एफएसएसएआई के अनुसार, देश के 587 जिलों और चार मेट्रो शहरों से 15 तरह के खाद्य तेलों के 4,461 नमूने लिए गए थे। इसमें से 2.42 फीसदी यानी 108 नमूनों को पूरी तरह खराब पाया गया। इनमें आफ्लाटॉक्सिन्स, कीटनाशक जैसे घातक रसायन और बड़ी मात्रा में भारी मेटल पाए गए, जो सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इतना ही नहीं 24.2 फीसदी यानी 1,080 नमूनों की गुणवत्ता को भी बेहद खराब पाया गया। इन नमूनों में हाईड्रोसाइनिक एसिड मिला, जो एक तरह का जहरीला रसायन है। इसके अलावा बीआर रीडिंग, फैटी एसिड प्रोफाइल और आयोडीन वैल्यू जैसे अन्य अवयव भी तय मानक से ज्यादा पाए गए, जो सेहत पर गंभीर असर डाल सकते हैं।
572 नमूनों ने नहीं पूरे किए दावे
एफएसएसएआई ने कहा, कुल नमूनों में से 12.8 फीसदी यानी 572 में उत्पाद के लेबल पर किए गए दावे पूरे नहीं हुए। इन खाद्य तेलों में विटामिन ए और डी मिलने का दावा किया गया था, लेकिन परीक्षण में ये दावे फेल हो गए। ऐसे नमूनों को मिसब्रांडिंग श्रेणी में रखा गया है। कई खाद्य तेलों में अन्य तेल अथवा रसायनों की मिलावट दिखी, जबकि कुछ सेल्फ लाइफ जैसे मानकों को पूरा नहीं कर सके।
इन तेलों के नमूने उठाए
एफएसएसएआई ने 25-27 अगस्त, 2020 को देशभर से सरसों तेल, नारियल तेल, पाम तेल, मिश्रित तेल, बिनौला तेल, सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल, कुसुम तेल, मूंगफली तेल, कनोला तेल, राइस ब्रेन ऑयल, तिल का तेल, मक्के का तेल, अलसी का तेल व अन्य गैर सूचीबद्ध तेलों के नमूने जुटाए थे। इन्हें जांच के लिए प्राधिकरण के विभिन्न मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजा गया, जहां सुरक्षा, गुणवत्ता और मिसब्रांडिंग जैसे मानकों पर इनका परीक्षण हुआ।
कंपनियों से निगरानी की अपील
नमूनों का परीक्षण कराने के बाद एफएसएसएआई ने 9 सितंबर, 2021 को विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक की। इसमें ऑयल सर्वे रिपोर्ट को साझा कर कंपनियों से गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई। खाद्य नियामक ने तेल उत्पादक कंपनियों से कहा कि मिलावट को लेकर उनकी तरफ से पर्याप्त कदम उठाए जाएं। बैठक में राज्यों के खाद्य विभाग के अधिकारी, तेल प्रसंस्करण कंपनियों के प्रतिनिधि, संबंधित मंत्रालय और विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।
प्रवर्तन एजेंसियों को जांच के आदेश
एफएसएसएआई ने बड़ी मात्रा में मिलावट उजागर होने के बाद प्रवर्तन एजेंसियों और राज्यों की जांच इकाइयों को मिलावट रोकने के आदेश दिए हैं। कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने एफएसएसएआई की अपील पर देशभर में खाद्य तेलों की मिलावट पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। मंत्रालय ने कहा है कि मिलावट करने के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का नियम बनाया जाए और तकनीक व अन्य तरीकों से इस पर काबू पाना जाए।