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कसेगा शिकंजा: साइबर हमलों को नहीं छिपा पाएंगी कंपनियां केंद्र कर रहा खास तैयारी

एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 24 Feb 2022 05:47 AM IST

सार

मौजूदा हालात के मद्देनजर सरकार नए नियमन करने जा रही है। इसके तहत साइबर अपराधों के बारे में सूचना देने की जिम्मेदारी संगठनों की होगी। इस व्यवस्था के बाद वे ऐसे हमलों की जानकारी को दबाकर नहीं रख पाएंगे।

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देश में साइबर हमलों को रोकने के लिए सरकार इन दिनों खास तैयारी कर रही है। बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि केंद्र ऐसे नियम बनाने जा रहा है, जिनके तहत साइबर अपराध का शिकार होने वाले संगठनों (कंपनियों) को सरकार के समक्ष इसका खुलासा करना होगा।

बंगलूरू में एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए आईबीएम सुरक्षा कमांड केंद्र की शुरूआत के मौके पर चंद्रशेखर ने कहा, साइबर हमलों के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। भारतीय-सीईआरटी (कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम) ने अब तक 10 करोड़ साइबर घटनाओं की जानकारी दी है।

उन्होंने कहा, मौजूदा हालात के मद्देनजर सरकार नए नियमन करने जा रही है। इसके तहत साइबर अपराधों के बारे में सूचना देने की जिम्मेदारी संगठनों की होगी। इस व्यवस्था के बाद वे ऐसे हमलों की जानकारी को दबाकर नहीं रख पाएंगे।

चंद्रशेखर के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण है कि देश में मौजूद साइबर जोखिम और इनसे जुड़ी गतिविधियां के बारे में सरकार और एजेंसियों के पास पूरी जानकारी हो। सरकार की प्राथमिकता साइबर क्षेत्र को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है। इंटरनेट भरोसेमंद और मुक्त होने के साथ सुरक्षित भी होना चाहिए। लिहाजा, सरकार साइबर हमलों को रोकने के लिए क्षमता बढ़ाने पर काफी निवेश कर रही है। साथ ही इंटरनेट पर काम करने वाले मध्यस्थों को ग्राहकों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।

कार्यक्त्रस्म में आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने कंपनी के दूसरे सुरक्षा कमांड केंद्र और एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी तरह के पहले केंद्र की स्थापना का एलान किया। उन्होंने बताया कि इसका मकसद साइबर सुरक्षा को लेकर तकनीकी प्रशिक्षण देना है।

पटेल ने कहा कि इस निवेश में नया सुरक्षा परिचालन केंद्र भी शामिल है, जो विभिन्न देशों के ग्राहकों को सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध कराएगा।

विस्तार

देश में साइबर हमलों को रोकने के लिए सरकार इन दिनों खास तैयारी कर रही है। बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि केंद्र ऐसे नियम बनाने जा रहा है, जिनके तहत साइबर अपराध का शिकार होने वाले संगठनों (कंपनियों) को सरकार के समक्ष इसका खुलासा करना होगा।

बंगलूरू में एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए आईबीएम सुरक्षा कमांड केंद्र की शुरूआत के मौके पर चंद्रशेखर ने कहा, साइबर हमलों के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। भारतीय-सीईआरटी (कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम) ने अब तक 10 करोड़ साइबर घटनाओं की जानकारी दी है।

उन्होंने कहा, मौजूदा हालात के मद्देनजर सरकार नए नियमन करने जा रही है। इसके तहत साइबर अपराधों के बारे में सूचना देने की जिम्मेदारी संगठनों की होगी। इस व्यवस्था के बाद वे ऐसे हमलों की जानकारी को दबाकर नहीं रख पाएंगे।

चंद्रशेखर के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण है कि देश में मौजूद साइबर जोखिम और इनसे जुड़ी गतिविधियां के बारे में सरकार और एजेंसियों के पास पूरी जानकारी हो। सरकार की प्राथमिकता साइबर क्षेत्र को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है। इंटरनेट भरोसेमंद और मुक्त होने के साथ सुरक्षित भी होना चाहिए। लिहाजा, सरकार साइबर हमलों को रोकने के लिए क्षमता बढ़ाने पर काफी निवेश कर रही है। साथ ही इंटरनेट पर काम करने वाले मध्यस्थों को ग्राहकों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।

कार्यक्त्रस्म में आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने कंपनी के दूसरे सुरक्षा कमांड केंद्र और एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी तरह के पहले केंद्र की स्थापना का एलान किया। उन्होंने बताया कि इसका मकसद साइबर सुरक्षा को लेकर तकनीकी प्रशिक्षण देना है।

पटेल ने कहा कि इस निवेश में नया सुरक्षा परिचालन केंद्र भी शामिल है, जो विभिन्न देशों के ग्राहकों को सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध कराएगा।

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