वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 22 Dec 2021 05:46 PM IST
सार
पोलियो और इन्सेफ्लाइटिस जैसे वायरसों को खत्म करने के लिए बन चुके श्योर शॉट टीकों की तरह अब तक कोरोनावायरस को रोकने के लिए कोई पक्का इलाज नहीं मिला है। हालांकि, अमेरिकी सेना से जुड़े वैज्ञानिकों ने अब उम्मीद जगाई है।
अमेरिका के वॉल्टर रीड आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के वैज्ञानिकों को है श्योर शॉट वैक्सीन तैयार होने की उम्मीद।
– फोटो : Twitter/WRAIR
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विस्तार
कोरोनावायरस महामारी को शुरू हुए दो साल जल्द पूरे होने वाले हैं। इस बीच कई वैक्सीन कंपनियां लोगों को कोरोना के प्रभाव से बचाने के लिए अंतरिम तौर पर टीके लॉन्च करती जा रही हैं। फाइजर, मॉडर्ना, एस्ट्रा जेनेका, भारत बायोटेक, साइनोफार्म और आरडीआईएफ के अलावा भी कई और कंपनियां लगातार नई तकनीक वाली वैक्सीन लाने का एलान कर रही हैं। हालांकि, पोलियो और इन्सेफ्लाइटिस जैसे वायरसों को खत्म करने के लिए बन चुके श्योर शॉट टीकों की तरह अब तक कोरोनावायरस को रोकने के लिए कोई पक्का इलाज नहीं मिला है।
हालांकि, अब जल्द ही इस समस्या का समाधान भी मिल सकता है। अमेरिका के एक सैन्य रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कोरोना और सार्स के सभी वैरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी एक डोज वाला टीका विकसित कर लिया है। बताया गया है कि इसे लेकर परीक्षण जारी है और जल्द ही इससे जुड़े एलान किए जा सकते हैं।
अमेरिकी मैगजीन ‘डिफेंस वन’ (Defense One) की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के वॉल्टर रीड आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन को कुछ समय पहले ही तैयार कर लिया था। सेना ने स्पाइक फेरिटिन नैनोपार्टिकल्स (SpFN) आधारित इस वैक्सीन का निर्माण 2020 की शुरुआत में ही शुरू कर दिया था। वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन को इस तरह निर्मित करने का लक्ष्य रखा था कि यह कोरोना के सभी आगामी वैरिएंट्स का भी मुकाबला कर सके।
बताया गया है कि लैब की तरफ से इस वैक्सीन का जानवरों पर ट्रायल 2021 की शुरुआत में पूरा हो गया था। इसके सकारात्मक नतीजे मिलने के बाद संस्थान ने अप्रैल 2021 से ह्यूमन ट्रायल का पहला फेज शुरू किया। वॉल्टर रीड के संक्रामक रोग विभाग के निदेशक डॉक्टर केवोन मोदजराद ने इस वैक्सीन के निर्माण की पुष्टि करते हुए कहा कि इसके परीक्षण का पहला फेज दिसंबर की शुरुआत में ही पूरा हुआ है और इसे ओमिक्रॉन और बाकी मौजूदा वैरिएंट्स के खिलाफ भी टेस्ट किया गया।
नतीजों में सामने आया कि SpFN वैक्सीन कोरोना और सार्स के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ इसके अलग-अलग वैरिएंट्स से भी सुरक्षा मुहैया कराता है। डॉक्टर केवोन ने कहा कि जिस तरह से पिछले दो दशक में वायरसों का उभार हुआ है और कोरोना के वैरिएंट्स भी सामने आ रहे हैं, इससे साफ है कि हमें ऐसी वैक्सीन बनाने के लिए तैयार रहना है, जो बाकी वायरसों का सामना करने के लिए भी उपयुक्त हों।
