इंडिया मोबाइल कांग्रेस के लिए एक संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया 5जी प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), वर्चुअल रियलिटी, क्लाउड से लेकर इंटरनेट ऑफ थिंग्स और रोबोटिक्स सहित सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी आधारित सस्ती और भरोसेमंद समाधान प्रदान करने के लिए उम्मीद भरी नजरों से भारत की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि देश का डिजिटल आकार बहुत बड़ा है और डिजिटल क्षमता असाधारण है। दरअसल, भविष्य में तेज तकनीकी प्रगति की बहुत बड़ी संभावनाएं हैं। ऐसे में यह सोचना और योजना बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि कैसे हमारे नवाचार एवं प्रयास लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में अधिक योगदान करते हैं। इसके साथ ही कैसे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि, सूक्ष्म और लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
स्मार्टफोन पर सब्सिडी देने को यूएसओ फंड का इस्तेमाल करें : अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि देश में डिजिटल क्रांति की मदद के खातिर चुनिंदा समूहों को स्मार्टफोन पर सब्सिडी देने के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन (यूएसओ) फंड का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा, 4जी और 5जी नेटवर्क के लिए स्मार्टफोन जरूरी है। देश में फीचर फोन चलाने वाले 28 करोड़ लोगों के लिए शुरुआती स्तर के स्मार्टफोन अब भी महंगे हैं। भारत में मोबाइल ग्राहक आधार में तेज विस्तार के लिए सेवाओं के साथ उपकरण और अनुप्रयोग को सस्ता बनाना होगा। व्यापक स्तर पर चीजों को सस्ता बनाने का सबसे अच्छा तरीका यूएसओ फंड के इस्तेमाल जैसे सहायक नीति उपकरणों और भविष्य की प्रौद्योगिकी को अपनाना है।
दूरसंचार कंपनियों की ओर से भुगतान किए जाने लाइसेंस शुल्क का पांच फीसदी यूएसओ फंड में जाता है। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल-ब्रॉडबैंड सेवाओं के ढांचा निर्माण के लिए अप्रैल, 2002 में बनाया गया था। हालांकि, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का मानना है कि इस फंड के आधे से भी कम हिस्से का इस्तेमाल इन उद्देश्यों के लिए होता है। कैग के मुताबिक, 2019-20 में कुल लाइसेंस शुल्क संग्रह 7,961.53 करोड़ रुपये था। इसमें सिर्फ 2,926 करोड़ ही यूएसओ फंड में गया था।
जल्द पूरा हो 5जी तक बढ़ने का काम
1. अंबानी ने कहा कि भारत को 2जी से 4जी और 5जी तक बढ़ने का काम जल्द पूरा करना चाहिए।
2. सामाजिक-आर्थिक लिहाज से सबसे नीचे के लाखों भारतीयों को 2जी तक सीमित रखना उन्हें डिजिटल क्रांति के लाभों से दूर रखना है।
3. भारत को अधिक-से-अधिक डिजिटल समावेश की ओर बढ़ना चाहिए, डिजिटल अलगाव की ओर नहीं।
4. पूरे भारत में फाइबर कनेक्टिविटी को बेहद तेजी के साथ पूरा किया जाना चाहिए।
व्यापार सुगमता और बैंकों के समर्थन से मिलेगी मजबूती
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि व्यापार सुगमता और बैंकों के समर्थन से दूरसंचार उद्योग मजबूत होगा। मोबाइल उद्योग 2025 तक भारत के 50 खरब अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में अहम भूमिका निभाएगा। इसमें 1,000 अरब डॉलर का योगदान डिजिटल अर्थव्यवस्था का होगा।
दूरसंचार क्षेत्र को नए मुकदमों से बचना जरूरी
भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में नए मुकदमों से बचने के लिए नियामकीय व्यवस्था को सरल बनाने की जरूरत है। स्पेक्ट्रम की कीमतें घटाने और शुल्क कम करने पर भी ध्यान देना होगा।
दुनिया का सर्वश्रेष्ठ नियामकीय ढांचा बनाना चाहती है सरकार : दूरसंचार मंत्री
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार क्षेत्र (दूरसंचार) के नियामकीय ढांचे को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ के समान बनाना चाहती है। हम समाज के अंतिम छोर पर खड़े तबकों तक डिजिटल संपर्क पहुंचाना चाहते हैं। इसलिए मैं उद्योग जगत से नियामकीय ढांचे में और सुधार के लिए सुझाव मांगता हूं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अगुवाई में केंद्र सरकार समावेशी विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। इसलिए सरकार ने कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनियों को राहत देने के लिए सितंबर में कई सुधारों की घोषणा की थी। इससे इन कंपनियों का नकदी प्रवाह बढ़ाने में मदद मिली है। वैष्णव ने कहा कि दुनिया के सभी देश दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। लोग दूरसंचार उपकरण, नेटवर्क परिचालन प्रणाली से लेकर सभी कुछ भरोसेमंद स्रोतों से चाहते हैं। ऐसे में भू-राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर भरोसेमंद उत्पादों और उपकरणों के जरिये दूरसंचार नेटवर्क को सुरक्षित बनाना होगा।