वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सियोल
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 05 Mar 2022 07:47 AM IST
सार
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रिजालूशंस की ओर से प्रतिबंध लागू होने के बावजूद उत्तर कोरिया मिसाइल की टेस्टिंग करने से बाज नहीं आता है। उत्तर कोरिया के इस कदम के अमेरिका, दक्षिण कोरिया समेत कई देश परेशान हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग जहां चरम पर पहुंच गई है वहीं उत्तर कोरिया ने शनिवार सुबह एक अज्ञात मिसाइल की टेस्टिंग कर आसपास के देशों को चौंका दिया है। यह मिसाइल कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्व में सागर की ओर दागी गई है। यह जानकारी दक्षिण कोरिया के आर्मी चीफ की तरफ से दी गई है। बता दें कि उत्तर कोरिया इस साल अब तक कुल नौ मिसाइल टेस्टिंग कर चुका है।
जनवरी में भी किया था सात हथियारों का परीक्षण
उत्तर कोरिया ने जनवरी के महीने में भी सात हथियारों का परीक्षण किया था जिसमें 2017 के बाद से बनाई गई सबसे शक्तिशाली मिसाइल भी शामिल है। उस दौरान कहा गया कि यहां के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उकसाने के लिए यह कदम उठाया था।
दक्षिण कोरिया ने बताया संकट
दक्षिण कोरिया के आर्मी चीफ ने इस मिसाइल की टेस्टिंग को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रिजालूशंस का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि लगातार इस तरह की टेस्टिंग दुनिया के लिए खतरनाक है। इसपर तत्काल रोक लगनी चाहिए। वहीं इससे पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने भी हथियार कार्यक्रम के विस्तार के प्रति चिंता प्रकट की थी और कहा कि उत्तर कोरिया एक बार फिर लंबी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण शुरू कर सकता है जिससे क्षेत्र में युद्ध का माहौल फिर से बनने की संभावना है।
विस्तार
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग जहां चरम पर पहुंच गई है वहीं उत्तर कोरिया ने शनिवार सुबह एक अज्ञात मिसाइल की टेस्टिंग कर आसपास के देशों को चौंका दिया है। यह मिसाइल कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्व में सागर की ओर दागी गई है। यह जानकारी दक्षिण कोरिया के आर्मी चीफ की तरफ से दी गई है। बता दें कि उत्तर कोरिया इस साल अब तक कुल नौ मिसाइल टेस्टिंग कर चुका है।
जनवरी में भी किया था सात हथियारों का परीक्षण
उत्तर कोरिया ने जनवरी के महीने में भी सात हथियारों का परीक्षण किया था जिसमें 2017 के बाद से बनाई गई सबसे शक्तिशाली मिसाइल भी शामिल है। उस दौरान कहा गया कि यहां के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उकसाने के लिए यह कदम उठाया था।
दक्षिण कोरिया ने बताया संकट
दक्षिण कोरिया के आर्मी चीफ ने इस मिसाइल की टेस्टिंग को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रिजालूशंस का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि लगातार इस तरह की टेस्टिंग दुनिया के लिए खतरनाक है। इसपर तत्काल रोक लगनी चाहिए। वहीं इससे पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने भी हथियार कार्यक्रम के विस्तार के प्रति चिंता प्रकट की थी और कहा कि उत्तर कोरिया एक बार फिर लंबी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण शुरू कर सकता है जिससे क्षेत्र में युद्ध का माहौल फिर से बनने की संभावना है।
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