सार
टैक्स सेविंग फंडों में निवेश की अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में केवल 1.5 लाख तक ही छूट का दावा कर सकते हैं। ईएलएसएस में एक वित्त वर्ष में निवेश कर आप अधिकतम 48,600 रुपये बचा सकते हैं।
अगर नौकरीपेशा हैं तो आपको भी कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए निवेश डिक्लेरेशन फॉर्म दिया होगा। इसमें बताना होता है कि आपने किस योजना में कितना निवेश किया है। इसके आधार पर ही कंपनी तय करेगी कि टीडीएस कितना कटेगा। अगर अभी तक निवेश नहीं किया है तो टैक्स बचाने के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश कर एक वित्त वर्ष में अधिकतम 48,600 रुपये बचा सकते हैं।
कई लोग इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहते हैं। इसमें तीन साल का लॉक-इन पीरियड है। हालांकि, निवेश के ज्यादातर हिस्से को शेयर मार्केट में लगाया जाता है, जिससे इस पर जोखिम रहता है। इसमें निवेश पर 80सी के तहत छूट मिलती है। 80सी में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है।
इस तरह मिलेगा अधिकतम लाभ
टैक्स सेविंग फंडों में निवेश की अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में केवल 1.5 लाख तक ही छूट का दावा कर सकते हैं। ईएलएसएस में एक वित्त वर्ष में निवेश कर आप अधिकतम 48,600 रुपये बचा सकते हैं। इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं है। मान लीजिए, आप ईएलएसएस में एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख निवेश करते हैं तो 30 फीसदी के उच्च टैक्स स्लैब के हिसाब से आपको 45,000 रुपये की छूट मिलेगी। चार फीसदी सेस यानी 1,800 रुपये की और बचत होगी। इस तरह, आप अधिकतम 46,800 रुपये बचा सकते हैं।
मैच्योरिटी पर पर निकासी तो देना होगा टैक्स
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एक साल से ज्यादा समय तक लगाए पैसे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता है। एक वित्त वर्ष में अगर ईएलएसएस म्यूचुअल फंड से गेन्स एक लाख रुपये से ज्यादा है तो बिना इंडेक्सेशन बेनिफिट 10% टैक्स लगता है। एक लाख रुपये तक का गेन टैक्स के दायरे में नहीं आता है।
ऐसे कर सकते हैं निवेश
- ईएलएसएस में निवेश के लिए केवाईसी जरूरी।
- फंड हाउस के ब्रांच ऑफिस या रजिस्ट्रार ऑफिस में चेक के साथ फॉर्म भरना पड़ता है। फंड हाउस की वेबसाइट या एग्रीगेटर्स के जरिये ऑनलाइन भी ईएलएसएस में निवेश कर सकते हैं।
- निवेश शुरू होने पर फोलियो नंबर मिलता है, जिसकी मदद से भविष्य में ईएलएसएस योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
- निवेश के वक्त निवेशकों के पास कुछ विकल्प रहते हैं। इनमें ग्रोथ, डिविडेंड और डिविडेंड रीइंवेस्टमेंट विकल्प शामिल हैं।
एकमुश्त पैसा न लगाएं
ईएलएसएस म्यूचुअल फंड योजनाओं में एसआईपी के जरिये या फिर एकमुश्त निवेश किया जा सकता है। शेयर मार्केट से जुड़ाव के कारण ईएलएसएस में कभी भी एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए। एसआईपी के जरिये हर महीने निवेश करें। इसमें जोखिम का खतरा कम होता है। फंड हाउस भी लोगों को न्यूनतम 500 रुपये से ईएलएसएस में निवेश शुरू करने की सलाह देते हैं। -अतुल गर्ग, कर एवं निवेश सलाहकार
विस्तार
अगर नौकरीपेशा हैं तो आपको भी कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए निवेश डिक्लेरेशन फॉर्म दिया होगा। इसमें बताना होता है कि आपने किस योजना में कितना निवेश किया है। इसके आधार पर ही कंपनी तय करेगी कि टीडीएस कितना कटेगा। अगर अभी तक निवेश नहीं किया है तो टैक्स बचाने के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश कर एक वित्त वर्ष में अधिकतम 48,600 रुपये बचा सकते हैं।
कई लोग इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहते हैं। इसमें तीन साल का लॉक-इन पीरियड है। हालांकि, निवेश के ज्यादातर हिस्से को शेयर मार्केट में लगाया जाता है, जिससे इस पर जोखिम रहता है। इसमें निवेश पर 80सी के तहत छूट मिलती है। 80सी में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है।
इस तरह मिलेगा अधिकतम लाभ
टैक्स सेविंग फंडों में निवेश की अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में केवल 1.5 लाख तक ही छूट का दावा कर सकते हैं। ईएलएसएस में एक वित्त वर्ष में निवेश कर आप अधिकतम 48,600 रुपये बचा सकते हैं। इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं है। मान लीजिए, आप ईएलएसएस में एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख निवेश करते हैं तो 30 फीसदी के उच्च टैक्स स्लैब के हिसाब से आपको 45,000 रुपये की छूट मिलेगी। चार फीसदी सेस यानी 1,800 रुपये की और बचत होगी। इस तरह, आप अधिकतम 46,800 रुपये बचा सकते हैं।
मैच्योरिटी पर पर निकासी तो देना होगा टैक्स
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एक साल से ज्यादा समय तक लगाए पैसे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता है। एक वित्त वर्ष में अगर ईएलएसएस म्यूचुअल फंड से गेन्स एक लाख रुपये से ज्यादा है तो बिना इंडेक्सेशन बेनिफिट 10% टैक्स लगता है। एक लाख रुपये तक का गेन टैक्स के दायरे में नहीं आता है।
ऐसे कर सकते हैं निवेश
- ईएलएसएस में निवेश के लिए केवाईसी जरूरी।
- फंड हाउस के ब्रांच ऑफिस या रजिस्ट्रार ऑफिस में चेक के साथ फॉर्म भरना पड़ता है। फंड हाउस की वेबसाइट या एग्रीगेटर्स के जरिये ऑनलाइन भी ईएलएसएस में निवेश कर सकते हैं।
- निवेश शुरू होने पर फोलियो नंबर मिलता है, जिसकी मदद से भविष्य में ईएलएसएस योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
- निवेश के वक्त निवेशकों के पास कुछ विकल्प रहते हैं। इनमें ग्रोथ, डिविडेंड और डिविडेंड रीइंवेस्टमेंट विकल्प शामिल हैं।
एकमुश्त पैसा न लगाएं
ईएलएसएस म्यूचुअल फंड योजनाओं में एसआईपी के जरिये या फिर एकमुश्त निवेश किया जा सकता है। शेयर मार्केट से जुड़ाव के कारण ईएलएसएस में कभी भी एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए। एसआईपी के जरिये हर महीने निवेश करें। इसमें जोखिम का खतरा कम होता है। फंड हाउस भी लोगों को न्यूनतम 500 रुपये से ईएलएसएस में निवेश शुरू करने की सलाह देते हैं। -अतुल गर्ग, कर एवं निवेश सलाहकार
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