इस्राइल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने बुधवार को भारत के 73वें गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं दी और इस समारोह के साथ-साथ दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ इसी हफ्ते मनाए जाने को “एक शानदार मील का पत्थर” बताया। इसी सप्ताह 29 जनवरी को भारत-और इस्राइल के राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 साल पूरे हो रहे हैं, जिसका जश्न मनाने के लिए दोनों देश तैयार हैं।
भारत और इस्राइल के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने की 30वीं वर्षगांठ पर इस हफ्ते कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके बाद, साल भर दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय यात्राएं होने की संभावना है। दोनों देशों के बीच 29 जनवरी 1992 को राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। हालांकि, भारत ने इस्राइल को काफी पहले 17 सितंबर 1950 को ही मान्यता दे दी थी।
हर्जोग ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘भारत का 73वां गणतंत्र दिवस और इस्राइल-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ को एक ही हफ्ते में मनाया एक अद्भुत उपलब्धि है! राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और भारत के लोगों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। हम आने वाले कई और वर्षों की ऊर्जस्वी मित्रता की अपेक्षा कर रहे हैं।’’
इस एक सप्ताह में भारत के #गणतंत्रदिवस और🇮🇱🇮🇳 के संबंधों की ३०वीं वर्षगांठ मनाना एक अद्भुत उपलब्धि है! राष्ट्रपति @rashtrapatibhvn और भारत के महान लोगों को मेरी हार्दिक बधाई। हम आने वाले कई और वर्षों की ऊर्जस्वी मित्रता की अपेक्षा कर रहे हैं।#IndiaIsraelAt30
— יצחק הרצוג Isaac Herzog (@Isaac_Herzog) January 26, 2022
इस्राइली प्रधानमंत्री कर सकते हैं भारत दौरा: राजदूत गिलोन
भारत में इस्राइल के राजदूत नाओर गिलोन ने सोमवार को कहा था कि इस्राइली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के इस साल भारत की यात्रा करने की संभावना है। क्योंकि दोनों देश आपसी राजनयिक संबंध के 30 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। हालांकि, अभी दौरे की तारीख तय नहीं है।
इस मौके पर वर्ष भर चलने वाले उत्सव को गति देने के लिए वर्चुअल माध्यम से एक विशेष लोगो जारी किया गया। प्रतीक चिन्ह (Logo) जारी करने के लिए आयोजित वेबिनार में गिलोन ने कहा कि वह भारत में राजदूत बनकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। गिलोन ने दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच संबंध को असाधारण और नियमों से परे बताया।
गिलोन ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने को लेकर इस्राइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और अन्य अधिकारी इस वर्ष भारत यात्रा पर आ सकते हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस्राइली प्रधानमंत्री बेनेट को भारत आने का न्योता दिया था।
गिलोन ने कहा कि यह हमारी पारस्परिक सफलताओं पर विचार करने और आगामी 30 वर्ष के आपसी संबंधों को निर्धारित करने के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संबंध आने वाले वर्षों में और मजबूत होंगे। गिलोन ने इस प्रतीक चिन्ह को तेल अवीव में तैनात भारतीय राजदूत संजीव सिंगला के साथ वर्चुअल माध्यम से जारी किया। इस प्रतीक चिन्ह में डेविड स्टार और अशोक चक्र शामिल हैं, ये दोनों प्रतीक दोनों देशों के ध्वज में भी शामिल हैं। प्रतीक चिन्ह में 30 का अंक भी है, जो राजनयिक संबंधों के 30 वर्ष पूरे होने को दर्शाता है।
संजीव सिंगला ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2022 द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के पांच वर्ष का भी प्रतीक है, जो 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक इस्राइल यात्रा के दौरान स्थापित की गई थी। भारतीय राजदूत ने बताया कि कैसे नवानगर के महाराजा जाम साहिब ने न केवल कई यहूदी बच्चों की जान बचाई, बल्कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्हें आश्रय प्रदान किया। महाराजा ने जब तक वे रहना चाहे तब तक उनकी देखभाल की और संरक्षण प्रदान किया।
दोनों देशो के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ से जुड़ा प्रतीक चिन्ह बनाने के लिए इस्राइल और भारत के प्रमुख डिजाइन कॉलेजों के छात्रों के लिए एक प्रतियोगिता शुरू की गई थी। एनआईटी के निखिल कुमार राय के डिजाइन को सर्वसम्मति से समारोह के लिए स्मारक लोगो के रूप में चुना गया। वाराणसी निवासी निखिल एनआईटी अहमदाबाद में अंतिम वर्ष के छात्र हैं।