठिन होता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक तरीका बताया है, जिससे सब्जियों में मिलावट का पता कर सकते हैं।
हरी सब्जियों का सेवन कितना फायदेमंद होता है, यह बात किसी से छुपी नहीं है। अक्सर सलाद के तौर पर कच्ची सब्जियों के सेवन की सलाह दी जाती है। मगर ज्यादा चमकदार और ताजा दिखाने के लिए सब्जियों को सिंथेटिक रंगों से रंगकर बाजार में बेचा जा रहा है, जो कि सेहत के खिलाफ काफी नुकसानदेह है। इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
इंजेक्शन से लेकर सिंथेटिक रंग का हो रहा इस्तेमाल
आज के समय में खाने पीने की हर चीज में मिलावट देखने को मिलती है। ज्यादातर लोगों ने अब तक शक्कर, दालों और दूध के बारे में सुना होगा, लेकिन सब्जियां और फल भी इससे अछूते नहीं हैं। बाजार में मिल रहीं मिलावटी सब्जी और फल लोगों के स्वास्थ पर बुरा असर डाल रहे हैं। कुछ व्यापारी सब्जियों को जल्दी पकने के लिए कीटनाशकों का इंजेक्शन लगाते हैं। कुछ सिंथेटिक रंग या मैलाकाइट का हरा और मोम का लेप मिलाते हैं।
सब्जी ज्यादा ताजी हो तो भी रहें सतर्क
यदि सब्जियां ज्यादा चमकदार नजर आएं तो समझिए कुछ गड़बड़ है। दुकानदार सब्जियों में चमक लाने के लिए उसमें रंग व केमिकल मिलाते हैं। पानी में केमिकल मिलाया जाता है इर फिर सब्जियों को इसमें डुबाकर उन्हें ताजा रंग व चमक दी जाती है। रोजाना शरीर में पहुंचने वाले खाद्य पदार्थ सेहत पर सीधा प्रभाव डालते हैं। इनसे होने वाली बीमारी का पता भी काफी देर से चलता है। बच्चों के लिए तो मिलावटी खाद्य पदार्थ और भी नुकसानदायक हैं।
ऐसे चेक करें मिलावट है या नहीं
मिलावटी पदार्थों में असली, नकली का फर्क करना देखने में कठिन होता है। ऐसे में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक घरेलू और आसान उपाय बताया है, जिससे आप सब्जियों में मिलावट का पता कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले लिक्विड पैराफिन में भिगोया हुआ एक कॉटन का कपड़ा लें और इससे सब्जियों के ऊपरी हिस्से को रगड़ें। अगर सब्जी का हरा रंग कपड़े पर लग रहा है तो समझ लें कि सब्जी में मिलावट की गई है। वहीं अगर कपड़े का रंग नहीं बदला तो समझ लें कि सब्जी में मिलावट नहीं है।
विस्तार
हरी सब्जियों का सेवन कितना फायदेमंद होता है, यह बात किसी से छुपी नहीं है। अक्सर सलाद के तौर पर कच्ची सब्जियों के सेवन की सलाह दी जाती है। मगर ज्यादा चमकदार और ताजा दिखाने के लिए सब्जियों को सिंथेटिक रंगों से रंगकर बाजार में बेचा जा रहा है, जो कि सेहत के खिलाफ काफी नुकसानदेह है। इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
इंजेक्शन से लेकर सिंथेटिक रंग का हो रहा इस्तेमाल
आज के समय में खाने पीने की हर चीज में मिलावट देखने को मिलती है। ज्यादातर लोगों ने अब तक शक्कर, दालों और दूध के बारे में सुना होगा, लेकिन सब्जियां और फल भी इससे अछूते नहीं हैं। बाजार में मिल रहीं मिलावटी सब्जी और फल लोगों के स्वास्थ पर बुरा असर डाल रहे हैं। कुछ व्यापारी सब्जियों को जल्दी पकने के लिए कीटनाशकों का इंजेक्शन लगाते हैं। कुछ सिंथेटिक रंग या मैलाकाइट का हरा और मोम का लेप मिलाते हैं।
सब्जी ज्यादा ताजी हो तो भी रहें सतर्क
यदि सब्जियां ज्यादा चमकदार नजर आएं तो समझिए कुछ गड़बड़ है। दुकानदार सब्जियों में चमक लाने के लिए उसमें रंग व केमिकल मिलाते हैं। पानी में केमिकल मिलाया जाता है इर फिर सब्जियों को इसमें डुबाकर उन्हें ताजा रंग व चमक दी जाती है। रोजाना शरीर में पहुंचने वाले खाद्य पदार्थ सेहत पर सीधा प्रभाव डालते हैं। इनसे होने वाली बीमारी का पता भी काफी देर से चलता है। बच्चों के लिए तो मिलावटी खाद्य पदार्थ और भी नुकसानदायक हैं।
ऐसे चेक करें मिलावट है या नहीं
मिलावटी पदार्थों में असली, नकली का फर्क करना देखने में कठिन होता है। ऐसे में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक घरेलू और आसान उपाय बताया है, जिससे आप सब्जियों में मिलावट का पता कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले लिक्विड पैराफिन में भिगोया हुआ एक कॉटन का कपड़ा लें और इससे सब्जियों के ऊपरी हिस्से को रगड़ें। अगर सब्जी का हरा रंग कपड़े पर लग रहा है तो समझ लें कि सब्जी में मिलावट की गई है। वहीं अगर कपड़े का रंग नहीं बदला तो समझ लें कि सब्जी में मिलावट नहीं है।
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